राजस्थानः कथित गोहत्‍या पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद दो गांवों में कर्फ्यू

राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में प्रदर्शनकारी बीते 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में हुई कथित गोहत्या में शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जब बीते बुधवार को उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि इस संबंध में 45 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो साभारः ट्विटर)

राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में प्रदर्शनकारी बीते 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में हुई कथित गोहत्या में शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, जब बीते बुधवार को उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि इस संबंध में 45 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

(फोटो साभारः ट्विटर)

जयपुर: राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के दो गांवों में कथित गोहत्‍या से जुड़े एक मामले में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. जिलाधिकारी नथमल डिडेल ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

जिलाधिकारी ने कहा, ‘बुधवार शाम को गांधी बड़ी और चिड़िया गांधी ग्राम पंचायत में कर्फ्यू लगा दिया गया. केवल आपातकालीन सेवाओं की अनुमति है. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है.’

प्रदर्शनकारी 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में हुई गोहत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उन्होंने बताया कि पुलिस इस सिलसिले में आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ महिलाओं समेत स्‍थानीय लोगों ने 24 जुलाई को गांधी बड़ी गांव में अनुमति लिए बिना धरना शुरू कर दिया. उनके साथ बातचीत हुई और उन्हें आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 पहले से ही लागू के कारण धरना वापस लेने के लिए कहा गया, लेकिन वे अड़े रहे.

डिडेल ने कहा, ‘पुलिस ने उनके तम्बू और अन्य सामान जब्त कर लिए और कुछ प्रदर्शनकारियों को धारा 144 के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार कर लिया गया. बुधवार शाम को वे फिर से गांधी बड़ी में इकट्ठे हुए और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद दोनों गांवों में कर्फ्यू लगा दिया गया.’

उन्होंने बताया कि 45 लोगों को पकड़ा गया है.

उन्होंने कहा कि एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसने 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में गोकशी होते देखी थी, जिसके बाद सरकारी दल ने नमूने एकत्र किए और परीक्षण के लिए भेजे. 18 जुलाई को आई रिपोर्ट में एक नमूने में गोमांस पाया गया था.

अमर उजाला के अनुसार, पत्थरबाजी में भिरानी एसएचओ ओम प्रकाश सुथार के सिर में चोट आई. वहीं एएसपी सुरेश जांगिड़ और भादरा थाना प्रभारी रणवीर साईं सहित कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए.

इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए आंसू गैस और बल प्रयोग किया. क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. इलाके में शांति व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल तैनात है.

 

जिलाधिकारी ने कहा, ‘एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गांधी बड़ी में लोग और गिरफ्तारी करने, एक धार्मिक स्थल का निरीक्षण करने, सीसीटीवी लगाने आदि मांग कर रहे हैं.’

इंडिया टुडे के मुताबिक, पुलिस ने गोहत्या के आरोप में फारूक, अनवर, अमीन खान और सिकंदर खान को गिरफ्तार किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)