पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में बीते 23 जुलाई को गिरफ़्तार किया था. इस मामले में चटर्जी की क़रीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ़्तार किया गया है.

पार्थ चटर्जी. (फोटो: पीटीआई)

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में बीते 23 जुलाई को गिरफ़्तार किया था. इस मामले में चटर्जी की क़रीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ़्तार किया गया है.

पार्थ चटर्जी. (फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्खास्त कर दिया.

मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने एक अधिसूचना में कहा, ‘पार्थ चटर्जी को उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, संसदीय मामलों के विभाग और सार्वजनिक उद्यम एवं औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है.’

वहीं, कोलकाता में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बर्खास्त किए गए मंत्री पार्थ चटर्जी के विभागों का प्रभार कुछ समय के लिए उनके पास रहेगा.

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में बीते 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था.

ईडी ने बीते 22 जुलाई को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में दो मंत्रियों सहित करीब 12 व्यक्तियों के घरों पर एक साथ छापेमारी की थी. इसी कड़ी में राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था.

यह मामला तब का है, जब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हुआ करते थे. चटर्जी अभी ईडी की हिरासत में हैं

ईडी ने इस मामले में चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है. ईडी ने अर्पिता के एक परिसर से लगभग 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस ने टीएमसी सूत्रों के हवाले से कहा है, ममता बनर्जी शुरू में चटर्जी को कैबिनेट से हटाने के लिए अनिच्छुक थीं, लेकिन कोलकाता के बाहरी इलाके बेलघरिया में उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के एक फ्लैट से दूसरी बार नकदी के भंडार की बरामदगी के बाद पार्टी नेतृत्व ने चटर्जी को तुरंत बर्खास्त करने का फैसला किया.

मालूम हो कि ईडी ने बीते बुधवार को चटर्जी के करीबी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित एक दूसरे फ्लैट से 27.90 करोड़ रुपये नकद और लगभग 6 किलो सोना जब्त किया था

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों के साथ-साथ शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है. ईडी घोटाले में राशि कहां से आई और कहां गई, इसकी पड़ताल कर रही है.

वर्ष 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री रहे चटर्जी से इस साल अप्रैल और मई में सीबीआई ने भी इस घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)