मुंबई में एक समारोह को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से हटा दिया जाए, तो आपके पास न तो पैसे रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी.
मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की उस टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे रहेंगे और न ही वित्तीय राजधानी का तमगा रहेगा.
इसके विरोध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तक को यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि वे राज्यपाल से सहमत नहीं हैं. शिंदे ने कहा कि वह मुंबई के संबंध में राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि शहर के विकास में मराठी लोगों द्वारा किए गए योगदान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
विपक्षी दलों ने भी राज्यपाल की टिप्पणी की निंदा की और उनसे इस टिप्पणी को लेकर माफी मांगने की मांग की है.
इस बीच, टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है. उन्होंने कहा कि उनका ‘मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था.’
राज्यपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.
बता दें कि मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक चौक के नामकरण समारोह को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने शुक्रवार (29 जुलाई) को कहा था, ‘मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र, खास तौर पर मुंबई और ठाणे से हटा दिया जाए, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी.’
#WATCH | If Gujaratis and Rajasthanis are removed from Maharashtra, especially Mumbai and Thane, no money would be left here. Mumbai would not be able to remain the financial capital of the country: Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari pic.twitter.com/l3SlOFMc0v
— ANI (@ANI) July 30, 2022
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी से मुंबई के संबंध में की गई टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब यह तय करने का समय आ गया है कि उन्हें घर वापस भेजा जाना चाहिए या जेल.
ठाकरे ने राज्यपाल पर मुंबई और ठाणे में ‘शांति से रह रहे हिंदुओं को बांटने’ की कोशिश करने का भी आरोप लगाया.
मुंबई स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘मराठी लोगों के खिलाफ राज्यपाल के मन में जो नफरत है, वह अनजाने में सामने आ गई है.’
उन्होंने मांग की कि राज्यपाल मराठी लोगों से माफी मांगें.
मुंबईचा इतिहास, महाराष्ट्राचा इतिहास, महाराष्ट्राची ओळख संपूर्ण जगाला आहे. पण महाराष्ट्राचे राज्यपाल पद भूषविणाऱ्या या व्यक्तिला नाही.
– शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धवसाहेब ठाकरे pic.twitter.com/SRatAI53mZ— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) July 30, 2022
ठाकरे ने कहा, ‘यह फैसला करने का समय आ गया है कि कोश्यारी को वापस घर भेजा जाए या जेल… पिछले तीन सालों में महाराष्ट्र में रहने के बावजूद उन्होंने मराठी-भाषी लोगों का अपमान किया है. अब इन टिप्पणियों के साथ उन्होंने राज्यपाल के पद का भी अपमान कर दिया है.’
विवाद के बीच शिवसेना के बागी गुट के नेता मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि वे कोश्यारी के बयान से असहमति रखते हैं.
उन्होंने नासिक जिले के मालेगांव में पत्रकारों से कहा, ‘हम (मुंबई के संबंध में) कोश्यारी के विचार से सहमत नहीं हैं. यह उनका निजी विचार है. उन्होंने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है. वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों से दूसरों को ठेस न पहुंचे.’
उन्होंने कहा, ‘मराठी समुदाय की कड़ी मेहनत ने मुंबई के विकास और प्रगति में योगदान दिया है. यह एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं. देशभर के लोगों के इसे अपना घर बनाने के बावजूद, मराठी लोगों ने अपनी पहचान और गौरव को बरकरार रखा है और इसका अपमान नहीं किया जाना चाहिए.’
वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धुले में पत्रकारों से कहा कि मराठी भाषी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में अहम योगदान है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यहां तक कि औद्योगिक क्षेत्र में भी मराठी भाषी लोगों ने वैश्विक प्रगति की है. हम राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं.’
प्रदेश कांग्रेस ने भी राज्यपाल के बयान की निंदा की और उनसे माफी मांगने को कहा.
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि राज्यपाल की टिप्पणी से राज्य के प्रति उनकी नफरत की बू आती है. उन्होंने राज्यपाल से इस बयान के लिए माफी की मांग की.
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि कोश्यारी की टिप्पणी अपमानजनक है. उन्होंने कहा कि केंद्र को कोश्यारी का इस्तीफा मांगना चाहिए और उन्हें गुजरात या राजस्थान भेजना चाहिए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी इस मुद्दे पर राज्यपाल की आलोचना की.
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि राज्यपाल को अनावश्यक विवाद पैदा नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मराठी भाषी लोगों ने मुंबई को अपनी राजधानी बनाकर महाराष्ट्र राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और महाराष्ट्र के बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है.
एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘राज्यपाल के मन में मराठी-भाषी कामकाजी वर्ग के प्रति सम्मान की कमी है, जिनकी कड़ी मेहनत से मुंबई आगे बढ़ी और विकसित हुई.’
उन्होंने कहा कि कोश्यारी ने मराठी लोगों की धन-संपदा बनाने की क्षमता पर संदेह जताया है और यह महाराष्ट्र का अपमान है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री शिंदे में आत्मसम्मान बचा है, तो उन्हें राज्यपाल से इस्तीफे की मांग करनी चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया कि राज्यपाल यह समझाना चाहते हैं कि मराठी लोग और महाराष्ट्र ‘भिखारी’ हैं.
राज्यपाल महोदयांच्या बेताल विधानाचा समाचार घेण्यासाठी
शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे यांची पत्रकार परिषद:
आज. मातोश्री.१ वाजता. pic.twitter.com/kEDEg0reO4— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 30, 2022
राउत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में आत्मसम्मान बचा है, तो उन्हें राज्यपाल से इस्तीफे की मांग करनी चाहिए.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि अगर कोश्यारी को महाराष्ट्र के इतिहास की जानकारी नहीं है तो उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.
“मराठी माणसाला डिवचू नका!” pic.twitter.com/0to6ByNyPk
— Raj Thackeray (@RajThackeray) July 30, 2022
उन्होंने कहा, ‘बाहरी लोग राज्य में आते हैं और यहां कारोबार शुरू करते हैं, क्योंकि मराठी भाषियों ने राज्य में अनुकूल माहौल बनाया है.’
उन्होंने साथ ही कहा कि राज्यपाल को मराठी लोगों को उत्तेजित नहीं करना चाहिए.
वहीं, शिवसेना की युवा शाखा ‘युवा सेना’ ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर ‘हिंदुओं को विभाजित करने’ और ‘मराठियों का अपमान करने’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला किया है.
राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग को लेकर युवा सेना सभी विधानसभा क्षेत्रों में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी. संगठन ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी.
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाली युवा शाखा ने कोश्यारी पर मराठियों का लगातार अपमान करने और हिंदुओं को विभाजित करने का आरोप लगाया.
राज्यपाल की सफाई
इस बीच, राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोश्यारी ने मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी बनाने में राजस्थानी मारवाड़ियों और गुजराती समुदाय के योगदान की प्रशंसा की थी.
राज्यपाल ने कहा कि राजस्थानी मारवाड़ी समुदाय देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ नेपाल और मॉरीशस जैसे देशों में भी निवास करता है.
उन्होंने कहा, ‘जहां भी इस समुदाय के लोग जाते हैं, वे न केवल कारोबार करते हैं, बल्कि स्कूल और अस्पताल के निर्माण जैसे परोपकारी कार्य भी करते हैं.’
राज्यपाल ने उनकी टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के मद्देनजर शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि वह केवल शहर के कारोबार और उद्योग में गुजराती और राजस्थानी समुदायों के योगदान पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा करते हुए मेरी मंशा मराठी भाषी लोगों के अपमान की नहीं थी. मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.’
कोश्यारी ने कहा कि वह राज्यपाल के तौर पर उत्कृष्ट महाराष्ट्र राज्य की सेवा कर गौरवान्वित महसूस करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुंबई महाराष्ट्र का गुरूर है और देश की वित्तीय राजधानी है. मैंने भी कम समय में मराठी सीखने की कोशिश की.’
कोश्यारी ने कहा कि मराठी उद्योगपतियों ने न केवल अपने राज्य में बल्कि देश-दुनिया में नाम किया है. उन्होंने कहा, ‘मराठी लोगों का अपमान करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.’
राज्यपाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, क्योंकि हर चीज को राजनीति के चश्मे से देखने की आदत हो गई है और इस आदत को बदलने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘एक समुदाय की प्रशंसा का अभिप्राय दूसरे का अपमान नहीं है. राजनीतिक पार्टियों को बेवजह का विवाद पैदा नहीं करना चाहिए. मैं कभी महाराष्ट्र और मराठी लोगों का अपमान नहीं कर सकता. ’
‘हम दो’ के आदेश का पालन करने के लिए कुर्सी पर बैठें हैं कोश्यारी: कांग्रेस
कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भी कोश्यारी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा है. पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कोश्यारी कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कोश्यारी के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘इनका नाम ‘कोश्यारी’ है. लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ‘होशियारी’ नहीं होती. ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं, क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठापूर्वक पालन करते हैं.’
इनका नाम ‘कोश्यारी’ है। लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ‘होशियारी’ नहीं होती। ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठा पूर्वक पालन करते हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 30, 2022
कांग्रेस ‘हम दो’ शब्दावली का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करने के लिए अकसर करती है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, ‘मेरे पिता (मुरली देवड़ा) राजस्थान और मां कोल्हापुर से थीं. इसके बावजूद वे अपनी पहचान मुंबईवासी और महाराष्ट्रवासी के तौर पर रखते थे. मुंबई के मूल निवासी सभी लोगों का स्नेह और सम्मान के साथ स्वागत करते हैं. यही विविधता ही इस महानगर की सबसे बड़ी ताकत है. जब मुंबई भेदभाव नहीं करती तो हम क्यों करें?’
My father was from Rajasthan & my mother from Kolhapur. Yet they identified as Mumbaikars & Maharashtrians.
Mumbai’s original inhabitants welcomed all with love & respect. It’s diversity is it’s greatest strength.
Why discriminate when Mumbai doesn’t?
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) July 30, 2022
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के बाद)