बंगाल में नकदी के साथ पकड़े गए झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक गिरफ़्तार, पार्टी से भी निलंबित

झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.

Ranchi: Combo image of Congress MLAs (L-R) Rajesh Kacchap, Naman Viksal and Irfan Ansari. Jharkhand Congress In-Charge Avinash Pande suspended the three MLAs from the party after huge amount of cash was found in a vehicle in which they were traveling, on Sunday. (PTI Photo)

झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.

झारखंड के कांग्रेस विधायक (बाएं से दाएं) राजेश कच्छप, नमन बिक्सल और इरफान अंसारी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने झारखंड के उन तीन विधायकों को रविवार को निलंबित कर दिया, जिनके पास से पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी.

वहीं, एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि तीनों विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और सीआईडी मामले की जांच अपने हाथ में लेगी.

कांग्रेस ने शनिवार को तीन विधायकों के पकड़े जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झारखंड में उसकी गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.

दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीनों विधायकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘अधिकांश विधायक पार्टी के साथ हैं, लेकिन वो जो विधायक दल को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, पार्टी नेतृत्व के पास उसकी पूरी जानकारी है. पार्टी उचित समय पर कार्रवाई करेगी.’

साथ ही, कांग्रेस की ओर से झारखंड सरकार के स्थिर होने का दावा किया गया. पांडेय ने कहा, ‘सरकार को कोई खतरा नहीं है. सरकार सुरक्षित और स्थिर है.’

पांडेय ने कहा कि सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए इसे अस्थिर और कमजोर करने के प्रयास पिछले दो सालों से चल रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘विधायकों से संपर्क करने, उन्हें डराने-धमकाने या ललचाने की लगातार कोशिशें की जा रही थीं. कुछ महीने पहले कुछ विधायकों से संपर्क करने के चलते कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी.’

पांडेय ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नाम लेकर विधायकों को डराने की कोशिशें की जा रही हैं.

गौरतलब है कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार को एक एसयूवी को रोका था, जिसमें हावड़ा के रानीहाटी में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर यात्रा कर रहे थे और कथित तौर पर वाहन में भारी मात्रा में नकदी मिली थी.

इस संबंध में हावड़ा (ग्रामीण) की पुलिस अधीक्षक स्वाति भांगलिया ने कहा, ‘हमें सटीक सूचना मिली थी कि काले रंग की एक कार में बड़ी रकम ले जाई जा रही है. हमने वाहनों की तलाशी शुरू कर दी और इस कार को रोका, जिसमें तीन विधायक सवार थे. कार से बड़ी नकद राशि बरामद हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘नकदी गिनने के लिए मशीन मंगवाई गईं. विधायकों से भी पूछताछ की जा रही है कि इस धन के स्रोत क्या हैं और इसे कहां ले जाया जा रहा था.’

पुलिस के मुताबिक, एसयूवी में विधायकों के अलावा दो अन्य लोग भी बैठे हुए थे. इस कार के एक बोर्ड पर कांग्रेस के चुनाव चिह्न के साथ ही ‘विधायक जामताड़ा झारखंड’ लिखा हुआ था.

ज्ञात हो कि अंसारी जामताड़ा, जबकि कच्छप रांची जिले के खिजरी और बिक्सल कोंगारी सिमडेगा कोलेबिरा से विधायक हैं.

इस बीच पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को तीनों विधायकों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि उनके वाहन से 49 लाख रुपये की राशि बरामद हुई.

झारखंड के कांग्रेस विधायकों के वाहन से बरामद नकदी. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने कहा कि विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी व उनका वाहन चालक पुलिस को यह बताने में विफल रहे कि वे इतनी बड़ी मात्रा में नकदी क्यों ले जा रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने कहा कि सीआईडी ने हावड़ा ग्रामीण पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली है.

उन्होंने कहा कि विधायकों समेत पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने कहा कि विधायकों से पूरी रात पूछताछ की गई.

बहरहाल, इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा था, ‘झारखंड में भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ आज की रात हावड़ा में बेनकाब हो गया. दिल्ली में ‘हम दो’ का गेम प्लान झारखंड में वही करने का है, जो उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ-देवेंद्र (ई-डी) की जोड़ी से करवाया था.’

वहीं, कांग्रेस की झारखंड इकाई ने दावा किया था कि भाजपा ने राज्य में हेमंत सोरेन सरकार को अपदस्थ करने के षड्यंत्र में बड़ी धनराशि का इस्तेमाल किया. झारखंड सरकार में कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी घटक हैं.

झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु टिर्की ने शनिवार को कहा था, ‘ऐसा लगता है कि यह भाजपा की साजिश है. हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा उसे अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. अगर हम देखें कि महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में क्या हुआ तो यह साफ हो जाएगा कि भाजपा सरकारों को सत्ता से बाहर करने के लिए धन का प्रयोग करती है.’

उन्होंने कहा था, ‘मैं पार्टी आलाकमान से इन तीन विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं, ताकि पार्टी के अन्य सदस्यों को कड़ा संदेश दिया जा सके.’

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद हाल ही में टिर्की को भी विधायक पद से अयोग्य करार दिया गया था.

कांग्रेस के बयान का समर्थन करते हुए पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त तथा झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झाझुमो) सरकार को संभावित रूप से सत्ता से बाहर करने की अफवाहों के बीच नकदी बरामद की गई है.

टीएमसी ने ट्वीट किया, ‘विधायकों की खरीद-फरोख्त और झारखंड सरकार को संभावित रूप से सत्ता से बाहर करने की अफवाहों के बीच झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों को बंगाल में भारी मात्रा में नकदी लाते हुए पकड़ा गया है. इस धन का स्रोत क्या है? क्या कोई केंद्रीय एजेंसी इस पर स्वत: संज्ञान लेगी? या नियम चुनिंदा लोगों पर ही लागू होते हैं?.’

वहीं, झारखंड से निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने कांग्रेस से यह बताने को कहा है कि क्या विधायक नकदी लेकर झारखंड लौट रहे थे या झारखंड से किसी और राज्य में जा रहे थे. उन्होंने पूछा, ‘धन का स्रोत कौन-सा राज्य है- असम, बंगाल या झारखंड?’

पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘ईडी अधिकारी, क्या आप इस मामले का संज्ञान ले रहे हैं या मामला इतना गंभीर नहीं है?’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)