भाजपा नेता और झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद जयंत सिन्हा ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग़रीबों की थाली खाने से भरी हो और लोगों को कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के कारण महंगाई के प्रभाव से बचाया जाए.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि देश में विपक्ष को महंगाई ढूंढने से भी नहीं मिल रही है, क्योंकि महंगाई है ही नहीं. उन्होंने लोकसभा में नियम 193 के तहत महंगाई पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की.
लोकसभा में मूल्य वृद्धि पर बहस में भाग लेते हुए पूर्व वित्त राज्य मंत्री सिन्हा ने तर्क दिया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गरीबों की थाली खाने योग्य वस्तुओं से भरा हो और लोगों को कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संकट के कारण होने वाली मुद्रास्फीति के प्रभाव से बचाया जाए.
सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पर कटाक्ष करते कहा कि कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘संदेश’ रसगुल्ला और मिष्ठी दही दी जा रही है और राजस्थान में चूरमा भी दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे ‘रेवड़ी’ लोग हैं. राजस्थान में भी चूरमा बनाया जा रहा है और उसमें घी डाला जा रहा है. हमें चूरमा, संदेश, जलेबी बनाने वालों और देश को बर्बाद करने वाले रेवड़ीवालों से सावधान रहना होगा.’
आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘दिल्ली वालों को ऐसा हलवाई मिला है जो जलेबी ही तलता रहता है. वह जलेबी की कढ़ाई लेकर पंजाब पहुंच गया था. अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो वही कढ़ाई लेकर गुजरात और हिमाचल प्रदेश में घूम रहा है.’
झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सदस्य सिन्हा का कहना था विपक्ष के लोग महंगाई की बात कर रहे हैं, लेकिन वे उसे ढूंढ नहीं पा रहे हैं, उन्हें अपने शासन वाले राज्यों में महंगाई देखनी चाहिए.
लोकसभा में महंगाई पर विचार रखे।
विपक्ष बेबुनियादी बातों से देश को गुमराह कर रहा है।
मा. पीएम @narendramodi जी की नीतियों से हर ज़रूरतमंद को भोजन मिला है।
मोदी सरकार की कुशलता से कीमतें नियंत्रित हैं।
आज गरीब की थाली आंकड़ों नहीं वस्तुओं से भरी है।
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— Jayant Sinha (@jayantsinha) August 1, 2022
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हाल के राष्ट्रपति चुनावों में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा ने कहा, ‘सुप्रिया सुले जी ने ठीक ही कहा है कि पेट आंकड़ों से नहीं भरा जाता है. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों में जाता हूं और लोग मुझसे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि हमारा पेट भरा रहे. कोविड महामारी के दौरान सभी गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान किया गया था और उन्हें जरूरत का सब कुछ उपलब्ध कराया गया था.’
उन्होंने महंगाई के मोर्चे पर केंद्र सरकार के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा, ‘जरूरी वस्तुओं की कीमत पर इस सरकार का नियंत्रण अतुलनीय और अकल्पनीय है. आपके समय में ऐसा नहीं था. आज गरीब की थाली आंकड़ों से नहीं, वस्तुओं से भरी हुई है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप किसी गरीब की थाली देखते हैं और उससे पूछते हैं कि आप चावल के लिए क्या कीमत दे रहे हैं तो वह आपको बताएगा कि यह मुफ़्त है, दाल भी कम कीमत पर उपलब्ध है. जो सब्जियां आपको आठ साल पहले 10 से 15 रुपये में मिल रही थी आप इसे अभी भी लगभग उसी कीमत पर और अधिकतम 15 से 20 रुपये में प्राप्त कर रहे हैं.’
सिन्हा ने दावा किया कि आटा, दूध और अंडे जैसी जरूरी चीजों की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण बेजोड़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा, ‘आपके (यूपीए) समय में यह संभव नहीं था इसलिए गरीबों की थाली आंकड़ों से नहीं, बल्कि खाने-पीने की वस्तुओं से भरी हुई है और उसी से उनका पेट भर रहा है. यह हकीकत है, आपको यह पसंद नहीं है, आप मुद्रास्फीति (महंगाई) की तलाश कर रहे हैं, लेकिन आप इसे कहीं भी ढूंढ नहीं पा रहे हैं, क्योंकि मुद्रास्फीति नहीं है. आम आदमी की नजर से देखिए, हमने आम आदमी की ‘थाली’ भर दी है.’
उनके अनुसार, न सिर्फ थाली भर दी है, बल्कि गरीब के घर में बैंक का खाता पहुंचा दिया, बिजली पहुंचा दी, शौचालय पहुंचा दिया. पांच लाख रुपये का आयुष्मान बीमा दिया है.
जयंत ने सदन में विपक्ष के विरोध की निंदा करते हुए कहा, ‘हमने आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये का कवरेज दिया है. मूल्य वृद्धि क्या है? गिरते हालात में भी हम करोड़ों लोगों को गैस सिलेंडर दे रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर गरीब को महंगाई महसूस नहीं हो रही है तो यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच के कारण है. सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की. कोविड के समय सबके जन धन खाते में पैसा पहुंचा दिया.’
उन्होंने तर्क दिया कि जन धन योजना, आधार और मोबाइल नंबर ने लोगों को मुद्रास्फीति के खिलाफ एक ढाल प्रदान की है.
सिन्हा ने कहा, ‘विपक्ष के कई साथी आंकड़े लाते हैं. दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि मोदी जी की सरकार ने इस मुश्किल परिस्थितियों को जिस तरह से संभाला है, उसकी कोई मिसाल नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘आज भारत में महंगाई दर सात प्रतिशत है, लेकिन अमेरिका जैसे देश में आठ प्रतिशत है. यही संप्रग सरकार के अंधेरे और हमारी सरकार की रोशनी के फर्क को दिखाता है.’ सिन्हा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी हैं, इसलिए हम अपने आप को आश्वस्त महसूस कर रहे हैं कि हमें महंगाई की कोई खास चिंता नहीं है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)