अयोध्या में ज़मीन की अवैध ख़रीद-फ़रोख़्त करने वालों की सूची में भाजपा विधायक और मेयर शामिल

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई. सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.

/
अयोध्या में स्थापित श्रीराम की एक प्रतिमा. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई. सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.

अयोध्या में स्थापित श्रीराम की एक प्रतिमा. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अयोध्या/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में अवैध रूप से भूखंड बेचने और उन पर निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की सूची जारी की है. इसमें अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के नाम भी शामिल हैं.

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा को बताया कि प्राधिकरण द्वारा शनिवार रात प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध रूप से जमीन की खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई.

उन्होंने कहा कि सूची में शामिल इन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्राधिकरण द्वारा जारी सूची में भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के नाम भी शामिल हैं.

गुप्ता और उपाध्याय ने आरोप लगाया कि यह एक साजिश है और उन्हें गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया है.

सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.

गौरतलब है कि इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या में गलत तरीके से जमीन की खरीद-फरोख्त किए जाने का मामला गर्माया था. क्षेत्रीय सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की थी.

इस बीच, राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर इस मामले पर कहा, ‘हमने पहले भी कहा है, फिर दोहरा रहे हैं… भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें.’

इससे पहले सपा ने अपने आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा था, ‘अयोध्या में भाजपाइयों का पाप! भाजपा के महापौर, नगर विधायक और पूर्व विधायक भू-माफियाओं के साथ मिलकर बसा रहे अवैध कॉलोनियां. जिम्मेदार विभागों से सांठगांठ कर अब तक 30 अवैध कॉलोनियां बसाकर सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का लगाया चूना. मामले की हो जांच. दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई.’

पूर्व में इस मामले को उठाने वाले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने भी अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा सूची जारी किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों की आस्था भगवान श्रीराम में नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार में है.

एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘भगवान की धरती पर भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार का खुला खेल. जो मैंने कहा था वो सच साबित हो रहा है. अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के मेयर, विधायक, पूर्व विधायक सहित कई नेताओं ने हजारों-करोड़ों का जमीन घोटाला किया है.’

सिंह ने एक बयान में कहा कि प्रभु श्री राम के नाम पर जमीन के घोटाले का खुलासा सबसे पहले उन्होंने किया था और उस वक्त भी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का नाम आया था.

उन्होंने कहा कि आज जमीन का घोटाला करने वाले लोगों की, जो सूची जारी हुई है, उसमें अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या नगर के भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा का भी नाम शामिल है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, राम नाम की लूट है, लूट सको तो लूट लो. इन भाजपाई भूमाफियाओं ने भगवान श्रीराम की पावन भूमि को भी नहीं छोड़ा. शर्मनाक.

मालूम हो कि साल 2019 के नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या भूमि विवाद पर बड़ा फैसला देने के बाद यह क्षेत्र जमीन लेने-देन का एक बड़ा केंद्र बन गया है. न्यायालय ने आदेश के बाद यहां पर बड़े नेताओं, अधिकारियों एवं उनके परिजनों ने जमीन खरीदी है.

एक तरफ जहां श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जिसका गठन फरवरी 2020 में हुआ था, ने करीब 70 एकड़ भूमि ली है, वहीं दूसरी तरफ कई प्रभावशाली लोग इसके आस-पास के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर जमीनें खरीद रहे हैं, ताकि उन्हें लाभ मिल सके.

दिसंबर 2021 में आई इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन खरीदारों में स्थानीय विधायक, अयोध्या में कार्यरत नौकरशाहों के करीबी रिश्तेदार और यहां तक कि स्थानीय राजस्व अधिकारियों, जिनका काम भूमि लेनदेन को प्रमाणित करना होता है, ने भी ये जमीनें खरीदी हैं.

इस अखबार द्वारा खंगाले गए 14 मामलों के रिकॉर्ड बताते हैं कि राम मंदिर स्थान के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में एक विधायक, महापौर और राज्य ओबीसी आयोग के सदस्य ने अपने नाम पर जमीन खरीदी है.

वहीं, संभागीय आयुक्त, उप-मंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस सर्किल ऑफिसर और राज्य सूचना आयुक्त के रिश्तेदारों ने भी जमीन खरीदी है.

इसमें से पांच मामलों में लेन-देन को लेकर हितों के टकराव का मामला उत्पन्न होता है, क्योंकि महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (एमआरवीटी) ने जो जमीन बेची है, वह दलितों से जमीन खरीदते वक्त कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में है. इस मामले की जांच वही अधिकारी कर रहे हैं, जिनके रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी है.

रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के भतीजे तरुण मित्तल ने 21 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 5,174 वर्ग मीटर जमीन रेणु सिंह और सीमा सोनी से 1.15 करोड़ रुपये में खरीदी थी. 29 दिसंबर, 2020 को उन्होंने मंदिर स्थल से लगभग पांच किमी. दूर सरयू नदी के पार महेशपुर (गोंडा) में जगदंबा सिंह और जदुनंदन सिंह से चार करोड़ रुपये में 14,860 वर्ग मीटर भूमि खरीदी थी.

अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दो महीने पहले 18 सितंबर, 2019 को हरीश कुमार से 30 लाख रुपये में 1,480 वर्ग मीटर भूमि खरीदी थी.

इसके बाद दिसंबर 2021 में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीन की कथित तौर पर खरीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया था.

अगस्त 2021 में अयोध्या के एक महंत ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों, एक भाजपा विधायक, स्थानीय महापौर के भतीजे और एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ सरकारी जमीन खरीदने में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित धन का दुरुपयोग कर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की थी.

पुलिस के अनुसार, ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा, दास ने गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय और फैजाबाद के उप-रजिस्ट्रार एसबी सिंह के खिलाफ शिकायत की थी.

बता दें कि जून 2021 में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और सपा सरकार में मंत्री रहे तथा अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण ‘पवन’ पांडेय ने राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से बीते 18 मार्च 2021 को दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी.

इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताते हुए पवन पांडेय और संजय सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (एसबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की जांच कराने की मांग की थी.

हालांकि जुलाई 2021 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने जमीन खरीद में कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी मामले में बाद में खुद को ही क्लीन चिट दे दी थी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भारत सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद स्थल पर इसके निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद स्थापित 15 सदस्यीय ट्रस्ट है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी 2020 को लोकसभा में इस ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी. ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से 12 सरकार द्वारा नामित किए गए थे, जबकि पहली बैठक के दौरान तीन अन्य सदस्यों को चुना गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq