ट्विटर ने स्वीकारा है कि पिछले साल कई यूज़र्स की निजता उस समय जोखिम में पड़ गई थी जब उसके सॉफ्टवेयर की ख़ामी का दुर्भावना से फायदा उठाया गया था. कंपनी ने कहा कि इस सेंधमारी का वैश्विक असर हुआ था पर वह इससे प्रभावित हुए लोगों की सटीक संख्या या जगह के बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकती.
न्यूयॉर्क: सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने यह स्वीकार किया है कि पिछले साल कई उपयोगकर्ताओं के खातों की निजता उस समय जोखिम में पड़ गई थी जब उसके सॉफ्टवेयर में मौजूद खामी का दुर्भावना से भरे किसी शख्स ने फायदा उठाया था.
हालांकि ट्विटर ने उस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है कि इस तकनीकी खामी की वजह से दुनिया भर के करीब 54 लाख उपयोगकर्ताओं से जुड़े आंकड़े की ऑनलाइन बिक्री के लिए पेशकश की गई है. लेकिन उसने यह माना है कि इस सेंधमारी में उसके उपयोगकर्ता प्रभावित हुए थे.
विचारों के आदान-प्रदान के एक मंच के रूप में ट्विटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों से जुड़े ब्योरे का इस तरह खतरे में पड़ना बेहद चिंताजनक है. इसकी वजह यह है कि तमाम ट्विटर खाताधारक सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान का खुलासा नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें दमनकारी अधिकारियों के उत्पीड़न का डर होता है.
अमेरिकी नेवल एकेडमी के डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ जेफ कोसेफ ने इस पर अपने ट्वीट में कहा, ‘छद्म नाम वाले ट्विटर एकाउंट का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों के लिए यह स्थिति बहुत बुरी है.’
ट्विटर ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि उसके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी से किसी व्यक्ति को लॉग-इन करते समय यह तय करने की मंजूरी मिल गई कि कोई खास फोन नंबर या ई-मेल किस मौजूदा ट्विटर खाते से जुड़ा हुआ है. ऐसा होने से खाताधारकों का खुलासा आसानी से हो सकता है.
हालांकि ट्विटर ने इस घटना से प्रभावित हुए खाताधारकों की संख्या के बारे में जानकारी न होने का दावा करते हुए कहा कि कोई भी पासवर्ड जाहिर नहीं हो पाया था.
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये कहा, ‘हम इसकी पुष्टि कर सकते हैं कि इसका वैश्विक असर पड़ा था. लेकिन हम इसमें प्रभावित हुए लोगों की सटीक संख्या या उनके स्थान के बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकते हैं.’
डिजिटल गोपनीयता की वकालत करने वाले समूह रिस्टोर प्राइवेसी ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस सॉफ्टवेयर गड़बड़ी से जुटाए गए ब्योरे को एक लोकप्रिय हैकिंग मंच पर 30,000 डॉलर में बेचा जा रहा है.
गत जनवरी में ट्विटर के सॉफ्टवेयर में मौजूद इस खामी की तरफ इशारा एक सुरक्षा शोधकर्ता ने किया था. इसके लिए उसे 5,000 डॉलर का इनाम भी दिया गया था. बाद में ट्विटर ने कहा कि जून 2021 के सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान आई इस खामी को फौरन ठीक कर दिया गया.
ट्विटर ने अपने बयान में कहा कि उपयोगकर्ताओं से जुड़े आंकड़े की बिक्री होने के बारे में उसे पता चला है. उसने कहा, ‘एक बुरे व्यक्ति ने इस खामी को दुरुस्त करने के पहले ही इसका फायदा उठाया था.’
इसके साथ ही ट्विटर ने कहा कि वह अपने खाताधारकों को इस मामले में प्रभावित होने की घटना से अवगत करा रहा है.
कंपनी ने कहा, ‘हम यह सूचना इसलिए जारी कर रहे हैं क्योंकि हम प्रभावित होने वाले हर खाते की पुष्टि नहीं कर सकते हैं. खासकर छद्म नाम से ट्विटर एकाउंट संचालित करने वाले लोगों का हमें विशेष ध्यान है क्योंकि सरकार एवं अन्य पक्षों के निशाने पर लिए जा सकते हैं.’
ट्विटर ने उपयोगकर्ताओं को अपनी पहचान छुपाकर रखने की सलाह दी है. इसके साथ ही उसने लोगों से अपने ट्विटर एकाउंट में सार्वजनिक रूप से ज्ञात फोन नंबर या ईमेल पता का ब्योरा न देने की गुजारिश भी की है.
ट्विटर ने कहा, ‘यदि आप छद्म नाम वाला ट्विटर एकाउंट चलाते हैं तो हम ऐसी घटना की वजह से पैदा होने वाले जोखिमों को समझते हैं. हमें ऐसी घटना होने का गहरा खेद है.’