मध्य प्रदेश के सागर और दमोह ज़िलों के कुछ स्थानों पर हाल में हुए पंचायत चुनाव में निर्वाचित महिलाओं के पति, ससुर सहित अन्य पुरुष रिश्तेदारों ने शपथ ली थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था. सोमवार को पंचायत राज विभाग ने शपथ दिलाने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मध्य प्रदेश के कुछ गांवों में नवनिर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के स्थान पर उनके पति या पुरुष रिश्तेदारों को पद की शपथ दिलाए जाने को लेकर सोमवार को कहा कि यह संविधान का मजाक है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश में महिला पंचायत प्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पतियों को शपथ लेते देखना त्रासदी और कॉमेडी दोनों है. यह अविश्वसनीय है कि आजादी के 75 साल के बाद संविधान और कानून का इस तरह से मजाक बनाया जा सकता है.’
चिदंबरम ने कहा कि राज्य सरकार को इनकी शपथ निरस्त करनी चाहिए और महिला पंचायत प्रतिनिधियों को फिर से शपथ लेनी चाहिए.
What did the MP Government mean
when it said that it will issue an 'advisory' to prevent such incidents?MP government should annul the 'oath'
taken by the non-elected persons & ensure that the women elected representatives take the oath and function as members of the Panchayats— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 8, 2022
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार का क्या मतलब था जब उसने कहा कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक ‘सलाह’ जारी करेगी? मध्य प्रदेश सरकार को गैर-निर्वाचित व्यक्तियों द्वारा ली गई ‘शपथ’ को रद्द करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिला निर्वाचित प्रतिनिधि पंचायतों के सदस्यों के रूप में शपथ लें और कार्य करें.’
मध्य प्रदेश के कुछ गांवों में नवनिर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के स्थान पर उनके पति या पुरुष रिश्तेदारों को पद की शपथ दिलाए जाने के कुछ मामले सामने आने के बाद पिछले दिनों एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था और मामले की जांच के आदेश दिए गए थे.
सागर और दमोह जिलों के कुछ स्थानों पर हाल में हुए पंचायत चुनाव में निर्वाचित महिलाओं के पिता और पति सहित अन्य पुरुष रिश्तेदारों ने बृहस्पतिवार को शपथ ली थी. शपथ ग्रहण समारोह के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे.
In #MadhyaPradesh husbands and male kins take oath instead of elected woman Sarpanch and Panch in @CollectorDamoh district. @TheQuint @QuintHindi pic.twitter.com/BqaleHpeiS
— Vishnukant (@vishnukant_7) August 5, 2022
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वीडियो सामने आने के बाद सागर जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने पिछले शुक्रवार को एक आदेश जारी कर जैसीनगर ग्राम पंचायत के सचिव आशाराम साहू को- हाल ही में पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई महिलाओं की जगह पति, देवर और पिता को पद की शपथ दिलाने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
साहू ने संवाददाताओं से कहा कि परिवार के पुरुष सदस्यों को शपथ लेने की अनुमति दी गई क्योंकि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बार-बार निर्देश देने के बावजूद महिलाएं नहीं आईं और इसके बजाय उन्होंने अपने रिश्तेदारों को उनकी ओर से भेज दिया.
शपथ विवाद के बाद सरकार ने जिला कलेक्टरों को भेजा नोटिस
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पंचायत राज विभाग ने सोमवार को एक आदेश जारी कर जिला कलेक्टरों को त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में अनिर्वाचित लोगों को पद की शपथ दिलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने और कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
सागर, दमोह और धार जिले की कम से कम तीन पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति, देवर और ससुर को आधिकारिक शपथ दिलाने की बात सामने आने के बाद यह आदेश जारी किया गया.
पंचायत राज निदेशक आलोक कुमार सिंह ने कहा, ‘हमने संबंधित जिला कलेक्टरों से ऐसे मामलों में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है.’
रिपोर्टों के अनुसार, 4 अगस्त को सागर जिले के जैसीनगर और जरुआखेड़ा पंचायतों में ‘प्रथम सम्मेलन’ के दौरान शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था. इस अवसर पर दो पंचायतों में से प्रत्येक से 10 महिलाओं सहित 21 निर्वाचित प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था.
लेकिन जैसीनगर से केवल तीन और जरूआखेड़ा से पांच महिलाएं ही दिखाई दीं. महिलाओं के नहीं आने पर एक महिला का देवर, दूसरी महिला का ससुर और दो अन्य के पति आए और उन्हें संबंधित ग्राम पंचायत के सचिवों – आशाराम साहू (जैसीनगर), राजाराम चाडु (जरूआखेड़ा) ने शपथ दिलाई.
लेकिन निर्वाचित महिलाओं के बजाय पुरुषों के शपथ लेने के वीडियो वायरल होने के बाद, महिलाओं को उनके संबंधित पंचायत कार्यालयों में बुलाया गया और अगले दिन शपथ दिलाई गई, जबकि साहू और चाडु को अगले दिन निलंबित कर दिया गया.
चाडु ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘दस निर्वाचित महिलाओं में से पांच शपथ ग्रहण समारोह के लिए आई थीं, जबकि शेष पांच के रिश्तेदार आए थे. लेकिन आसपास बहुत सारे पुरुष थे और मैं उन्हें जाने के लिए नहीं कह सकता था और उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ शपथ ली. लेकिन अगले दिन निर्वाचित महिलाओं को शपथ दिलाई गई.’
सागर जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिला पंचायत के जिला सीईओ द्वारा जांच पूरी होने तक दोनों सचिव निलंबित रहेंगे.
उन्होंने कहा, ‘घटना के सामने आने के एक दिन बाद हमारे पर्यवेक्षकों को संबंधित पंचायत कार्यालयों में भेजा गया और निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई. हम घटना की बारीकी से जांच करेंगे और तथ्यों के आधार पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा.’
इसी तरह दमोह से लगभग 80 किमी दूर स्थित गैसाबाद पंचायत में सरपंच ललिता अहिरवार सहित 10 निर्वाचित महिलाओं के पति शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिखाई दिए.
सचिव धुनसिंह राजपूत ने 4 अगस्त को सभी 10 लोगों को शपथ दिलाई. लेकिन जैसे ही यह खबर जिला प्रशासन तक पहुंची, राजपूत को निलंबित कर दिया गया और 4 अगस्त की शाम को ही एक और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया और महिलाओं को बुलाकर शपथ दिलाई गई.
हट्टा जनपद, जिसके तहत गेसाबाद पंचायत आती है, के सीईओ ब्रतेश जैन ने कहा, ‘वीडियो वायरल होने के बाद मैंने मामले की जांच की और एक रिपोर्ट भेजी गई जिसके अनुसार धुनसिंह राजपूत की गलती थी, क्योंकि शपथ निर्वाचित प्रतिनिधियों को दिलाई जाती है. मेरे अधीन 57 ग्राम पंचायतें हैं और ऐसा सिर्फ एक पंचायत में हुआ है.’
धार जिले के सुंदरेली ग्राम पंचायत में न केवल निर्वाचित महिलाओं के पतियों को शपथ दिलाई बल्कि सचिव की जगह स्थानीय भाजपा नेता राधेश्याम कसरवाडिया ने शपथ दिलाई.
धार जिला पंचायत के सीईओ केएल मीणा ने इस घटना को एक प्रक्रियात्मक चूक करार दिया और मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
मीणा ने कहा, ‘हमने उन तथ्यों और स्थिति का पता लगाने के लिए एक रिपोर्ट मांगी है जिसके कारण यह घटना हुई. रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसकी जांच के लिए एक ब्लॉक स्तरीय समिति का गठन किया गया है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)