अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि एफबीआई ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो के आवास की तलाशी ली. ट्रंप ने इस तलाशी के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया पर न्याय मंत्रालय इस बात की तफ़्तीश कर रहा है कि क्या ट्रंप ने ह्वाइट हाउस छोड़ने के बाद अपने इस आवास पर गोपनीय रिकॉर्ड छिपाए हैं.
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने उनके मार-ए-लागो आवास पर बिना किसी पूर्व सूचना के छापा मारा है. ट्रंप ने बताया कि एफबीआई के एजेंटों ने उनकी तिजोरी भी तोड़ दी.
उन्होंने कहा कि ऐसा ‘हमला’ केवल गरीब तथा विकासशील देशों में ही होता है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि फ्लोरिडा के उनके घर में तलाशी हुई है.
उन्होंने कहा, ‘यह हमारे देश के लिए बुरा दौर है क्योंकि फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो के मेरे खूबसूरत घर पर एफबीआई एजेंट के एक बड़े समूह ने घेराबंदी की, छापा मारा और उसे कब्जे में ले लिया है. अमेरिका के किसी राष्ट्रपति के साथ पहले ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ.’
ट्रंप (76) ने आरोप लगाया कि ऐसा हमला केवल तीसरी दुनिया यानी गरीब और विकासशील देशों में ही हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘दुखद रूप से अमेरिका उन देशों में से एक बन गया है, पहले इस स्तर का कदाचार नहीं देखा गया.’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह राजनीतिक रूप से निशाना बनाने की कार्रवाई है. उन्होंने कहा, ‘मैं अमेरिकी लोगों के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने के बावजूद, मेरे घर पर बिना बताए छापा मारना उचित नहीं है.’
ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने मेरी तिजोरी तक तोड़ दी. इसमें और वाटरगेट में क्या फर्क है…..’
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, ट्रंप ने इस तलाशी अभियान के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन अमेरिका का न्याय मंत्रालय इस बात की तफ्तीश कर रहा है कि क्या ट्रंप ने 2020 में ह्वाइट हाउस छोड़ने के बाद अपने फ्लोरिडा स्थित आवास पर गोपनीय रिकॉर्ड छिपाए हैं.
इससे पहले देश के नेशनल आर्काइव और रिकॉर्ड एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा था कि उसे इस साल की शुरुआत में मार-ए-लागो से क्लासीफाइड (गोपनीय) जानकारी वाले रिकॉर्ड्स के 15 डिब्बे मिले थे.
नेशनल आर्काइव ने कहा कि ट्रंप को पद छोड़ने पर उस सामग्री को वापस कर देना चाहिए था और इसे न्याय मंत्रालय को सौंप देना चाहिए था.
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि रिकॉर्ड ‘एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया के तहत’ वापस कर दिए गए थे. उनके बेटे एरिक ट्रंप ने सोमवार रात फॉक्स न्यूज पर कहा कि वे दिन भर उनके पिता के साथ थे और एफबीआई की तलाशी इसलिए हुई क्योंकि ‘नेशनल आर्काइव इस बात की पुष्टि करना चाहता था कि डोनाल्ड ट्रंप के पास कोई दस्तावेज है या नहीं.’
यह पूछे जाने पर कि मार-ए-लागो में दस्तावेज़ कैसे पहुंचे, एरिक ने कहा कि वो डिब्बे उस सामान में थे, जो इनॉग्रेशन डे पर नए राष्ट्रपति जो बाइडन के ह्वाइट हाउस पहुंचने से पहले बाहर लाया गया था. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता हमेशा से अख़बार की कतरनें रखा करते थे. जब वे ह्वाइट हाउस से निकले तब उनके पास वो डिब्बे थे.’
उधर, न्याय मंत्रालय की प्रवक्ता डेना इवरसन ने इस छापेमारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस बारे में भी जवाब नहीं दिया कि क्या अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने व्यक्तिगत रूप से इसकी इजाज़त दी थी.
गौरतलब है कि अमेरिका में क्लासीफाइड रिकॉर्ड और संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों को लेकर कई संघीय कानून हैं, जिनमें ऐसे कानून भी शामिल हैं जो ऐसी सामग्री को हटाने और इसे अनधिकृत स्थान पर रखने को अपराध मानते हैं. हालांकि एक सर्च वारंट का होना इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि अपराध हुआ ही है या उसके होने की संभावना है. फेडरल अधिकारियों को यह वारंट पाने के लिए एक जज के सामने यह बताना होता है कि उनके पास एक संभावित कारण है कि अपराध हुआ है.
एफबीआई ने ट्रंप के घर पर ऐसे वक्त में छापा मारा है जब वह 2024 में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि छापेमारी इसलिए की गई क्योंकि रैडिकल लेफ्ट डेमोक्रेट चाहते हैं कि वे चुनाव में न उतरें.
गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिकी संसद भवन पर छह जनवरी 2021 को हमला करने वाली भीड़ को कथित तौर पर भड़काने के एक अन्य मामले में भी जांच का सामना कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)