कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘उच्च जातियों का संघ’ क़रार देते हुए केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को नाटक बताया. उन्होंने कहा कि उनके वैचारिक नेताओं जैसे वीडी सावरकर, एमएस गोलवलकर और आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइज़र’ ने तिरंगे का विरोध किया था, उन्हें बेनक़ाब करना चाहिए.
बेंगलुरु: कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को ‘उच्च जातियों का संघ’ करार देते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को नाटक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ा नाटककार बताया.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस के योगदान पर सवाल उठाया तथा आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान और संविधान का विरोध किया है.
उन्होंने कहा, ‘वे (भाजपा-आरएसएस) देशभक्त कैसे हो सकते हैं?’
सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैं शुरू से ही आरएसएस का विरोध करता रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ ऊंची जातियों का संघ है, यही कारण है कि वे ‘चतुर्वर्ण’ व्यवस्था (जाति व्यवस्था) में विश्वास करते हैं. चतुर्वर्ण व्यवस्था उच्च जातियों के वर्चस्व में विश्वास करती है, अगर यह व्यवस्था जारी रहती है तो असमानता होगी जो शोषण का कारण बन सकती है.’
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ मनाने के लिए यहां कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि संघ परिवार के आरएसएस, भाजपा, हिंदू महासभा, हिंदू जागरण वैदिक और बजरंग दल जैसे सभी संगठन इस तरह की जाति व्यवस्था तथा विचारधारा में विश्वास करते हैं.
भाजपा के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को ‘नाटक’ करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ‘उनके (भाजपा) वैचारिक नेताओं जैसे वी डी सावरकर, एम एस गोलवलकर और आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइज़र’ ने राष्ट्रीय तिरंगे का विरोध किया था. हमें उन्हें बेनकाब करना चाहिए.’
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि लगभग 52 वर्षों तक महाराष्ट्र के नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह दावा करते हुए कि कांग्रेस और उसके नेता ‘स्वतंत्र भारत’ के लिए जिम्मेदार हैं, सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि सावरकर ने जेल से मुक्त होने के लिए अंग्रेजों को एक माफी पत्र लिखा था और उन्हें ‘वीर सावरकर’ कहा जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘क्या गोलवलकर या हेडगेवार (आरएसएस नेता) इस देश की आजादी के लिए लड़े, जेल गए या इसके लिए अपने प्राणों की आहुति दी? … (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत में पैदा हुए थे, जबकि मैं आजादी से 12 दिन पहले पैदा हुआ था; ये लोग आज हमें देशभक्ति और आजादी का उपदेश देते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह उनका (भाजपा/आरएसएस) पूरी तरह नाटक है, मोदी एक बड़े नाटककार हैं… हमें इन नकली देशभक्तों को बेनकाब करना चाहिए, केवल कांग्रेस में नैतिकता है…हमें लोगों को सूचित करना चाहिए तथा उन्हें जागरूक करना चाहिए.’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल है.
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने 15 अगस्त को सांगोली रायन्ना सर्कल से नेशनल कॉलेज ग्राउंड बसवनगुडी तक तिरंगा लेकर बड़ा पैदल मार्च निकालने का फैसला किया है.
पार्टी ने कहा कि इस मार्च में कम से कम एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है. इसने कहा कि पूरे राज्य में इस तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)