हरियाणा के करनाल ज़िले में ये मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि तिरंगे की कीमत ग़रीब का निवाला छीनकर वसूलना शर्मनाक है. वहीं केंद्र ने कहा है कि उसने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.
नई दिल्ली: हरियाणा के करनाल जिले के हिमदा गांव में स्थानीय राशन वितरक ने कथित तौर पर 20 रुपये में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा न खरीदने तक लाभार्थियों को इस महीने के लिए उनका बकाया राशन देने से इनकार कर दिया है.
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह के उदाहरण जिले के अन्य हिस्सों में भी देखे गए हैं
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के समारोह के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार ने एक ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया है, जिसमें सभी नागरिकों से अपने घरों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान के तहत देशवासियों से अपने घरों में 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच तिरंगा लगाने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री के इस आह्वान को सफल बनाने के लिए भाजपा भी अभियान चला रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, राशन वितरकों ने कहा कि उन्हें सरकारी अधिकारियों से निर्देश मिला हुआ है कि इस महीने का राशन वितरण राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री के साथ ही होना चाहिए. जाहिर तौर पर वितरक पहले ही प्रत्येक झंडे के लिए 20 रुपये का भुगतान कर चुके हैं और इसलिए उस पैसे को वापस पाने के इच्छुक हैं.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के खिलाफ राशन कार्डधारकों ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने तर्क दिया है कि एक झंडे पर अतिरिक्त 20 रुपये खर्च किए बिना ही महंगाई और सभी बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण पहले से ही उन्हें मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, जिसे भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट किया है, जबकि हरियाणा में उनकी पार्टी सत्ता में है. उन्होंने कहा, ‘राशन कार्ड धारकों को इस नियम के बारे में शिकायत करते और तर्क देते हुए कि इसका कोई मतलब नहीं है, देखा जा सकता है.’
आजादी की 75वीं वर्षगाँठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाए तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
राशनकार्ड धारकों को या तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है।
हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है। pic.twitter.com/pYKZCfGaCV
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 10, 2022
एक युवती कहती है, ‘हर घर में झंडा लगाने के लिए कहने के बजाय क्यों न हर घर में नौकरी देने के लिए जोर दिया जाए. अगर ऐसा होता है और बेरोजगारी नहीं होती है, तो इतने सारे घरों में मुश्किलें नहीं होंगी. अभी लोग राशन ले पाने तक को लेकर परेशान हैं.’
इस वीडियो को ‘करनाल ब्रेकिंग न्यूज’ नाम की वेबसाइट ने बनाया है.
वीडियो में एक शख्स कहता नजर आता है, ‘मुझे झंडा नहीं चाहिए, मैं यहां राशन लेने के लिए आया हूं. मेरे पास इसके लिए पैसे नहीं हैं. मैंने यहां आसपास के 10 से 20 लोगों से पैसे मांगे तो उन्होंने कहा कि हमारे पास काम नहीं है, हम पैसे कहां से लाएंगे.’
तिरंगे के नाम पर 20 रुपये की वसूली, गरीबों के आत्मसम्मान पर प्रहार: राहुल गांधी
इस मामले के सामने आने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साझा है. राहुल ने बुधवार को आरोप लगाया कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम 20 रुपये की जबरन वसूली की जा रही है, जो राष्ट्रीय ध्वज और गरीबों के आत्मसम्मान पर भाजपा सरकार का प्रहार है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि राशन दुकान मालिकों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं खरीदने पर लोगों को राशन न देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘तिरंगा हमारा अभिमान है, ये हर दिल में बसता है. राष्ट्रवाद कभी बेचा नहीं जा सकता, ये बहुत ही शर्मनाक है कि राशन देने के बदले गरीबों से तिरंगे के नाम पर जबरन 20 रुपये की वसूली की जा रही है.’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तिरंगे के साथ-साथ हमारे देश के गरीबों के आत्मसम्मान पर भी प्रहार कर रही है.
उन्होंने जो वीडियो साझा किया उसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है.
राहुल गांधी ने एक अन्य फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि देश में उज्ज्वला योजना के नाम पर जनता से धोखा किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘बड़े-बड़े पोस्टर, टीवी-रेडियो-अखबार में विज्ञापन और भव्य उद्घाटन के माध्यम से 10 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा उज्ज्वला 2.0 का लॉन्च किया गया था. उज्ज्वला योजना की असलियत यह है कि 4.13 करोड़ लाभार्थियों ने एक बार भी सिलेंडर नहीं भराया.’
उन्होंने कहा, ‘बड़ी चालाकी से भाजपा सरकार ने जनता से सब्सिडी छुड़वाई. फिर सिलेंडर के दामों में आग लगाई और आज एक घरेलू सिलेंडर की कीमत 1053 रुपये कर दी है. नतीजा आज लाखों-करोड़ों परिवार चूल्हा फूंकने पर मजबूर हैं.’
राहुल ने आगे कहा, ‘आप सोचकर देखिए, जो हजारों-करोड़ रुपये सरकार ने अपने प्रचार और नकली छवि बनाने पर फूंक दिए, उन पैसों से जनता के लिए कितना कुछ किया जा सकता था. आज सब्सिडी के नाम पर लोगों के खाते में 1, 2 और 4 रुपये भेजे जा रहे हैं, जो बहुत ही शर्मनाक है. महंगाई और बेरोजगारी अपने चरम पर है, जिसके कारण आज लाखों लोग, एक बार भी सिलेंडर भरवाने की स्थिति में नहीं हैं.’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘महंगाई और बेरोजगारी ने आम जनता का जीवन इतना कठिन बना दिया है कि लोग जैसे-तैसे गुजर-बसर करने पर मजबूर हैं. प्रधानमंत्री के पास उनके द्वारा पैदा की गईं इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं है, ऊपर से अगर हम उनसे सवाल पूछ लें तो वो नाराज हो जाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री चाहे सवालों से जितना भी भागें, इस बात पर गंभीरता से विचार करना पड़ेगा कि जनता तकलीफ में है और प्रधानमंत्री अपनी दुनिया में लीन हैं, ये बेहद चिंताजनक बात है.’
तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना ‘शर्मनाक’: वरुण गांधी
इधर, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने बुधवार को राशनकार्ड धारकों को तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है.
पीलीभीत से सांसद गांधी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘आजादी की 75वीं वर्षगांठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाए तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा. राशनकार्ड धारकों को या तो तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले में उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है.’
उल्लेखनीय है कि बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और कृषि सहित विभिन्न मुद्दों पर वरुण गांधी पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.
‘हर घर तिरंगा’ के लिए चीन से आयात किए जा रहे झंडे: नाना पटोले
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ‘हर घर तिरंगा’ पहल के लिए चीन से तिरंगे आयात किए जा रहे हैं.
पटोले ने कांग्रेस की ‘आजादी गौरव पदयात्रा’ के तहत बुलढाणा जिले में कहा, ‘अत्याचारी ब्रितानी शासन को समाप्त करने के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा था. कांग्रेस के झंडे तले देश एकजुट था और सभी को एकसाथ लाने के कांग्रेस के विचार ने इस देश को आजादी दिलाई. स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं देने वाले लोग आज ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के नाम पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इसके लिए चीन से तिरंगे आयात किए जा रहे हैं, जो कि स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है.
पटोले ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो देश में सुई तक नहीं बनती थी, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत प्रगति के शिखर पर पहुंचा.
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी विकास को गति देकर भारत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया. उनके बाद पीवी नरसिंह राव, मनमोहन सिंह ने भी देश में विभिन्न विकास योजनाओं को लागू किया.
राशन के लिए ‘तिरंगा’ खरीदने का कोई आदेश जारी नहीं किया: सरकार
इन नेताओं की आलोचना और मामले का खंडन करते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि राशन दुकान मालिकों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं खरीदने पर लोगों को राशन न देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
सरकार ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर एक राशन दुकान मालिक पर कार्रवाई भी की गई है.
Some social media posts claim that Govt of India has instructed denial of ration to people not buying national flag
▶️The claim is not true
▶️No such instruction has been given by GoI
▶️Errant ration shop has been suspended for violating orders of Govt & misrepresenting facts pic.twitter.com/MA34l34g1n
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 10, 2022
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने बिना किसी बाधा के राशन मिल रहा है. सरकार के आदेश का उल्लंघन करने और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप में एक राशन की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.’
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि वीडियो की पुष्टि करने के बाद केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकार के माध्यम से पाया कि राशन कार्ड धारक हरियाणा के करनाल जिले के दादूपुर गांव से था. संबंधित राशन की दुकान के मालिक ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया.
उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे बिना शर्त लगाए लाभार्थियों को पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की आपूर्ति सुनिश्चित करें.
मालूम हो कि पिछले महीने जम्मू कश्मीर में हर घर तिरंगा अभियान के लिए छात्रों और दुकानदारों से फंड वसूली को लेकर विवाद हो गया था.
बडगाम जिले के चादूरा जोनल शिक्षा अधिकारी (जेडईओ) द्वारा बीते 16 जुलाई को क्षेत्र के सभी स्कूलों को एक परिपत्र जारी किया गया था, जिसमें इन संस्थानों के प्रमुखों को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किए गए अभियान के लिए प्रत्येक छात्र और स्टाफ सदस्य से धन एकत्र करने का निर्देश दिया गया था.
परिपत्र में कहा गया था, ‘मुख्य शिक्षा अधिकारी बडगाम के निर्देशों के अनुसार, इस क्षेत्र के सभी संस्थान प्रमुखों को छात्रों और स्कूल के स्टाफ सदस्यों से प्रति व्यक्ति 20 रुपये एकत्र करने के लिए कहा जाता है जो चार दिन के भीतर जेडईओ कार्यालय में जमा किए जाने चाहिए.’
इसी तरह स्वतंत्रता दिवस के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अनंतनाग में दुकानदारों को तिरंगे के लिए डिपॉजिट राशि के तौर पर 20 रुपये का भुगतान करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया था.
इससे पहले जम्मू कश्मीर शिक्षक मंच ने आरोप लगाया था कि पूरे कश्मीर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत शिक्षकों और छात्रों को तिरंगा खरीदने के लिए पैसे देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)