अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर बीते 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान चाकू से हमला कर बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व भर के लेखक, कार्यकर्ता, उनके संगठनों और प्रकाशकों ने इस हमले को बर्बर बताते हुए इसकी निंदा की है.
न्यूयॉर्क: अंग्रेजी भाषा के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर बीते 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान हुए हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे वेंटिलेटर पर थे. अब खबर आई है कि उनकी हालत में सुधार देखा गया है.
चौटाउक्वा संस्थान के अध्यक्ष माइकल हिल ने बताया है कि सलमान रुश्दी अब जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटीलेटर) पर नहीं हैं और बात भी कर रहे हैं.
हिल ने शनिवार रात को ट्वीट किया, ‘सलमान रुश्दी अब वेंटिलेटर पर नहीं हैं और बातचीत कर रहे हैं. सभी लोग दुआएं कर रहे हैं.’
@SalmanRushdie off ventilator and talking! Continued prayers from all @chq
— Michael Hill, Ed.D. (@MichaelHillCHQ) August 14, 2022
बता दें कि 75 वर्षीय रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क राज्य में चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में शुक्रवार (12 अगस्त) को एक कार्यक्रम में मंच पर 24 वर्षीय हादी मतार ने हमला कर दिया था, जिसके बाद वह वेंटिलेटर पर थे.
हमले के बाद रुश्दी की कई घंटों तक सर्जरी हुई और उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को बताया था कि लेखक वेंटिलेटर पर हैं और बात नहीं कर सकते हैं.
वायली ने एक बयान में कहा था, ‘अच्छी खबर नहीं हैं. सलमान के एक आंख खोने की आशंका है, उनकी बांह की नसें कट गई हैं और उनका लिवर क्षतिग्रस्त हो गया है.’
मतार पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है, लेकिन उसने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं. जिस वक्त उसे अदालत में पेश किया गया वह काले और सफेद धारियों का जंपसूट पहने था.
न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने बताया कि फेयरव्यू, न्यूजर्सी के मतार को हत्या की कोशिश के आरोप में शुक्रवार को आपराधिक जांच ब्यूरो ने गिरफ्तार किया. उसे चौटाउक्वा काउंटी जेल ले जाया गया.
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, रुश्दी पर हमला पूर्व नियोजित था. मतार हमला करने के लिए बस से यात्रा करके आया था तथा उसने कार्यक्रम का पास खरीदा था.
रुश्दी पर हमले की निंदा
बहरहाल, दुनियाभर के नेता और साहित्य जगत के लोग इस हमले से स्तब्ध हैं तथा उन्होंने इसकी निंदा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वह और प्रथम महिला जिल बाइडन लेखक पर विद्वेषपूर्ण हमले के बारे में जानकर स्तब्ध और दुखी हैं.
बाइडन ने कहा, ‘सलमान रुश्दी मानवता के प्रति अपनी गहरी पहुंच, कहानी बयां करने की अपनी बेजोड़ कला, डरने या चुप बैठने से इनकार, जरूरी चीजों के लिए खड़े होने और सार्वभौमिक आदर्शों के लिए जाने जाते हैं. उनमें बिना डर के अपने विचारों को साझा करने की शक्ति है. ये किसी भी स्वतंत्र एवं मुक्त समाज की नींव हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आज हम रुश्दी तथा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े सभी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अमेरिकी मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुन: दोहराते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम सभी अमेरिकियों और दुनियाभर में लोगों के साथ उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं. मैं प्राथमिक चिकित्साकर्मियों और बहादुर लोगों का आभारी हूं, जो रुश्दी की मदद करने और हमलावर को काबू में करने के लिए तुरंत हरकत में आए.’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने हमले को कायरतापूर्ण और घिनौना कृत्य करार देते हुए कहा है कि वह इससे स्तब्ध और बेहद दुखी हैं.
घेब्रेयसस ने ट्वीट किया, ‘सलमान रुश्दी पर हुए हमले से स्तब्ध और बेहद दुखी हूं. यह एक कायरतापूर्ण और घिनौना कृत्य है. मेरी प्रार्थनाएं उनके और उनके प्रियजनों के साथ हैं.’
Shocked and saddened by the brutal attack on #SalmanRushdie. This is cowardice and abhorrent. My thoughts are with him and his loved ones. https://t.co/M9g36fSiSj
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) August 13, 2022
साहित्य जगत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बरकरार रखने पर जोर दिया
सलमान रुश्दी पर हमले से स्तब्ध साहित्य जगत ने बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखक के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बरकरार रखने पर जोर दिया है.
मुंबई में जन्मे विवादास्पद लेखक रुश्दी को ‘द सैटेनिक वर्सेज’ की रचना करने के बाद कई वर्षों तक इस्लामी चरमपंथियों से जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा है.
‘इंटरनेशनल बुकर प्राइज’ से सम्मानित होने वाले लेखकों में शामिल होने वालीं पहली भारतीय गीतांजलि श्री ने रुश्दी पर हमले को अक्षम्य और अमानवीय कृत्य करार दिया.
गीतांजलि ने कहा, ‘मानवता कहां जा रही है? यह संकट का दिन, शर्म का दिन है. हम लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के इस मुखर समर्थक के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते हैं. हिंसा को मतभेद से निपटने का तरीका नहीं बनने देना चाहिए.’
पिछले महीने गीतांजलि के उपन्यास ‘रेत समाधि’ की सामग्री पर विवाद के बाद आगरा में उन्हें सम्मानित करने का एक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था. उल्लेखनीय है कि ‘रेत समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ के लिए उन्हें प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
रुश्दी पर हमले के मकसद का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन संदेह जताया जा रहा है कि यह हमला 1988 में प्रकाशित उनके विवादास्पद उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ से जुड़ा हुआ है.
रुश्दी को इस पुस्तक के लिए ‘ह्विटब्रेड बुक अवार्ड’ मिला था. हालांकि, पुस्तक के प्रकाशित होने के बाद उपजे विवाद के कारण उन्हें नौ साल तक छिपकर रहना पड़ा. क्योंकि कई मुसलमानों ने उसकी विषयवस्तु को ईशनिंदा माना था.
पुस्तक के प्रकाशन के एक साल बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्ला खामैनी ने ईशनिंदा करने वाली पुस्तक को प्रकाशित करने को लेकर रुश्दी को मौत की सजा देने का आह्वान किया.
रुश्दी को 1980 के दशक के बाद से उनके लेखन के लिए ईरान से कई बार जान से मारने की धमकी मिली. ईरान ने रुश्दी की हत्या करने वाले शख्स को 30 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी.
राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत ने इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया था. रुश्दी ने जिस खतरे का सामना किया, उसी तरह निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को भी धमकियों का सामना करना पड़ा.
अपनी किताब ‘लज्जा’ पर प्रतिबंध और बाद में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए फतवे का सामना करने के बाद 59 वर्षीय नसरीन पिछले 27 वर्षों से निर्वासन में रह रही हैं.
उन्होंने रुश्दी पर हमले की निंदा करते हुए कई ट्वीट किए. उन्होंने दुनिया भर में इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए खतरे की आशंका जताई.
I just learned that Salman Rushdie was attacked in New York. I am really shocked. I never thought it would happen. He has been living in the West, and he has been protected since 1989. If he is attacked, anyone who is critical of Islam can be attacked. I am worried.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 12, 2022
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुए हमले के बारे में पता चला. मैं बेहद हैरान हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा. वे इतने सालों से पश्चिम में रह रहे थे और 1989 से उन्हें सुरक्षा मिली हुई थी. अगर उन पर हमला हो सकता है तो इस्लाम के किसी भी आलोचक को निशाना बनाया जा सकता है. मुझे चिंता हो रही है.’
जयपुर साहित्य उत्सव (जेएलएफ) के प्रोड्यूसर संजय के. रॉय ने कहा, ‘यह लेखक पर नहीं बल्कि सभ्यता पर हमला है और यह किसी व्यक्ति के उस खतरे को प्रदर्शित करता है, जो स्वीकार्य से अलग विमर्श प्रस्तुत करने के कारण है.’
बता दें कि रुश्दी की प्रस्तावित यात्रा और उसके बाद विरोध प्रदर्शनों को लेकर 2012 में जेएलएफ काफी चर्चा में रहा था.
रॉय ने कहा, ‘हिंसा स्वीकार्य हो गई है, चाहे वह अमेरिका, यूरोप या कहीं भी हो, और यह दुखद है.’
कैसे ‘राजनीति, हिंसा और भीड़ की मानसिकता’ ने 2012 में जेएलएफ में रुश्दी को शामिल करना उनके लिए असंभव बना दिया, इसे याद करते हुए जेएलएफ की सह-निदेशक और प्रसिद्ध लेखक नमिता गोखले ने कहा कि रुश्दी की पुस्तकों का समकालीन दक्षिण एशियाई लेखन पर असर रहा है और यह बर्बर कृत्य (उन पर हुआ हमला) उनकी रचनात्मक आवाज को खामोश नहीं कर सकता.’
रुश्दी ने 2007 में जेएलएफ में शिरकत की थी और 2012 में भी समारोह में भाग लेने वाले थे, लेकिन आयोजन की मेजबानी कर रहे राजस्थान को मुस्लिम संगठनों के विरोध और खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए पीछे हटना पड़ा. जेएलएफ को धमकियां मिलने के बाद वीडियो के जरिये उनके पूर्व निर्धारित संबोधन को भी रद्द करना पड़ा.
लेखक नील गैमन ने ट्वीट किया, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि सलमान रुश्दी आगे बढ़ेंगे. वह मजाकिया, प्रतिभाशाली शख्स हैं. उन्होंने काफी बेहतरीन किताबें लिखी हैं और मैं चाहता हूं कि जो लोग सोचते हैं कि वे उनसे नफरत करते हैं, वे उनके शब्दों को पढ़ेंगे. (आप सलमान से नफरत नहीं करते, जो एक वास्तविक व्यक्ति हैं. आप अपने दिमाग में किसी से नफरत करते हैं जिसका कोई वजूद नहीं है.)’
I fervently hope that @SalmanRushdie pulls through. He’s funny, brilliant, dry, he has written beautiful wise books & I wish the people who think they hate him would read his words.(You don’t hate Salman, who is a real person. You hate someone in your mind who has never existed.)
— Neil Gaiman (@neilhimself) August 12, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं यह देखकर हैरान और व्यथित हूं कि मेरे मित्र सलमान रुश्दी पर बातचीत से पहले हमला हुआ. वह एक अच्छे और शानदार इंसान हैं और मुझे उम्मीद है कि वह ठीक हैं.’
I’m shocked and distressed to see my friend @SalmanRushdie has been attacked before a talk. He’s a good man and a brilliant one and I hope he’s okay. https://t.co/URkHxLGE7o
— Neil Gaiman (@neilhimself) August 12, 2022
पब्लिकेशन हाउस ‘जगरनॉट बुक्स’ की चिकी सरकार और ‘पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया’ की मेरु गोखले ने भी रुश्दी पर हमले की निंदा की.
गोखले ने कहा, ‘हम इस भयानक हमले से उबरकर सलमान रुश्दी के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं. यह हमला ऐसे समय हुआ जब वह सार्वजनिक रूप से पाठकों के साथ जुड़ रहे थे.’
भारतीय लेखक अमिताभ घोष ने भी हमले को भयावह बताते हुए रुश्दी के जल्द ठीक होने की कामना की है.
Horrified to learn that Salman Rushdie has been attacked at a speaking event in upstate New York. Wish him a speedy recovery.
“Author Salman Rushdie attacked on lecture stage in New York | AP News” https://t.co/danvZWKrnH
— Amitav Ghosh (@GhoshAmitav) August 12, 2022
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रमुख साहित्यिक संगठन पेन अमेरिका की सीईओ सुजैन नोसेल ने एक बयान में कहा, ‘पेन अमेरिका हमारे पूर्व अध्यक्ष और मजबूत समर्थक सलमान रुश्दी पर हुए बर्बर और पूर्व नियोजित हमले से सदमे और आतंक में है.’
ईरानी-अमेरिकी पत्रकार, लेखक और महिला अधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘आप हमें मार सकते हैं लेकिन आप हमारे लिखने और अपने वजूद के लिए लड़ने के विचार को नहीं मार सकते हैं.’
You can kill us but you cannot kill the idea of writing & fighting for our dignity.
I condemn the barbaric attack on Salman Rushdie.
After surviving a kidnapping and an assassination plot in New York, I won’t feel safe on US soil until the US take strong action against terror. pic.twitter.com/AGEwlxWFxQ— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) August 12, 2022
उन्होंने आगे खुद की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए लिखा, ‘मैं सलमान रुश्दी पर हुए बर्बर हमले की निंदा करती हूं. न्यूयॉर्क में एक अपहरण और एक हत्या की साजिश से बचने के बाद मैं अमेरिकी धरती पर तब तक सुरक्षित महसूस नहीं करूंगी जब तक कि अमेरिका आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करता.’
फिल्म जगत की हस्तियों ने ‘बर्बर’ हमले की निंदा की
जावेद अख्तर, दीपा मेहता, मीरा नायर और स्वरा भास्कर जैसी सिनेमा जगत की हस्तियों ने प्रसिद्ध उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हमले की आलोचना करते हुए इसे ‘भयावह’ और ‘बर्बर’ कृत्य करार दिया.
जाने-माने लेखक-गीतकार अख्तर ने कहा कि उन्हें आशा है कि हमलावर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अख्तर ने ट्वीट किया, ‘मैं कुछ कट्टरपंथियों द्वारा सलमान रुश्दी पर बर्बर हमले की निंदा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि न्यूयॉर्क पुलिस और अदालत हमलावर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी.’
I condemn the barbaric attack on Salman Rushdie by some fanatic . I hope that NY police and the court will take the strongest action possible against the attacker .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 12, 2022
सलमान रुश्दी की किताब मिडनाइट्स चिल्ड्रेन पर इसी नाम की फिल्म बनाने वाली निर्देशक दीपा मेहता ने ट्वीट किया, ‘अभी बहुत आगे जाने है सलमान रुश्दी. हमारे उग्र योद्धा.’
Way to go #SalmanRushdie – our fierce warrior👍🏽 https://t.co/ZHyKXhtAPS
— Deepa Mehta (@IamDeepaMehta) August 13, 2022
इसके अलावा उन्होंने रुश्दी के बारे में कई ट्वीट को रिट्वीट भी किया है. फिल्मकार मीरा नायर ने कहा, ‘हर मिनट सलमान रुश्दी के ठीक होने की दुआ कर रही हूं. हमारे प्यारे ‘मिडनाइट्स चाइल्ड’ और हम सभी के लिए कितना बड़ा झटका है.’
Praying for Salman Rushdie’s recovery every minute. What a blow to our beloved midnight’s child – and to us all.
— Mira Nair (@MiraPagliNair) August 13, 2022
अदाकारा स्वरा भास्कर ने हमले को ‘शर्मनाक’ और ‘कायराना’ बताया. भास्कर ने लिखा, ‘सलमान रुश्दी के लिए प्रार्थना करती हूं. यह शर्मनाक, निंदनीय और कायरतापूर्ण हमला है.’
फिल्मकार ओनिर ने दुनिया भर में कलाकारों के सामने आने वाले खतरों के बारे में चिंता जताई.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘रुश्दी पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. दुनिया भर में धार्मिक चरमपंथियों से कलाकारों और उनकी आवाज को गंभीर खतरा है. यह समय रुश्दी के साथ खड़ा होने का है.’
Strongly condemn the terrorist attack on #SalmanRushdie . The artist and his voice is under serious threat by religious extremists world wide. Stand with #SalmanRushdie
Salman Rushdie Attacked On Stage At New York Event https://t.co/KDQuTshiLr via @ndtv— iamOnir (@IamOnir) August 12, 2022
न्यूयॉर्क टाइम्स के ट्वीट को कोट करते हुए ओनिर ने लिखा, ‘भयानक. किसी भी प्रकार के धार्मिक अतिवाद के लिए कोई सहिष्णुता नहीं दिखाई जानी चाहिए. यह स्वीकार करने का समय है कि कैसे हर धर्म का उपयोग दूसरे के खिलाफ हिंसा/उत्पीड़न/घृणा के कृत्यों को जारी रखने के लिए किया जाता है. इसे स्वीकार करना महत्वपूर्ण है और इसे अलग नहीं करना है. मानवता ने सदियों से ‘धार्मिक’ युद्ध देखे हैं.’
Horrific .No tolerance for any kind of religious extremism .Time to acknowledge how every religion is used to perpetuated acts of violence/ oppression/hate against the other . It’s important to acknowledge it and not disassociate.Humanity has seen “ religious” wars for centuries https://t.co/3YJfO8J1v4
— iamOnir (@IamOnir) August 13, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘सलमान रुश्दी पर हमला हम सभी के लिए एक रिमाइंडर है कि कलाकार और कलाकार के प्रति असहिष्णुता क्या है. एक बीमारी जो अपने घर वापस आने के बाद से अपना बदसूरत चेहरा दिखा रही है. आइए इसकी भी निंदा करना न भूलें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)