गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा ज़िले के कडी कस्बे में ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे थे. इसी दौरान एक गाय तेज़ी से आती और लोगों को टक्कर मारते हुए निकल जाती है. एक्सरे और सीटी स्कैन में पटेल के पैर की हड्डी टूटी पाई गई है.
मेहसाणा: गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल मेहसाणा जिले के कडी कस्बे में शनिवार को ‘तिरंगा यात्रा’ के दौरान एक गाय की टक्कर में घायल हो गए. भाजपा नेता ने कहा कि घटना में उनके बाएं पैर की हड्डी टूट गई है.
पटेल राज्य की विजय रूपाणी सरकार में उप-मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं.
पटेल ने अहमदाबाद में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मेहसाणा जिले के कडी में भारतीय जनता पार्टी ने जुलूस निकाला था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे.
पटेल ने कहा, ‘कडी में तिरंगा यात्रा आयोजित की गई जिसमें करीब दो हजार लोगों ने भाग लिया. यात्रा करीब 70 प्रतिशत पूरी हो गई थी और सब्जी बाजार पहुंची थी, तभी अचानक एक गाय तेजी से आई.’
उन्होंने कहा कि इससे मची अफरा-तफरी में वह और कुछ अन्य लोग जमीन पर गिर पड़े.
एक वीडियो क्लिप सामने आया है जिसमें गाय उनकी तरफ तेजी से आती दिखाई दे रही है और सुरक्षाकर्मी तथा अन्य लोग पटेल की मदद के लिए दौड़ते दिख रहे हैं. तब तक गाय लोगों को टक्कर मारते हुए निकल जाती है.
Stray cow attacks Gujarat’s former Deputy CM Nitin Patel during “Har Ghar Tiranga” yatra in Mehsana. pic.twitter.com/pwlmqRi7nT
— Saral Patel 🇮🇳 (@SaralPatel) August 13, 2022
पटेल ने बताया कि चलने में दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां एक्सरे और सीटी स्कैन में उनके पैर की हड्डी टूटने की बात सामने आई.
पटेल के अनुसार, डॉक्टरों ने उन्हें 20-25 दिन आराम करने की सलाह दी है.
मेहसाणा के पुलिस अधीक्षक अचल त्यागी ने गाय के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि गाय के मालिक की पहचान की जा रही है, इसमें समय लगेगा, क्योंकि बाजार में लोग इसके मालिक के बारे में नहीं जानते हैं.
बहरहाल, गुजरात के कई हिस्सों में आवारा पशु प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं. नियमित तौर पर ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जहां पशुओं के सींग मारने से लोगों की मौत हो रही है या वे घायल हो रहे हैं.
इसी साल, 31 मार्च को राज्य विधानसभा शहरी इलाकों में इस समस्या से निपटने के लिए गुजरात शहरी क्षेत्र पशु नियंत्रण विधेयक-2022 लेकर आई थी. लेकिन, मलधारी समुदाय के विरोध के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. गौरतलब है कि पशुपालन मलधारी समुदाय का पारंपरिक व्यवसाय है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)