14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट साझा की है, जिसमें कहा गया है कि दो साल बाद भी युवती के परिवार को घर और नौकरी देने का वादा योगी सरकार ने पूरा नहीं किया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन खबरों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रविवार को हमला बोला, जिनमें दावा किया गया है कि 2020 में हाथरस में सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार को नौकरी और घर देने का वादा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने पूरा नहीं किया है.
गांधी ने रविवार को ट्विटर पर आरोप लगाया, ‘बेटी बचाओ’ की बात सिर्फ एक ढोंग थी, असल में भाजपा बेटियों के साथ अन्याय करने में कभी पीछे नहीं हटती.’
“हाथरस पीड़िता का भाई परिवार का सदस्य नहीं है, इसलिए हम नौकरी और घर नहीं देंगे।”
आज 2 साल बाद भी पीड़िता के परिवार के साथ प्रताड़ना का सिलसिला जारी है।
'बेटी बचाओ' की बात सिर्फ़ एक ढोंग थी, असल में भाजपा बेटियों के साथ अन्याय करने में कभी पीछे नहीं हटती। pic.twitter.com/w3yNVUJz4Y
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2022
खबर में लिखे उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हाथरस पीड़िता का भाई परिवार का सदस्य नहीं है, इसलिए हम नौकरी और घर नहीं देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘आज दो साल बाद भी पीड़िता के परिवार के साथ प्रताड़ना का सिलसिला जारी है.’
मालूम हो कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस में कथित तौर पर ऊंची जाति के चार युवकों ने 19 साल की एक दलित युवती का बलात्कार किया था. इसके अलावा उनके साथ बुरी तरह मारपीट भी की गई थी. उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं. आरोपियों ने उनकी जीभ भी काट दी थी.
29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके शव का कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार करा दिया था.
युवती के भाई की शिकायत के आधार पर चार आरोपियों- संदीप (20 वर्ष), उसके चाचा रवि (35 वर्ष) और दोस्त लवकुश (23 वर्ष) तथा रामू (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया था. उनके खिलाफ गैंगरेप और हत्या के प्रयास के अलावा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारक अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
न्यूज़लॉन्ड्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतिम संस्कार किए जाने के कुछ घंटों बाद युवती के पिता जब खुद को संभालने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उन्हें एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने वीडियो कॉल के माध्यम से युवती के पिता से एक घर, परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया था. इन वादों को उस दिन जारी एक पत्र में दोहराया गया, जिस पर हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर थे.
दिसंबर 2020 तक कुछ किश्तों में पैसा विधिवत जमा कर दिया गया था, लेकिन घर या नौकरी दिए जाने का वादा अब तक पूरा नहीं किया गया है.
युवती के परिवार में उनके माता-पिता, दो भाई, एक बहन, दादी और तीन भतीजी शामिल हैं. उच्च जाति के ठाकुरों की आबादी वाले गांव में वे केवल दो वाल्मीकि परिवारों में से एक हैं, जबकि अन्य दो परिवारों ने गांव छोड़ दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, युवती की मौत के दो साल बाद परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चार हलफनामे दायर कर घर और नौकरी की मांग की है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने बताया है कि उसने परिवार के हलफनामों और 27 जुलाई के अदालती आदेश की प्रतियां देखीं हैं. हाईकोर्ट ने अंतत: राज्य सरकार को परिवार को स्थानांतरित करने और सरकारी नौकरी प्रदान करने का आदेश दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)