उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने अदालत से आपराधिक मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध किया

उन्नाव की एक अदालत ने हाल में सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी के पिता द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाज़ी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है. इस मामले में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.

(फोटो: पीटीआई)

उन्नाव की एक अदालत ने हाल में सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी के पिता द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाज़ी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है. इस मामले में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर यौन उत्पीड़न मामले में एक आरोपी के पिता द्वारा दायर एक आपराधिक मामले को उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.

दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.

उन्नाव की एक अदालत ने हाल में सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी शुभम सिंह के पिता द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाजी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. शुभम के खिलाफ उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले में दिल्ली की एक अदालत में मुकदमा चल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई स्थानांतरण याचिका में आरोप लगाया गया है कि पीड़ित लड़की के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में बचाव में मदद के मकसद से उन्नाव की अदालत में ‘जवाबी न्यायिक कार्यवाही’ शुरू की गई है.

दोषसिद्धि और उम्रकैद के खिलाफ सेंगर की अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. न्यायालय ने हाल में इस पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा था.

निचली अदालत ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था.

अदालत ने दोषी को उम्रकैद की अधिकतम सजा सुनाने का फैसला किया था और कहा था कि दोषी अपनी स्वाभाविक उम्र की आखिरी सांस तक जेल में रहेगा. अदालत ने उस पर 25 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त, 2019 को इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित कर दी थी. 20 दिसंबर, 2019 को सेंगर को 2017 में इस नाबालिग से बलात्कार करने के एक अलग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

सेंगर, उनके भाई एवं पांच अन्य को चार मार्च, 2020 को बलात्कार पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में भी दोषी ठहराया गया था और उन्हें दस साल की कैद की सजा सुनाई गई थी.

बता दें कि आरोप था कि कुलदीप सेंगर ने चार जून 2017 को पीड़िता का बलात्कार किया था. उस समय पीड़िता की उम्र 17 साल थी.

इसके बाद 2018 में लखनऊ में  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर पीड़िता ने धमकी दी कि अगर पुलिस उसकी शिकायत दर्ज नहीं करेगी तो वह खुद को आग लगा लेगी. इसके बाद सेंगर को गिरफ्तार किया गया था.

उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के बांगरमऊ से चार बार भाजपा के विधायक रह चुके सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से तब निकाल दिया गया, जब पीड़िता और उसका परिवार सड़क हादसे का शिकार हो गया.

वह 28 जुलाई 2019 को रायबरेली जिले में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं. पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दिया था, जिसमें उनके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)