महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शहरी विकास और 11 अन्य विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा क़ानून व न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा और प्रोटोकॉल विभाग दिए गए हैं.
मुंबई: मंत्रिपरिषद में 18 मंत्रियों को शामिल करने के पांच दिन बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विभागों का आवंटन कर दिया. उन्होंने शहरी विकास और 11 अन्य विभाग, जहां अपने पास रखे हैं, वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अहम गृह विभाग आवंटित किए जाने के साथ ही सरकार में शामिल भाजपा विधायकों को कई महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि शिंदे ने शहरी विकास विभाग के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग, लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम), सूचना एवं जनसंपर्क, परिवहन, विपणन, सामाजिक न्याय, आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास, मृदा एवं जल संरक्षण, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग अपने पास रखे हैं.
इसमें कहा गया कि भाजपा नेता फडणवीस गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा कानून और न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा और प्रोटोकॉल विभाग भी संभालेंगे.
शिवसेना के बागी गुट के नेता शिंदे ने 30 जून को भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी. वहीं, भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ही राधाकृष्ण विखे पाटिल नए राजस्व मंत्री होंगे. वह 2019 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.
मालूम हो कि बीते नौ अगस्त को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद एकनाथ शिंदे ने अपने दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया था. इसमें नौ मंत्री भाजपा से और नौ मंत्री शिवसेना के बागी खेमे से शामिल किए गए थे. मंत्रियों की सूची में किसी महिला का नाम नहीं था.
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल समेत 18 विधायकों ने दक्षिण मुंबई में राज भवन में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसके साथ ही महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या अब 20 हो गई है, जो अधिकतम 43 सदस्यों की संख्या से आधी से भी कम है.
शिंदे गुट से मंत्री पद की शपथ लेने वाले सदस्यों में गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संजय राठौड़, संदीप भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर और शंभुराज देसाई शामिल थे.
भाजपा की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों में राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रकांत पाटिल, विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन, सुरेश खडे, रवींद्र चह्वाण, अतुल सावे और मंगल प्रभात लोढा थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले चंद्रकांत पाटिल नए उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं. इसके साथ ही वह कपड़ा और संसदीय कार्य विभाग भी देखेंगे. पूर्व में, वह लोक निर्माण और सहकारिता मंत्री थे.
सुधीर मुनगंटीवार को वन, मत्स्य विकास और सांस्कृतिक मामलों के विभाग आवंटित किए गए हैं. साल 2014-19 तक वह वित्त और योजना के साथ-साथ वन मंत्री भी थे.
अतुल सावे को सहकारिता और ओबीसी कल्याण विभाग दिया गया है, जबकि रवींद्र चह्वाण को लोक निर्माण और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग दिया गया है. दोनों विगत में कुछ समय के लिए राज्य मंत्री रहे थे.
भाजपा की मुंबई इकाई के पूर्व अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा को पर्यटन विकास, कौशल विकास और महिला एवं बाल विकास विभाग मिला है.
फडणवीस के करीबी गिरीश महाजन को ग्रामीण विकास और पंचायती राज, चिकित्सा शिक्षा और खेल व युवा विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
विजयकुमार गावित को आदिवासी विकास विभाग दिया गया है, जबकि पश्चिमी महाराष्ट्र से भाजपा विधायक सुरेश खडे को श्रम विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
शिवसेना के शिंदे के नेतृत्व वाले समूह से दीपक केसरकर स्कूली शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं.
गुलाबराव पाटिल को जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग दिया गया है, जबकि पूर्व में कृषि मंत्री रहे दादा भुसे अब बंदरगाह और खनन मामलों के मंत्री होंगे. अब्दुल सत्तार को कृषि विभाग दिया गया है.
पूर्व में उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे उदय सामंत को उद्योग विभाग दिया गया है.
शिंदे खेमे के विवादास्पद नेता संजय राठौड़ खाद्य एवं औषधि विभाग संभालेंगे. राठौड़ पहले उद्धव ठाकरे सरकार में वन मंत्री थे. भाजपा नेताओं द्वारा एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाए जाने का आरोप लगाए जाने के बाद राठौड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
तानाजी सावंत को जन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शंभूराज देसाई को आबकारी विभाग और संदीपन भुमरे को रोजगार गारंटी योजना और बागवानी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
इस बीच, फडणवीस ने कहा कि यदि जरूरत हुई तो भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना खेमा अगले मंत्रिपरिषद विस्तार से पहले कुछ विभागों का आदान-प्रदान कर सकते हैं.
वह अपने और शिंदे के पास कई विभाग होने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एडीआर ने यह जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र के 75 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
विश्लेषण के अनुसार, 15 (75 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 13 (65 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों को घोषणा की है.
ये सभी मंत्री करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत मूल्य 47.45 करोड़ रुपये है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)