स्वतंत्रता दिवस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं के अपमान से छुटकारा पाने का संकल्प लेने की बात कहने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने उनका एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि स्त्रियों के सम्मान का संकल्प लेने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत अगर किसी को है तो वह इस व्यक्ति (प्रधानमंत्री) को है. कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी बता सकते हैं कि बिलकीस बानो उनकी ‘नारी शक्ति’ का हिस्सा नहीं हैं, क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं?
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में महिलाओं के अपमान से छुटकारा पाने का संकल्प लेने की बात कहने पर विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी अपने अंदर झांककर देखें तथा उन्हें महिलाओं के प्रति अपनी पार्टी के रवैये को भी देखना चाहिए.
लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों से ऐसा कुछ भी न करने का संकल्प लेने का आग्रह किया, जिससे महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचे.
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बोलने में और आचरण में ‘हम ऐसा कुछ न करें, जो महिलाओं का सम्मान कम करता हो.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे आचरण में विकृति आ गई है और हम कभी-कभी महिलाओं का अपमान करते हैं. क्या हम अपने व्यवहार और मूल्यों में इससे छुटकारा पाने का संकल्प ले सकते हैं.’
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने मोदी पर कटाक्ष किया और एक चुनावी रैली के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके द्वारा की गई ‘दीदी ओ दीदी’ टिप्पणी की याद दिलाई.
ओ ब्रायन ने ट्विटर पर बनर्जी का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री का एक वीडियो संलग्न किया और कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हम महिलाओं के प्रति द्वेष समाप्त करने का संकल्प लें. पूरी तरह सहमत, श्रीमान! क्या हमें आपके साथ शुरुआत करनी चाहिए.’
“Let’s pledge to wipe out misogyny” said Prime Minister @narendramodi today #IndependenceDay2022
Completely agree, Sir.
Should we start with you, leading by example. pic.twitter.com/E4dP9l5TMr
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) August 15, 2022
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने भी प्रधानमंत्री से महिलाओं के संबंध में अपनी पार्टी के पुरुषों के रवैये को देखने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ महिलाओं के बारे में नहीं है. समाज में सभी मनुष्यों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए नहीं हो रहा है, क्योंकि मानसिकता को एक ऐसी पार्टी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है, जो मनुस्मृति, पितृसत्ता और जाति व्यवस्था में विश्वास करती है. इस सरकार के पास संसद के दोनों सदनों में बहुमत है, फिर भी उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं किया है.’
राजा ने कहा, ‘उनका भाषण महज बयानबाजी है और महिलाओं के प्रति या सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के प्रति कोई गंभीर प्रतिबद्धता नहीं है.’
शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी के शब्द जमीनी कार्रवाई से मेल नहीं खाते.
उन्होंने कहा, ‘अगर हम महाराष्ट्र कैबिनेट को देखें तो कोई महिला नहीं है, यहां तक कि महिला और बाल विभाग भी पुरुष मंत्रियों द्वारा देखे जा रहे हैं.’
Is this the Nari Shakti model that was spoken about in the I-Day speech? – no woman minister in Maharashtra cabinet. https://t.co/J6HX0EBnYC
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) August 15, 2022
चतुर्वेदी ने कहा, ‘भाजपा ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की बात भी कही, लेकिन पूर्ण बहुमत होने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है.’
उन्होंने ‘सुल्ली और बुल्ली’ ऐप मामलों का भी जिक्र किया, जिसमें सोशल मीडिया पर महिलाओं की कथित बोली लगाई गई थी.
बता दें कि ‘सुल्ली डील्स’ एक ऐप है, जो जुलाई 2021 में कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म गिटहब पर सामने आया था. ऐप पर कुछ प्रसिद्ध मुस्लिम महिलाओं की ‘नीलामी’ के लिए उनकी तस्वीर अपलोड कर दी गई थी और उनके लिए आपत्तिजनक शब्द ‘सुल्ली’ का इस्तेमाल किया गया था.
इन महिलाओं के छेड़छाड़ किए गए फोटो आपत्तिजनक विवरण के साथ बिना उनकी सहमति के इस्तेमाल किए गए थे.
इसी तरह बुली बाई ऐप का मामला इस साल जनवरी में सामने आया था, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दिया गया था.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी महिलाओं पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सदन के पटल पर की गई टिप्पणियों सहित राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी पर उनकी हंसी को लेकर की गई टिप्पणी, ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर के बारे में ‘50 करोड़ प्रेमिका’ की उनकी टिप्पणी शामिल है.
नारी के सम्मान का संकल्प लेने की सबसे ज़्यादा आवश्यकता अगर किसी को है तो वह इस व्यक्ति को है। देखिए कैसे pic.twitter.com/klSno2zugg
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) August 15, 2022
उन्होंने कहा कि महिलाओं के सम्मान का संकल्प लेने की सबसे ज्यादा आवश्यकता अगर किसी को है तो वह इस व्यक्ति (प्रधानमंत्री) को है.
खेड़ा ने बिलकीस बानों के दोषियों को रिहा करने की खबर ट्वीट करते हुए सोमवार को लिखा, ‘आज सुबह ही प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से नारी सम्मान के संकल्प का आह्वान किया था. सच में, ऊंची दुकान फीके पकवान.’
आज सुबह ही प्रधान मंत्री ने लाल क़िले की प्राचीर से नारी सम्मान के संकल्प का आह्वान किया था।
सच में, ऊँची दुकान, फीके पकवान https://t.co/iN7N87G7vm— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) August 15, 2022
कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, ‘गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकीस बानो के साथ गैंगरेप हुआ. हिंसा में उनके परिवार के सात सदस्यों को भी मार डाला गया. इस मामले के सभी दोषियों को गुजरात सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर रिहा कर दिया. यही है ‘भाजपाई न्याय’ की पराकाष्ठा.’
गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ, हिंसा में उसके परिवार के सात सदस्यों को भी मार डाला गया। इस मामले के सभी दोषियों को गुजरात सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर रिहा कर दिया।
यही है 'भाजपाई न्याय' की पराकाष्ठा। pic.twitter.com/COFbu223Xh
— Congress (@INCIndia) August 16, 2022
कार्यकर्ताओं का मोदी से सवाल किया कि महिलाओं के लिए हकीकत में क्या किया गया
महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिलाओं के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर प्रश्न किया.
इस पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के क्रिन्यावयन पर प्रश्न किया.
सामाजिक कार्यकर्ता और साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी देने की दिशा में काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन ‘आकांक्षा श्रीवास्तव फाउंडेशन’ की संस्थापक आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि पहला और अहम मुद्दा है महिला सुरक्षा और शिक्षा.
उन्होंने कहा, ‘लड़कियों के लिए शिक्षा तक पहुंच में बहुत असमानता है, तो देखना चाहती हूं कि इस संबंध में नीतियों में क्या बदलाव है. कई ऐसे कस्बे हैं, जहां लड़कियों के लिए स्कूलों में शौचालय नहीं हैं, क्योंकि ऐसी मानसिकता है कि लड़कियां अपनी शिक्षा को गंभीरता से नहीं लेती.’
आकांक्षा प्रश्न करती हैं कि निर्भया कोष के जरिये जो सुरक्षा कदम उठाए जाने थे, वे कहां हैं.
ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेन्स एसोसिएशन की सदस्य कविता कृष्णन ने कहा कि जब एक निर्वाचित प्रतिनिधि रोजमर्रा की जिंदगी में ‘महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलने’ की आवश्यकता की बात करता है, तो हमेशा उसका स्वागत किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि इस प्रकार के ‘सुझाव’ बहुत आम होते हैं, इनमें कोई विशेष बात नहीं होती.’
मंगलवार को किए गए एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर जब प्रधानमंत्री हमें महिलाओं का सम्मान करने और नारी शक्ति का समर्थन करने के लिए भाषण दे रहे थे तब गुजरात सरकार अपनी क्षमा नीति के तहत बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों को कर रहा था. क्या नरेंद्र मोदी बता सकते हैं कि बिलकीस उनकी ‘नारी शक्ति’ का हिस्सा नहीं हैं, क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं.’
On #IndependenceDay2022 when @PMOIndia was giving a speech asking us to respect women, support “Nari Shakti”, @CMOGuj was releasing 11 convicted gang-rapists of #BilkisBano on remission. Can @narendramodi tell us, is Bilkis not part of your “Nari Shakti” because she’s Muslim? pic.twitter.com/A9Lxr1giyZ
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) August 16, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी कल जब आपने ‘महिलाओं का सम्मान’ कही थी तो क्या आपका मतलब उन बलात्कारियों और हत्यारों को बधाई के लड्डू देना था, जिन्हें गुजरात में आपकी पार्टी की सरकार द्वारा मुक्त किया गया है? क्या बलात्कारी ‘चाचा’ और ‘भाइयों’ को ये लड्डू मिल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने मुस्लिम बिलकीस बानो का बलात्कार किया?’
Shri @PMOIndia @narendramodi when you said "respect women" y'day, did you mean, give congratulatory laddoos to rapists and killers who have been freed by your party's govt in Gujarat? Are these rapist "uncles" and "brothers" getting laddoos coz they raped Bilkis Bano, a Muslim? https://t.co/E99S0aUnod
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) August 16, 2022
पीपुल अगेंस्ट रेप इन इंडिया की प्रमुख योगिता भयाना कहती हैं, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर भी लाल किले की प्राचीर से बात की गई थी, लेकिन हम हर रोज महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के बारे में सुनते हैं.’
नवभारत टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘सम्मान तो बड़ा शब्द है. हमारा मान ही बरकरार रहे, यह भी बहुत है. रेप लगातार बढ़े हैं. मां-बहन की गालियां लोगों की जुबान से हट नहीं रही हैं. मैं तो यही कहूंगी कि अब तिरंगा उस घर में लहराएं जहां महिलाएं सुरक्षित हों, सम्मानित हों.’
लगातार बढ़ रहे रेप सम्मान तो बहुत बड़ा शब्द है !! pic.twitter.com/7l5xAUlW1N
— Yogita Bhayana योगिता भयाना (@yogitabhayana) August 16, 2022
भ्रष्टाचार, परिवार की बात कर मोदी ने अपने ही मंत्रियों, उनके पुत्रों पर हमला किया: कांग्रेस
कांग्रेस ने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आह्वान किए जाने के बाद सोमवार को उन पर निशाना साधा और दावा किया कि मोदी ने अपने ही मंत्रियों और उनके पुत्रों पर हमला किया, जो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शोभा नहीं देता.
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री से लोग आज आठ साल का रिपोर्ट कार्ड दिए जाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उनके संबोधन से निराशा ही हाथ लगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के कथन को लेकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इन चीजों पर टिप्पणी नहीं करूंगा. सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं.’
कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज का दिन यह नहीं है कि राजनीतिक बातें की जाएं. लेकिन कुछ परंपराएं बदली जा रही हैं और यह करने वाले प्रधानमंत्री स्वयं हैं. पिछले आठ वर्ष से प्रधानमंत्री अपने ही शब्दों के शिकार होते चले जा रहे हैं और वह बहुत थके हुए दिखाई दे रहे थे.’
आज का दिन ऐसा तो नहीं है कि सियासी बात की जाए। लेकिन देश में परम्पराएं बदली जा रही हैं, उनको बदलने वाले पीएम मोदी स्वयं हैं।
इस तरह की निम्नस्तरीय हरकत का जवाब देना आवश्यक नहीं होता, मगर जवाब देने की मांग होती है: श्री @Pawankhera#IndiaAt75 pic.twitter.com/qnM0U6NdEf
— Congress (@INCIndia) August 15, 2022
उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री की बातें और शब्द थके हुए थे. कोई भाव नहीं है, कोई दिल में जज्बा और जुनून नहीं है क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे वो उन्हें खुद सताते होंगे.’
खेड़ा ने सवाल किया, ‘कहां गया किसानों की आय दोगुनी करने का वादा? कहां गया सबको घर देने का वादा? कहां गया कालाधन वापस लाने का वादा ? रोजगार और 15 लाख रुपये देने के वादे का क्या हुआ?’
उन्होंने दावा किया कि ये तमाम वादे प्रधानमंत्री को न ठीक से बोलने देते हैं और न ही सोने देते हैं.
खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री भाजपा की आंतरिक समस्या की बात कर रहे थे. एक व्यक्ति ने शायद लॉर्ड्स में शतक लगाया होगा, इसलिए वह क्रिकेट में बड़े पद पर पहुंच गए. एक व्यक्ति का बेटा बहुत बड़े थिंकटैंक में है. अब प्रधानमंत्री का हमला क्या अपने ही मंत्रियों पर और अपने ही मंत्रियों के पुत्रों पर है, यह मोदी जी खुद बताएंगे.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘प्रधानमंत्री ने अपने ही मंत्रियों पर हमला किया है. उन्होंने शायद गृह मंत्री के पुत्र पर हमला किया, रक्षा मंत्री के पुत्र पर हमला किया या किसी और पर हमला किया. स्वतंत्रता दिवस पर यह शोभा नहीं देता.’
खेड़ा के अनुसार, ‘देश उम्मीद कर रहा था कि प्रधानमंत्री अपना रिपोर्ट कार्ड देंगे और आठ साल का हिसाब-किताब देंगे. प्रधानमंत्री ने आज पूरे देश और अपने समर्थकों को भी निराश किया है.’
उन्होंने कहा, ‘अतीत में लाल किले की प्राचीर से ऐतिहासिक भाषण दिए गए हैं. वहां से निकले एक-एक शब्द ने देश की तकदीर लिखी. उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री परिपक्व भाषण देंगे. लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि उन्होंने आज के दिन भी ऐसी बात की है.’
खेड़ा ने कहा, ‘आप महात्मा गांधी, पटेल, नेहरू और मौलाना आजाद का कद तो नहीं घटा पाएंगे. सबको पता है कि किसने आजादी के लिए संघर्ष किया, कौन जेल गया और किसने माफी मांगी और अंग्रेजों से पेंशन ली.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि आज जब देश ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर रहा है तो भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर ले जाना उनकी संवैधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)