बुधवार सुबह केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में भेजा जाएगा, साथ ही यूएनएचसीआर कार्ड और पुलिस सुरक्षा दी जाएगी. कुछ ही घंटों बाद गृह मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली में स्थित बक्करवाला के अपार्टमेंट में भेजा जाएगा और उन्हें मूलभूत सुविधाएं तथा पुलिस सुरक्षा भी मुहैया की जाएगी.
Those who made a career out of spreading canards on India’s refugee policy deliberately linking it to #CAA will be disappointed.
India respects & follows @UN Refugee Convention 1951 & provides refuge to all, regardless of their race, religion or creed.@MIB_India @NBirenSingh pic.twitter.com/6jyMl9dJ7Q
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2022
पुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी. एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी.’
इसी विषय में एक खबर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा, ‘जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर सीएए से जोड़ने की अफवाह फैलाकर अपना करिअर बनाया, वे निराश होंगे. भारत यूएन शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान और अनुसरण करता है और बिना जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए सभी को शरण देता है.’
मालूम हो कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए फ्लैट का निर्माण नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने किया है और ये टिकरी सीमा के पास बक्करवाला इलाके में स्थित हैं.
रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट मुहैया कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है: गृह मंत्रालय
हालांकि इसके कुछ समय बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया कि उसने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है.
साथ ही मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर ही रखा जाए.
गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक डिटेंशन सेंटरों में रखा जाना चाहिए और दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को डिटेंशन केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.
Rohingya Illegal Foreigners
Press release-https://t.co/eDjb9JK1u1 pic.twitter.com/uKduPd1hRR
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 17, 2022
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों की समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने नयी दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है.’
गृह मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 40,000 रोहिंग्या रहते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को एक नये स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्तावित कदम पर, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को उनके वर्तमान स्थान पर रखा जाए क्योंकि उन्हें उनके देश वापस भेजने का मामला विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ पहले ही उठाया जा चुका है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजने तक कानून के अनुसार डिटेंशन केंद्र में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन केंद्र घोषित नहीं किया है. उसे तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया गया है.’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया था कि अवैध रोहिंग्या प्रवासी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और केरल में रह रहे हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि सरकार को रिपोर्ट मिली है कि रोहिंग्या मुसलमान देश में अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों को अवैध प्रवासी माना जाता है.
मंत्री ने कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों सहित अवैध प्रवासियों का पता लगाना और राष्ट्रीयता के सत्यापन की उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें उनके देश वापस भेजना एक सतत प्रक्रिया है.
विहिप और भाजपा नेताओं ने की आलोचना
इस बीच, गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण आने से पहले भाजपा नेताओं ने अपने ही मंत्री की बात से असहमति दिखाई.
कृपया करके रोहिंग्या से पहले कश्मीरी पंडितों और अफ़ग़ानिस्तान से आए हिंदू सिखों को flats और पुलिस सुरक्षा दिलवा दीजिए सर 🙏
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को वर्षों से झुग्गियों में बिना बिजली रहना पड़ रहा हैं
इस अद्भुत शरणार्थी नीति का लाभ उन तक नहीं पहुँच पाया है https://t.co/o63KvMUdsO
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 17, 2022
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने पुरी के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, ‘कृपया करके रोहिंग्या से पहले कश्मीरी पंडितों और अफ़ग़ानिस्तान से आए हिंदू सिखों को फ्लैट और पुलिस सुरक्षा दिलवा दीजिए, सर. पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को वर्षों से झुग्गियों में बिना बिजली रहना पड़ रहा है. इस अद्भुत शरणार्थी नीति का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाया है.’
इसी तरह दिल्ली भाजपा के नेता अश्विनी उपाध्याय ने पुरी के ट्वीट पर जवाब में लिखा, घुसपैठ का मूल कारण घूसखोरी है, घुसपैठिये सीमा पर घूस देकर आते हैं. घूस देकर आधार, राशन कार्ड बनवाते हैं, जन्म प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र बनवाते हैं. घूसखोरी रोके बिना घुसपैठ नहीं रुकेगी.’
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी एक बयान जारी करके कहा कि रोहिंग्या को आवास देने की बजाय देश से बाहर किया जाना चाहिए.
प्रेस वक्तव्य:
रोहिंग्याओं को आवास देने की बजाय भारत से बाहर करें : आलोक कुमार pic.twitter.com/sP80YV6RvE— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) August 17, 2022
परिषद् के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के हवाले से बयान में कहा गया कि रोहिंग्याओं को आवास दिए जाने का प्रस्ताव निंदनीय है और इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)