भाजपा ने इसकी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर किया गया है.
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड और चुनावी टिकटों के बंटवारे के लिहाज से महत्वपूर्ण केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है. इसमें कई बड़े नेताओं को बाहर करते हुए नए चेहरों को शामिल किया गया है.
इसके बाद गुरुवार को पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पार्टी के अंदर पदों पर नियुक्ति के लिए चुनाव करवाने की परंपरा के बारे में ट्वीट किया.
In early days of Janata Party and then BJP, we had party and parliamentary party elections to fill office bearers posts. Party Constitution requires it. Today in BJP there are no elections whatsoever ever. To every post is nominated a member with the approval of Modi.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 18, 2022
एक ट्वीट में स्वामी ने लिखा, ‘जनता पार्टी के शुरुआती दिनों में और फिर भाजपा के समय भी पदाधिकारियों के पद भरने के लिए चुनाव हुआ करते थे. पार्टी के संविधान में ऐसा कहा गया है. आज भाजपा में किसी तरह का कोई चुनाव नहीं होता है. प्रत्येक पद पर मोदी की सहमति के बाद ही किसी सदस्य को नामित किया जाता है.’
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बुधवार को हुए बदलाव में पार्टी के संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया गया है.
संसदीय बोर्ड में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित छह नए चेहरों को शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि भाजपा में संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च इकाई होती है और मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष व अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर फैसला लेता है.
संसदीय बोर्ड में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष पहले से ही शामिल हैं. संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव हैं.
शिवराज सिंह चौहान एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जो लंबे समय से संसदीय बोर्ड के सदस्य थे. जब 2014 में अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष बने थे तब उन्होंने चौहान को संसदीय बोर्ड में जगह दी थी. इसके बाद वह नड्डा की टीम में भी संसदीय बोर्ड के सदस्य बने रहे.
केंद्रीय चुनाव समिति से जिन नेताओं को हटाया है उनमें गडकरी और चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल हैं.
नई केंद्रीय चुनाव समिति में संसदीय बोर्ड के सभी 11 सदस्यों के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर को जगह दी गई है.