न्यूयॉर्क में मंदिर के बाहर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार को कुछ लोगों ने न्यूयॉर्क शहर के क्वींस में एक मंदिर के बाहर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को हथौड़ा मार-मार कर नीचे गिरा दिया. पुलिस मामले की जांच 'हेट क्राइम' के तौर पर कर रही है. वहीं, भारतीय दूतावास ने मामला अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है.

The vandalised statue of Mahatma Gandhi outside a temple in Queens, New York city. (PTI)

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार को कुछ लोगों ने न्यूयॉर्क शहर के क्वींस में एक मंदिर के बाहर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को हथौड़ा मार-मार कर नीचे गिरा दिया. पुलिस मामले की जांच ‘हेट क्राइम’ के तौर पर कर रही है. वहीं, भारतीय दूतावास ने मामला अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है.

न्यूयॉर्क शहर के क्वींस में एक मंदिर के बाहर महात्मा गांधी की क्षतिग्रस्त प्रतिमा. (फोटो: पीटीआई)

न्यूयॉर्क: घृणा अपराध (हेट क्राइम) के संभावित मामले में अज्ञात व्यक्तियों ने यहां एक मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा को हथौड़े से तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. मीडिया की खबरों में शुक्रवार को यह बताया गया.

‘सीबीएसन्यूज डॉट कॉम’ के अनुसार, ‘सर्विलांस वीडियो’ में दिखा है कि एक व्यक्ति बीते मंगलवार (16 अगस्त) को गांधी प्रतिमा पर हथौड़े से वार कर उसका सिर तोड़कर गिरा देता है. कुछ मिनट बाद, छह लोगों का एक समूह बारी-बारी से प्रतिमा को हथौड़े से मारकर गिरा देता है. साउथ रिचमंड हिल स्थित श्री तुलसी मंदिर के संस्थापक लखराम महाराज के हवाले से कहा गया, ‘उन्हें (हमलावरों को) इस तरह हमारे पीछे आते देखना बहुत दुखद है.’

महाराज को बुधवार को सुबह जब घटना का पता चला तब तक गांधी प्रतिमा मलबे में बदल गई थी. मंदिर के सामने और कुछ अन्य जगहों पर स्प्रे पेंट से ‘कुत्ते’ भी लिखा गया था.

जांच अधिकारियों ने बताया कि दो हफ्ते पहले गांधी की वही प्रतिमा तोड़ी गई थी. एसेंबली सदस्य जेनिफर राजकुमार ने कहा है, ‘गांधी की प्रतिमा को तोड़ा जाना, वास्तव में हमारी सभी मान्यताओं के खिलाफ है और यह समुदाय के लिए बहुत परेशान करने वाली हरकत है.’

खबरों में कहा गया है कि न्यूयॉर्क पुलिस विभाग संभावित घृणा अपराधों के रूप में दोनों घटनाओं की जांच कर रहा है. महाराज ने कहा कि समुदाय के कई लोग अब मंदिर जाने से डर रहे हैं.

खबर में महाराज के हवाले से कहा गया, ‘मैं मंदिर आने वाले लोगों के समक्ष यह नहीं जता सकता कि मैं चिंतित हूं क्योंकि अगर उनके सामने मैं चिंता जताऊं तो वे कैसे मजबूत होंगे?’

खबर में कहा गया है कि मंदिर के अधिकारी गांधी प्रतिमा के बदले दूसरी प्रतिमा भी नहीं लगा सकते क्योंकि यह हस्तनिर्मित थी और इसकी कीमत लगभग 4,000 अमेरिकी डॉलर थी.

महाराज ने कहा, ‘मैं बस यह जानना चाहता हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?’

अमेरिका में गांधी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त या विरूपित करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इस साल फरवरी में मैनहट्टन के यूनियन स्क्वायर में गांधी की आठ फुट ऊंची प्रतिमा को कुछ लोगों ने विरूपित कर दिया था. वहीं, खालिस्तान समर्थकों ने दिसंबर 2020 में वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने लगी गांधी की प्रतिमा को विरूपित किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत ने शुक्रवार को इस ‘घृणित कृत्य’ की कड़ी निंदा की और यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष मुद्दा उठाया.

वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘क्वींस, न्यूयार्क में एक मंदिर के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़े जाने की सख्त निंदा करते हैं. हमने अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष यह विषय उठाया है और गहन जांच की मांग की है ताकि इस तरह के घिनौने कृत्य के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके.’

वहीं, न्यूयॉर्क सिटी पुलिस विभाग ने एक बयान में पीटीआई से कहा कि पुलिस को इसकी सूचना 16 अगस्त की रात करीब 1.30 बजे मिली कि ‘छह अज्ञात पुरुषों के एक समूह’ ने तुलसी मंदिर के सामने एक धार्मिक मूर्ति को हथौड़ा मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया और तोड़ दिया है.

पुलिस ने बताया कि फिर वे सभी लिबर्टी एवेन्यू की ओर भाग गए और दो वाहनों में घुस गए.उनकी उम्र करीब 25 से 30 साल के बीच थी.

पुलिस ने अपराधियों का ठिकाना पता लगाने में जनता से मदद मांगी है और घटना से संबंधित जानकारी रखने वालों से पुलिस से संपर्क करने को कहा है.

वहीं, क्वींस इलाके का प्रतिनिधित्व करने वालीं जेनिफर राजकुमार ने इस संबंध में पुलिस आयुक्त व अन्य अधिकारियों से बात की है और बताया कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और इसकी जांच हेट क्राइम के रूप में कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैंने देश भर के सरकारी नेताओं से बात की है. सभी हिंदू-विरोधी नफरत का मुकाबला करने के हमारे प्रयासों में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम हमेशा जानते थे कि नफरत को हराना एक दिन, एक हफ्ते या एक साल में भी पूरा नहीं होगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम लंबी अवधि के लिए यह लड़ाई लड़ने को प्रतिबद्ध हैं और अंहिसा व सत्याग्रह के हिंदू सिद्धांतों का उपयोग करेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)