आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.

शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया.

सूत्रों के मुताबिक, समझा जा रहा है कि शर्मा ने पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ ‘समझौता नहीं किया जा सकता’ और उन्होंने संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.

शर्मा से पहले जी-23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है.

शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया है. मैं आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने विश्वास पर कायम हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे खून में दौड़ने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं, इसमें कोई शक नहीं है! हालांकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था.’

शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है. हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे.

कांग्रेस नेता मंगलवार से जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं और वह कसौली और अन्य जगहों पर अपने समर्थकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.

आजाद और शर्मा – दोनों ही जी-23 समूह में शामिल प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से नहीं चूके हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित कई अन्य दिग्गज नेताओं वाला यह समूह ब्लॉक से लेकर केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने पर जोर दे रहा है.

शर्मा के इस्तीफे को कांग्रेस के भीतर ‘बागियों’ को शांत करने के प्रयासों के लिए एक झटका माना जा रहा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में पार्टी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष पवन काजल और एक अन्य विधायक ने भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष, संचालन समिति नेता और अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आठ अन्य समितियों की भी घोषणा की थी, जिसमें एक संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में आनंद शर्मा और संयोजक के रूप में आशा कुमारी शामिल थीं.

शर्मा ने कथित तौर पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, समितियों की बहुलता और कार्यों के अतिव्यापी होने पर स्पष्टता चाहते हैं. उन्होंने वेणुगोपाल और एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला से संचालन समिति के जनादेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था.

कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश में भाजपा से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है.

शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था. वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. वह तभी से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

हालांकि शर्मा 1982 का चुनाव भाजपा के दिग्गज नेता दौलत राम चौहान से केवल 1,263 मतों से हार गए थे, उन्होंने कथित कदाचार के आधार पर चुनाव को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक चुनाव याचिका दायर की और जीत हासिल की.

बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और फिर से चुनाव हुआ.

सूत्रों ने कहा कि शर्मा को बाद में इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी के साथ दिल्ली में काम करने के लिए बुलाया और फिर उन्हें भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. शर्मा पार्टी के पहले प्रवक्ताओं में से एक रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq