एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में नागपुर ज़िला और सत्र न्यायालय ने हथियारों के ‘अवैध क़ब्ज़े’ को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ शिकायत मिलने के बावजूद केस दर्ज करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए यह नोटिस जारी कर चार हफ़्ते के भीतर जवाब दाख़िल करने को कहा है.
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर जिले की एक अदालत ने हथियारों के ‘अवैध कब्जे’ के बारे में शिकायत प्राप्त करने के बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ मामला दर्ज करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए बीते शनिवार (19 अगस्त) को एक स्थानीय पुलिस स्टेशन को नोटिस जारी किया है.
जिला एवं सत्र न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता मोहसिन जबलपुरे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जबलपुरे, जो एक कांग्रेस कार्यकर्ता भी हैं, ने 2018 में एक आरटीआई दायर कर स्थानीय कोतवाली पुलिस स्टेशन से आरएसएस के हथियारों के बारे में विवरण मांगा था. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या वे हथियार चुनाव के दौरान या अन्य आपात स्थितियों के दौरान जब्त किए गए थे. हालांकि, नागपुर कोतवाली पुलिस आवेदक को कोई ब्योरा देने में विफल रही.
जबलपुरे ने तब कोतवाली पुलिस से ‘हथियार रखने’ के लिए आरएसएस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए संपर्क किया, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
इसके बाद कार्यकर्ता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने 2018 में कोतवाली पुलिस स्टेशन को नोटिस जारी किया. हालांकि, पुलिस कोई ठोस जवाब देने में विफल रही.
शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसबी गावंडे ने फिर से कोतवाली पुलिस को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
हर साल आरएसएस विजय दशमी उत्सव के दौरान अपने मुख्यालय में शस्त्र पूजा करता है. सरसंघचालक या आरएसएस प्रमुख वार्षिक प्रथागत भाषण से पहले यह पूजा करते हैं.