हिंदू युवा वाहिनी के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष भारत गोस्वामी ने कहा, हिंदूवादी सरकार में तेजोमहालय में पूजा से रोका गया है.
आगरा: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ताजमहल विवाद का पटाक्षेप करने की बजाय उसे तूल देती दिख रही है. ताजमहल पर छिड़े संग्राम के क्रम में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताजमहल दौरे से पहले हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने ताजमहल में शिव चालीसा का पाठ किया गया है.
हालांकि केंद्रीय सुरक्षा औद्योगिक बल (सीआईएसएफ) ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और माफीनामा लिखवाने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया. योगी 26 अक्तूबर को आगरा आ रहे हैं. वह 30 मिनट तक ताजमहल में रहेंगे.
अलीगढ़ तथा हाथरस से कई हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता सोमवार को ताजमहल पहुंचे. वे अपने साथ कथित रूप से शिव चालीसा लेकर आए थे. ताजमहल में पहुंचने के बाद वीडियो प्लेटफॉर्म पर शिव चालीसा का पाठ किया. सीआईएसएफ कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया.
हिंदू युवा वाहिनी के अलीगढ़ के महानगर अध्यक्ष भारत गोस्वामी ने कहा, हिंदूवादी सरकार में तेजोमहालय में पूजा से रोका गया है. सोमवार को शिव की पूजा की जाती है, इसलिए तेजोमहालय में शिव शिव चालीसा का पाठ किया.
वहीं इस संबंध में अधीक्षण पुरातत्वविद आगरा विक्रम भुवन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ताजमहल में हर किसी का मोबाइल तो चेक नहीं किया जाता. उक्त लोग मोबाइल में कुछ देख रहे थे. इस दौरान सीआईएसएफ कर्मियों ने उन्हें देख लिया और उसी ने बताया कि वे शिव चालीसा पाठ कर रहे हैं. बाद में इन लोगों द्वारा अपनी गलती स्वीकारने के बाद सीआईएसएफ ने उन्हें छोड़ दिया. इन लोगों के पास कोई किताब नहीं थी.
हाल ही में ताजमहल पर विवाद तब छिड़ गया था जब योगी आदित्यनाथ सरकार के पर्यटन विभाग की पुस्तिका में ताजमहल को शामिल नहीं किया गया, जबकि योगी आदित्यनाथ जिस मंदिर के महंत हैं, उस गोरक्षापीठ को इस पुस्तिका में शामिल किया गया.
हालांकि, बाद में सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने सफाई पेश की और कहा कि ताजमहल सरकार की प्राथमिकता में है. इसके बाद भाजपा विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर कलंक बताया. तब से भाजपा के तमाम नेताओं ने ताजमहल को लेकर बयानों की झड़ी लगा दी.
योगी सरकार के आधे मंत्री और विधायक एक तरफ ताजमहल को नकारने पर तुले हैं, दूसरी तरफ आधे मंत्री और विधायक ताजमहल को लेकर लीपापोती कर रहे हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार जानबूझ कर ताजमहल को ‘तेजोमहालय’ अथवा हिंदू मंदिर बताने और ताजमहल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा होने से नकारने में जुटी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)