गुजरात चुनाव राउंडअप: ‘आप’ ने की ख़रीद-फ़रोख़्त की जांच की मांग, अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस की मांग मतदान केंद्रों पर हो सीसीटीवी, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई.
नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही अभी तारीख़ों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों की ओर से सियासी दांवपेंच की आज़माइश शुरू हो गई है.
हाल ही में आंदोलनों से उभरे तीन युवा नेताओं को साधने की कोशिश के बीच भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी में शामिल होने के बाद न सिर्फ दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी, बल्कि भाजपा पर राजनीतिक निष्ठा बदलने के लिए रिश्वत देने का भी आरोप लगाया है.
गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए, हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के एक नेता ने यह दावा कर परेशानी खड़ी कर दी है कि उन्हें भाजपा ने निष्ठा बदलने के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश की थी.
बहरहाल, सत्ताधारी दल ने इस दावे को असत्य बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है. उत्तरी गुजरात में ‘पीएएएस’ के संयोजक नरेंद्र पटेल ने यह दावा रविवार शाम को किया. इसके बाद ‘पीएएएस’ के ही एक अन्य सदस्य निखिल सवानी ने पार्टी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया.
कुछ माह पहले ही भाजपा में शामिल हुए सवानी का आरोप है कि पार्टी ने पाटीदार समुदाय की मांगें मानने का अपना वादा पूरा नहीं किया.
नरेंद्र पटेल ने भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख जीतू वघानी की मौजूदगी में रविवार को घोषणा की थी कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं. लेकिन कुछ घंटों के बाद उन्होंने एक संवाददाता सम्मलेन बुलाकर भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन वह अपने समुदाय के साथ छल नहीं करेंगे.
कांग्रेस के इशारे पर ड्रामा: भाजपा
ख़रीद-फ़रोख़्त के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस के इशारे पर यह ‘ड्रामा’ किया गया.
गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता भरत पांड्या ने दावा किया कि ‘ये सभी आरोप झूठे हैं. नरेंद्र पटेल द्वारा यह ड्रामा कांग्रेस के इशारे पर किया गया. वह भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी इच्छा से आए थे और कुछ ही घंटों में पलट भी गए. यह साबित होता है कि सब कुछ पूर्व नियोजित था.’
संवाददाता सम्मलेन में नरेंद्र पटेल ने मीडियाकर्मियों को 10 लाख रुपये की नगद राशि दिखाते हुए दावा किया कि यह रकम उन्हें पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के पूर्व नेता वरुण पटेल ने ‘एडवांस’ में दी थी. वरुण पटेल शनिवार को भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे समझौते में वरुण ने मध्यस्थता की थी.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो: आप
आम आदमी पार्टी ने नेता नरेंद्र पटेल को भाजपा द्वारा पार्टी में शामिल होने के लिए कथित तौर पर पैसों की पेशकश करने के मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की है.
आप प्रवक्ता आशुतोष ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र और गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने नेताओं की खरीद-फरोख्त की अपनी पुरानी परिपाटी को कायम रखते हुए पटेल को एक करोड़ रुपये की पेशकश कर भाजपा में शामिल कराने की कोशिश की.
आशुतोष ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी के बिना यह कवायद नहीं की गई होगी. आशुतोष ने इस आशंका के हवाले से इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से दिल्ली में आप के विधायक को खरीदने की कोशिश की थी, उसी तरह अब गुजरात में भी पटेल को रिश्वत देकर भाजपा में शामिल कराने की नाकाम और नापाक कोशिश की है. इससे भाजपा का चरित्र एक बार फिर उजागर हो गया है.
उन्होंने कहा कि पटेल को घूस के बदले भाजपा में शामिल कराने की साजिश के सूत्रधार सिर्फ गुजरात भाजपा अध्यक्ष नहीं हो सकते हैं बल्कि इसमें पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी जरूर शामिल होगा. आशुतोष ने कहा कि आप को ना तो गुजरात पुलिस पर यकीन है और ना ही सीबीआई पर, इसलिए पार्टी इस घूसकांड की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करती है जिससे जनता के बीच सच सामने आ सके.
कांग्रेस की भाजपा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग
पाटीदार आंदोलन के नेता नरेंद्र पटेल को भाजपा में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपये की घूस की पेशकश का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने मांग की कि भाजपा के खिलाफ गुजरात में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.
पार्टी ने यह भी कहा कि मामले की अदालत की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददातओं से कहा, आजकल भारतीय जनता पार्टी अज्ञानता, अहंकार और बौखलाहट का परिचय दे रही है और इसके उदाहरण पिछले 24 घंटों में हम सभी के सामने आए हैं.
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ये कहते नहीं थकते हैं कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा और गुजरात में जिस तरह से तथाकथित घूसखोरी का खुला खेल चल रहा है, वो हमारे लोकतंत्र के पर एक बहुत बड़ा धब्बा है. इन दिनों वे भारत के प्रधानमंत्री की तरह कम और गुजरात के मुख्यमंत्री की तरह अधिक काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, कांग्रेस मांग करती है कि घूस के इन आरोपों को लेकर गुजरात भाजपा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी जाए. हम गुजरात उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच चाहते हैं. अदालत की निगरानी में जांच करवाई जानी चाहिए क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता है तो गुजरात चुनाव की पूरी शुचिता ही सवालों में घिर जाएगी.
तिवारी ने पटेल के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि ये घूस का मामला गुजरात में पहली बार सामने नहीं आ रहा है. जब गुजरात में राज्यसभा का चुनाव हो रहा था, तो किस तरह से कांग्रेस के विधायकों को लुभाने की कोशिश की गई थी. तीन कांग्रेस के विधायक मीडिया के सामने आए थे, उन्होंने साफ तौर पर प्रमाण के साथ ये कहा था कि हमें रिश्वत देने की कोशिश की गई है और उसकी कभी कोई जांच नहीं हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट करेगा कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई
उच्चतम न्यायालय गुजरात विधान सभा और दूसरे चुनावों में वीवीपीएटी मशीनों के माध्यम से मतों की गणना के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिए कांग्रेस की याचिका पर इस महीने के अंत तक सुनवाई करने पर सहमत हो गया.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मदद करने का अनुरोध किया है. कांग्रेस पार्टी की इस याचिका पर न्यायालय 30 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिव प्रकाश जोशी ने इस याचिका में निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि मतदान केंद्रों के भीतर लोगों की आवाजाही पर निगाह रखने के लिए वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.
याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रकाश जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने कहा कि इस मामले में शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि गुजरात विधानसभा के चुनाव की तारीखों की घोषणा शीघ्र होने की उम्मीद है. पीठ ने कहा, इस याचिका की एक प्रति केंद्रीय एजेंसी को दी जाए ताकि हम इसमें अटार्नी जनरल की मदद ले सकें.
याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह जिलों में मुख्य पदों पर किसी भी ऐसे व्यक्ति, जिसके खिलाफ किसी प्रकार की जांच अथवा अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही है, को संविदा के आधार पर हो या सेवा विस्तार पर हो, को तैनात नहीं करे.
गुजरात की आवाज को दबाया, ख़रीदा नहीं जा सकता: राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में सभी जातियों के हजारों युवक अब चुप नहीं रहेंगे और उनकी आवाज को दबाया या खरीदा नहीं जा सकता. राहुल एक रैली को संबोधित कर रहे थे जिसमें प्रदेश के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हुए.
राहुल ने हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता नरेंद्र पटेल के रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर मोदी और भाजपा को आड़े हाथ लिया.
राहुल ने कहा, यह गुजराती आवाज कोई मामूली आवाज नहीं है. गुजरात की इस आवाज को दबाया नहीं जा सकता. आप कोई भी पेशकश कर सकते हैं. एक करोड़ रुपये, दस करोड़ रुपये, 50 करोड़ रुपये, 1000 करोड़ रुपये, भारत का पूरा बजट, दुनिया का पूरा धन. लेकिन यह गुजराती आवाज खरीदी नहीं जा सकती.
उन्होंने कहा, पहले भी इस आवाज को दबाने के प्रयास किए गए. अंग्रेजों ने गांधीजी का दमन करने की कोशिश की. पहले दक्षिण अफ्रीका में, फिर गुजरात में और भारत में. लेकिन गुजरात की आवाज ने उस महाशक्ति को देश से खदेड़ दिया.
राहुल ने कहा, सरदार पटेलजी, गांधीजी इस जमीन से थे और वे गुजरात की आवाज को संरक्षण देते थे. लेकिन आज भाजपा सरकार गुजरात की आवाज को दबा देना चाहती है. वे इतने डरे हुए हैं कि आवाज को खरीद लेना चाहते हैं. मोदीजी, इस आवाज का कोई मूल्य नहीं हैं आप गुजरात की इस आवाज को खरीद नहीं सकते.
राहुल के भाषण के दौरान अल्पेश ठाकोर ने उपस्थित भीड़ से शांति से कांग्रेस उपाध्यक्ष का भाषण सुनने को कहा. इस पर राहुल ने कहा, आप भीड़ को शांत करना चाहते हैं अल्पेश जी. लेकिन वे चुप नहीं रह सकते. मोदीजी ने इनका इतना शोषण किया है कि वे चुप नहीं रह सकते. रैली का आयोजन ठाकोर और उनके समर्थकों ने किया था.
अल्पेश ठाकोर पहले से कांग्रेस सदस्य, पार्टी कर रही है नौटंकी: भाजपा
भाजपा ने गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले को नौटंकी करार दिया और दावा किया कि वह पहले से पार्टी के सदस्य हैं और राहुल गांधी ने इस तरह के काम करके खुद को तिकड़मबाजी तक सीमित कर लिया है.
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ठाकोर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के सदस्य थे और पहले भी पार्टी के टिकट पर पंचायत चुनाव लड़ चुके हैं.
प्रसाद ने कहा, बड़े दावे किए जा रहे हैं कि एक बड़ा नेता पार्टी में शामिल हो गया है. मैंने अकसर राहुल गांधी पर तैयारी पूरी नहीं करने का आरोप लगाया है लेकिन अब लगता है कि उनका स्क्रिप्ट लेखक भी होमवर्क नहीं कर रहा.
मंत्री ने कांग्रेस को ड्रामाबाज पार्टी नंबर वन करार देते हुए कहा कि इस तरह की चीजें उन्हें कुली नंबर वन और आंटी नंबर वन जैसी हिंदी फिल्मों की याद दिलाती हैं. प्रसाद ने कहा कि ठाकोर के पिता भी गुजरात में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे.
चुनाव आयोग भाजपा के प्रयासों में एक अनावश्यक पक्ष क्यों बन रहा है: कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि चुनाव आयोग को तुरंत गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा कर राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू करनी चाहिए. पार्टी ने कहा कि चुनाव आयोग को विधानसभा चुनाव से भाजपा के बचने के प्रयासों में पक्ष नहीं बनना चाहिए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में विलंब करवाने का प्रयास कर रही है तथा प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही घोषणाओं के साथ राज्य के लोगों को अंतिम समय में लुभाने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, चुनाव आयोग भाजपा द्वारा चुनाव से बचने के प्रयासों में एक अनावश्यक पक्ष क्यों बन रहा है… चुनाव आयोग इसमें पक्ष क्यों बन रहा है. चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व और कर्तव्य हैं.
उन्होंने कहा, हम मांग करते है कि चुनाव आयोग गुजरात में तुरंत चुनाव घोषित करे तथा आचार संहिता लागू करे ताकि इन आरोपों को रोका जा सके कि गुजरात में बस छल हो रहा है.
कांग्रेस द्वारा संवैधानिक संस्था की आलोचना करने के भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि यदि चुनाव आयोग से सवाल नहीं करेंगे तो क्या करें उन्होंने सवाल किया कि क्या लोगों को आयोग से विनती करनी चाहिए.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, यदि नागरिक चुनाव आयोग से सवाल नहीं कर सकते तो कृपया हमें बताइए कि किससे बात कर सकते हैं. और नागरिकों को क्या करना चाहिए, चुनाव आयोग से विनती करनी चाहिए.
तिवारी ने कहा कि भाजपा इस बात से अवगत है कि गुजरात में उसकी सरकार का फिर से आना मुश्किल है. वे हताश हैं. धन और बल सहित सभी उपाय किए जा रहे हैं. गुजरात को किसी भी तरह से बचाए रखने के लिए प्रधानमंत्री ने एक तरह से राजधानी को दिल्ली से बदलकर गांधीनगर कर दिया है.
अपने खिलाफ आरोपों पर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर तिवारी ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह कोई बहुत विशेष बात नहीं है. तिवारी ने कहा, मूलभूत प्रश्न है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश एवं गुजरात के चुनाव साथ साथ कराने की समय पर खरी उतरी परंपरा से विचलन क्यों किया.
उन्होंने सवाल किया, गुजरात चुनाव की तारीख घोषित क्यों नहीं की गई. आचार संहिता को लागू क्यों नहीं किया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा यह प्रयास कर रही है कि चुनाव को यथासंभव टाला जा सके ताकि प्रधानमंत्री कम समय में अधिक से अधिक घोषणाएं कर सकें. चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में एक पक्ष बन रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)