बीते 16 अगस्त को फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के संचालन में तीसरे पक्ष का अनावश्यक दख़ल होने का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. फीफा को महासंघ का संचालन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति द्वारा करने से आपत्ति थी, जिसे भंग कर दिए जाने के बाद प्रतिबंध हटा है.
ज्यूरिख: फुटबॉल की वैश्विक संस्था फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर लगाया गया प्रतिबंध शुक्रवार को हटा दिया.
उसने यह फैसला तब लिया है जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति भंग कर दी है.
फीफा के इस फैसले से भारत के अक्टूबर में महिलाओं के अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी का रास्ता साफ हो गया है.
गौरतलब है कि फीफा ने ‘तीसरे पक्ष के अनुचित दखल’ के चलते 16 अगस्त को एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था.
फीफा ने एक बयान में कहा, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर तीसरे पक्ष के अनुचित दखल के कारण लगाया गया निलंबन हटाने का फैसला किया है.’
उसने कहा, ‘फीफा ने यह फैसला तब लिया है जब उससे इस फैसले की पुष्टि की गई है कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियां अपने हाथों में लेने वाली प्रशासकों की समिति भंग कर दी गई है और एआईएफएफ प्रशासन ने उसकी दैनिक गतिविधियों पर फिर से पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है.’
बयान में कहा गया है, ‘इसके परिणामस्वरूप भारत में 11 से 30 अक्टूबर 2022 को होने वाला फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप निर्धारित योजना के अनुसार होगा.’
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था ने कहा कि वह और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) स्थिति पर निगरानी जारी रखेंगे और सही समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ की मदद करेंगे.
प्रतिबंध को हटाने के फैसले को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रशंसकों की जीत करार दिया है.
ठाकुर के मंत्रालय ने फीफा और सुप्रीम कोर्ट के बीच समन्वय बिठाकर प्रतिबंध को हटाने में अहम भूमिका निभाई. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति (सीओए) का कार्यकाल समाप्त कर दिया था जो कि प्रतिबंध हटाने की पहली शर्त थी.
ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘यह बात साझा करते हुए मैं प्रसन्न हूं कि फीफा परिषद के ब्यूरो ने एआईएफएफ पर लगाया गया प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटाने का फैसला किया है. फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 से 30 अक्टूबर तक भारत में होगा. यह फुटबॉल प्रशंसकों की जीत है.’
Delighted to share the Bureau of the FIFA Council decided today to lift the suspension of the AIFF with immediate effect.
The FIFA U-17 Women’s World Cup 2022 scheduled to take place on 11-30 October 2022 will be held in India as planned !
A victory for all football ⚽️ fans!
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 26, 2022
फीफा ने 15 अगस्त को भारत पर प्रतिबंध लगाते हुए स्पष्ट किया था कि इसका मतलब भारत अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी नहीं कर सकता है.
फीफा ने एक बयान जारी करते हुए कहा था, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है. तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है. निलंबन तभी हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापस लिया जाएगा और एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दिया जाएगा.’
एआईएफएफ के चुनाव अब दो सितंबर को होंगे जिसमें दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भुटिया और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने हैं.
एआईएफएफ को 85 साल के उसके इतिहास में पहली बार प्रतिबंधित किया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीन सदस्यीय सीओए को बर्खास्त कर दिया, जिससे प्रतिबंध हटाने का रास्ता साफ हो गया था.
सीओए की नियुक्ति मई में की गई थी ताकि भारत 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप की सुचारू रूप से मेजबानी कर सके.
एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने इस फैसले का स्वागत किया तथा फीफा, एएफसी और ठाकुर का उनकी भूमिकाओं के लिए आभार व्यक्त किया.
धर ने कहा, ‘भारतीय फुटबॉल का सबसे काला समय आखिरकार खत्म हो गया है. एआईएफएफ पर 15 अगस्त की मध्यरात्रि को जो निलंबन लगाया गया था, उसे फीफा ने हटा दिया है.’
उन्होंने कहा, ‘हम इस तरह के मुश्किल समय में हमारा मार्गदर्शन करने के लिए फीफा और एएफसी, विशेष रूप से एएफसी के महासचिव दातुक सेरी विंडसर जॉन का आभार व्यक्त करते हैं. हम युवा मामले और खेल मंत्रालय और माननीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का इस मुश्किल समय में हमारे साथ मजबूती से खड़े होने के लिए आभार व्यक्त करते हैं.’
धर ने मंगलवार को फीफा महासचिव फातमा समोरा से एआईएफएफ को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और इसके संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) का गठन किया था. इसके बाद से ही प्रतिबंध लगने की संभावना गई थीं.
भूटिया ने फीफा के फैसले का स्वागत किया, कहा- यह बदलाव का समय
वहीं, भारतीय फुटबॉल के दिग्गज बाइचुंग भूटिया ने प्रतिबंध को हटाने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह व्यवस्था में बदलाव करने का समय है.
भूटिया ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘यह शानदार खबर है. मैं फीफा के एआईएफएफ पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के फैसले का स्वागत करता हूं. यह भारतीय फुटबॉल की जीत है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने युवा खिलाड़ियों के लिए खुश हूं क्योंकि अब उन्हें महिला अंडर-17 विश्वकप में अपने आयु वर्ग की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा.’
एआईएफएफ के दो सितंबर को होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल भूटिया ने कहा कि यह देश के फुटबॉल प्रशासन में बदलाव का समय है ताकि भविष्य में निलंबन की किसी स्थिति से बचा जा सके.
भूटिया ने कहा, ‘यह सबक सीखने और भारतीय फुटबॉल प्रशासन में बदलाव और सुधार लाने का समय है. हमें व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है. मेरा मानना है कि अगर हमारे पास अच्छी प्रणाली और प्रशासन में अच्छे व्यक्ति रहते हैं तो भारतीय फुटबॉल नई ऊंचाइयां हासिल कर सकता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)