ट्विटर के पूर्व सुरक्षा प्रमुख पीटर ज़ैटको ने बीते दिनों एक शिकायत में आरोप लगाया था कि भारत सरकार ने ट्विटर को ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए मजबूर किया जो सरकार के एजेंट थे और जिनकी सोशल मीडिया कंपनी के वृहद संवेदनशील डेटा तक पहुंच थी.
नई दिल्ली: संसद की एक स्थायी समिति ने शुक्रवार को ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों से उसके भारत में परिचालन को लेकर एक ‘ह्विसिलब्लोअर’ के खुलासे के संबंध सवाल किया. समिति ने डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पर उनके जवाब ‘संतोषजनक नहीं’ होने पर उन्हें फटकार लगाई.
सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूचना और प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति के समक्ष ट्विटर के वरिष्ठ निदेशक (लोक नीति) समिरन गुप्ता, निदेशक (लोक नीति) शगुफ्ता कामरान सहित शीर्ष अधिकारी पेश हुए. वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं.
समिति ने उनसे ट्विटर के पूर्व प्रमुख (सुरक्षा) पीटर जैटको के उन आरोपों की रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की कि सोशल मीडिया कंपनी ने जानबूझकर भारत सरकार को अपने ‘एजेंट’ को कंपनी में नियुक्त करने की अनुमति दी, जहां उनकी पहुंच ‘कंपनी के सिस्टम और उपयोगकर्ताओं के डेटा’ तक थी.
बता दें कि ज़ैटको द्वारा बीते दिनों एक 84 पृष्ठीय शिकायत प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को भेजी गई थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को एक ऐसे व्यक्ति को काम पर रखने के लिए मजबूर किया जो एक ‘सरकारी एजेंट’ था और संभवत: उपयोगकर्ताओं के संवेदनशील डेटा तक उसकी पहुंच थी.
ट्विटर पर आरोप लगाते हुए शिकायत में कहा गया था, ‘जानबूझकर भारत सरकार के एक एजेंट को कंपनी के सिस्टम और उपयोगकर्ताओं के डेटा तक बिना किसी निगरानी के सीधी पहुंच की अनुमति देकर ट्विटर के अधिकारियों ने अपने यूजर्स के लिए कंपनी की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया.’
बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि ट्विटर के अधिकारियों ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि भारत में डेटा की सुरक्षा का उल्लंघन हुआ है.
समिति के सदस्यों ने सोशल मीडिया कंपनी के अधिकारियों से भी सवाल किया कि क्या उनकी सुरक्षा नीतियां स्थानीय नीतियों और एकल वैश्विक गोपनीयता नीति के अनुरूप हैं.
सूत्रों के अनुसार कंपनी के अधिकारियों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.
समिति के एक सदस्य ने कहा कि कंपनी के अधिकारी आंकड़ों की सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े सवालों से बचते रहे, जिसके बाद सांसदों ने उन्हें फटकार लगाई.
ट्विटर ने जैटको के आरोपों को खारिज कर दिया था.
थरूर नीत समिति नागरिकों से जुड़े आंकड़े (डेटा) की सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पर विभिन्न तकनीकी कंपनियों, सोशल मीडिया कंपनियों, मंत्रालयों और अन्य नियामकों सहित विभिन्न पक्षों के साथ बैठकें कर रही है.
समिति डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा के संबंध में एक व्यापक रिपोर्ट पर भी काम कर रही है. इस समिति में थरूर के अलावा, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, टीआरएस सांसद रंजीत रेड्डी, भारतीय जनता पार्टी के राज्यवर्धन सिंह राठौर और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने बैठक में भाग लिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)