उत्तर प्रदेश ने पीएम आवास योजना के तहत 13 लाख अतिरिक्त आवास मांगे, केंद्र ने इनकार किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे पत्र में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्र से 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 13 लाख आवासों को मंज़ूरी देने का आग्रह किया था. जवाब में सिंह ने बताया कि प्रदेश को पहले ही 11.66 लाख घरों का ‘पूर्ण और अंतिम’ आवंटन दिया जा चुका है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे पत्र में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्र से 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 13 लाख आवासों को मंज़ूरी देने का आग्रह किया था. जवाब में सिंह ने बताया कि प्रदेश को पहले ही 11.66 लाख घरों का ‘पूर्ण और अंतिम’ आवंटन दिया जा चुका है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाय-जी) के तहत 13 लाख अतिरिक्त ‘पात्र लाभार्थियों’ के लिए घरों की मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे पत्र में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्र से 2022-23 में योजना के तहत 13 लाख आवासों को मंजूरी देने का आग्रह किया था, ये आवास 2020-21 और 2021-22 में ‘आवास+’ सूची के अनुसार मंजूर 11.66 लाख आवासों के अतिरिक्त थे.

हालांकि, मई में भेजे अपने जवाब में सिंह ने मौर्य को बताया कि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुसार उत्तर प्रदेश को पहले ही 11.66 लाख घरों का ‘पूर्ण और अंतिम’ आवंटन दिया जा चुका है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी को घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2016 में पीएमएवाय-जी शुरू की थी (योजना को बाद में 2024 तक बढ़ा दिया गया था) और 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा था.

इस दौरान 2.15 करोड़ लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी)-2011 के डेटाबेस से निर्दिष्ट मापदंडों का उपयोग करके की गई थी, बाकी 80 लाख लाभार्थियों की पहचान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एक सर्वेक्षण के माध्यम से की थी. सर्वे ‘आवास+’ नामक एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये किया गया था, जिसे एसईसीसी-2011 में शामिल नहीं किए गए परिवारों का सर्वे करने के लिए ही बनाया गया था.

ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यूपी में 14.49 लाख परिवार सत्यापन के बाद सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना के मापदंडों के अनुसार पात्र पाए गए थे. यूपी सरकार ने 32.86 लाख अन्य लाभार्थियों को ‘आवास +’ सर्वे में अपलोड किए गए विवरण की पुष्टि करने के बाद योग्य पाया, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि ‘आवास+’ डेटा के विश्लेषण के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने केवल 11.66 लाख पात्र पाए.

जबकि ‘आवास+’ डेटा के आधार पर राज्य सरकार द्वारा पात्र पाए गए आवासों की संख्या और केंद्र द्वारा मंजूर आवासों के बीच का अंतर बहुत अधिक है, फिर भी राज्य 13 लाख अतिरिक्त आवासों की मांग पर जोर दे रहा है.

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस साल 17 अगस्त तक पीएमएवाय-जी के तहत यूपी में 26.15 लाख घरों (14.49 लाख एसईसीसी डेटा से और 11.66 लाख ‘आवास+’ सर्वे से) लक्ष्य रखा था, जिनमें से 25.79 लाख घर बन चुके हैं.

लेकिन, योजना के तहत अतिरिक्त घरों की मांग करते हुए मौर्य ने 7 अप्रैल को सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘पीएमएवाय-जी के तहत 14.49 लाख लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराए गए हैं, जो एसईसीसी-2011 की सूची के अनुसार पात्र पाए गए थे. इसके अलावा, ‘आवास+’ सूची के अनुसार स्वीकृत 11.66 लाख घरों में से 10.78 लाख लाभार्थियों के घर बन चुके हैं और शेष घरों को अप्रैल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. ‘आवास+’ सूची के अनुसार अभी भी 13 लाख पात्र लाभार्थी हैं, जिनके लिए मकान स्वीकृत करना होगा.’

मौर्य ने कहा कि ‘आवास+’ सूची के अनुसार देश भर में बनने वाले 80 लाख घरों में से केंद्र ने 2020-21 और 2021-22 के लिए यूपी को 11.66 लाख घर आवंटित किए हैं.

उन्होंने लिखा, ‘इसके बाद राज्य को कोई और घर आवंटित नहीं किया जाना है.’ साथ में जोड़ा कि यूपी को 2022-23 में पीएमएवाई-जी के तहत कोई आवास लक्ष्य नहीं मिलेगा, जबकि अभी तक 13 लाख लाभार्थियों को योजना के तहत कवर किया जाना बाकी है.’

27 मई के अपने जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लिखा है कि ‘सभी के लिए आवास’ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएमएवाई के तहत 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का कुल लक्ष्य निर्धारित किया गया है. एसईसीसी-2011 के तहत 2.15 करोड़ लाभार्थी पात्र पाए गए, बाकी 80 लाख के लिए ‘आवास+’ की सूची का इस्तेमाल हुआ. इसके डेटा के विश्लेषण के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में 63.68 लाख घरों का लक्ष्य दिया, जिसमें से उत्तर प्रदेश को 11,66,127 घरों का पूर्ण और अंतिम तौर पर किया गया आवंटन भी शामिल है.

उन्होंने आगे लिखा, ‘इसलिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत लक्ष्य आवंटित कर दिया गया है.’

उन्होंने कहा कि ‘आवास+’ के तहत उत्तर प्रदेश को पिछले साल ही पूर्ण आवंटन हो चुका है, इसलिए इस साल कोई भी नया आवंटन नहीं किया गया है.

इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर 2021-22 के लिए राज्य को ‘आवास+’ के तहत 25.54 लाख आवास आवंटित करने की मांग की थी. यह मांग यूपी के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने 2 फरवरी 2021 को तोमर को लिखे पत्र में भी की थी.