बंगाल: रेप के आरोप में दो बीएसएफ जवान गिरफ़्तार, टीएमसी ने गृह मंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए

बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में बगदा सीमा चौकी के निकट भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश जा रही एक महिला से बलात्कार के आरोप में सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों को गिरफ़्तार किया गया है. सत्तारूढ़ टीएमसी ने उक्त घटना को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्री पर निशाना साधा है.

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Attari: Border Security Force (BSF) personnel stand guard along the international border as security beefs up amid escalating tension between India and Pakistan, at Attari near Amritsar, Thursday, Feb. 28, 2019. (PTI Photo) (PTI2_28_2019_000121B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में बगदा सीमा चौकी के निकट भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश जा रही एक महिला से बलात्कार के आरोप में सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों को गिरफ़्तार किया गया है. सत्तारूढ़ टीएमसी ने उक्त घटना को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्री पर निशाना साधा है.

Attari: Border Security Force (BSF) personnel stand guard along the international border as security beefs up amid escalating tension between India and Pakistan, at Attari near Amritsar, Thursday, Feb. 28, 2019. (PTI Photo) (PTI2_28_2019_000121B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कोलकाता: बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश में घुसने की कोशिश कर रही एक महिला से बलात्कार के आरोप में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने बताया कि बीएसएफ के सहायक उपनिरीक्षक और कॉन्स्टेबल को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार करने के बाद कानूनी कार्रवाई के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया गया.

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल सीमांत के अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया गया है.

उन्होंने बताया कि घटना 26 अगस्त की सुबह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बगदा सीमा चौकी के निकट हुई.

अधिकारी ने बताया, ‘बीएसएफ कॉन्स्टेबल ने भारत से बांग्लादेश में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे एक दलाल और एक महिला को पकड़ा था. कॉन्स्टेबल महिला को पास के एक खेत में ले गया और उससे कथित तौर पर बलात्कार किया, जबकि सहायक उपनिरीक्षक ने उसे अपराध में कथित तौर पर मदद की.’

महिला द्वारा पुलिस में शिकायत कराने के बाद यह घटना सामने आई.

उन्होंने कहा, ‘घटना का पता लगते ही हमने दोनों कर्मियों को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने दोनों को सेवाओं से निलंबित कर दिया और घटना की जांच के आदेश दिए हैं.’

उल्लेखनीय है कि बंगाल में बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र काफी समय से राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवाद का विषय रहा है. 2021 के अंत में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बीएसएफ के अधिकारक्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था. उस समय, टीएमसी विधायक उदयन गुहा ने बीएसएफ जवानों द्वारा महिलाओं के कथित उत्पीड़न का दावा किया था, जिसे सीमा सुरक्षा बल ने खारिज कर दिया था.

बीएसएफ को 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है.

उक्त घटना के बाद से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ था.

घटना की खबर को टीएमसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भाजपा के कुशासन में हमारा देश महिलाओं के लिए असुरक्षित होता जा रहा है! श्रीमान अमित शाह आपकी निगरानी में बीएसएफ अधिकारी और जवान ने एक महिला के साथ बलात्कार किया और आवाज उठाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी. वास्तव में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक चमकदार उदाहरण!’

उल्लेखनीय है कि इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले से अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के सम्मान की बात कहते हुए कहा था कि ‘देशवासियों को संकल्प लेना होगा कि हम महिलाओं को लेकर किसी भी तरह के अपशब्द नहीं कहें.’

एक अन्य ट्वीट में पार्टी ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि उनका कर्तव्य भाषणों के परे भी है. ‘लालकिले से नारी शक्ति के बारे में बोलना आसान है लेकिन अगर महिलाएं अपने ही देश में सुरक्षित नहीं है तो इस बात का कोई अर्थ नहीं रह जाता. न्यू इंडिया में औरतों की कोई जगह नहीं है.’

पार्टी ने एक ट्वीट में लिखा कि ‘बीएसएफ अब भाजपा सिक्योरिटी फोर्स है.’ टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने इस घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया.

उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, ‘गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी हैरान करने वाली है, खासकर यह देखते हुए कि वह आमतौर पर बंगाल से जुड़ी बातों को लेकर कितनी बात करते हैं. लेकिन फिर वह उस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं जिसने हाथरस (मामले को) को दफना दिया, आसिफा के बलात्कारियों का समर्थन किया और बिलकिस बानो मामले में आरोपियों को रिहा कर दिया.’

इसके साथ ही तृणमूल की विभिन्न महिला नेताओं ने भी इस घटना की आलोचना करते हुए वीडियो संदेश रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किए हैं.

उधर, भाजपा का कहना है कि एक घटना को लेकर पूरी फोर्स की छवि ख़राब नहीं की जानी चाहिए.

भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘टीएमसी की इस तरह की टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं. आप इस तरह की छिटपुट घटनाओं के कारण पूरी बीएसएफ को बदनाम नहीं कर सकते. अगर किसी ने अपराध किया है तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)