बीते रविवार को दुबई में एशिया कप क्रिकेट मैच में भारत के जीतने के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह का तिरंगा नहीं पकड़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसे लेकर विपक्ष ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत तटस्थ रहने का अर्थ किसी ध्वज का अनादर करना नहीं होता.
नई दिल्ली: विपक्षी नेताओं ने दुबई में हुए एशिया कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद तिरंगा नहीं पकड़ने के लिए बीसीसीआई के सचिव जय शाह पर निशाना साधा है.
विपक्ष के कई नेताओं ने इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह की आलोचना की.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मेरे पास पापा हैं, तिरंगा अपने पास रखो.’
“मेरे पास पापा हैं,
तिरंगा अपने पास रखो!”— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 29, 2022
रमेश ने अपने इस ट्वीट के साथ मामले से संबंधित वीडियो साझा किया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को टैग किया.
कांग्रेस के एक और नेता अजॉय कुमार ने वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘लगता है तिरंगा खादी का था…पॉलिएस्टर का नहीं.’
कांग्रेस ध्वज संहिता में संशोधन की कड़ी आलोचना कर रही है, जिसके तहत अब राष्ट्रीय ध्वज को पॉलिएस्टर के कपड़े और मशीनों की मदद से बनाया जा सकता है.
कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे ने पूछा कि पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद जय शाह ने तिरंगा थामने से इनकार क्यों किया.
उन्होंने पूछा, ‘क्या उन्हें भगवा ध्वज या भाजपा का झंडा चाहिए था.’
शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ‘हाथ में हो तिरंगा – हमारे संकल्प और देश के लिए निष्ठा का प्रतीक है. इस तरीके से तिरंगे को झटकना… यह देश की 133 करोड़ आबादी का अपमान है.’
हर हाथ में हो तिरंगा – हमारे संकल्प और देश के लिए निष्ठा का प्रतीक है।
इस तरीक़े से तिरंगे को झटकना ये देश के १३३ करोड़ आबादी का अपमान है। pic.twitter.com/bR0QLlNQYA— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) August 29, 2022
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोदी सरकार के हर घर तिरंगा अभियान पर निशाना साधा.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने वीडियो टैग करते हुए लिखा, ‘जय शाह का राष्ट्रीय ध्वज नहीं थामना सरकार के बड़े पाखंड का लक्षण है. वे केवल नाटकबाजी में लगे रहते हैं. उनके पास मूल्यों की कमी है, लेकिन जुमलेबाजी में वे माहिर हैं.’
The PRODIGAL PRINCE KNOWS NOT OF NATIONAL PRIDE. @JayShah not wanting to hold the national flag is symptomatic of the larger hypocrisy of the ruling dispensation.
They indulge in THEATRICS, lack values.
Excel in JUMLAS, lack PATRIOTISM. pic.twitter.com/MCtDzPDYYM— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 29, 2022
टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तर्क दिया है कि जय शाह ने रविवार की रात को तिरंगा इसलिए नहीं थामा क्योंकि वह एसीसी अध्यक्ष के रूप में वहां मौजूद थे और प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे.
गोखले ने कहा, ‘यही भाजपा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के पीछे पड़ गई थी, जब उन्होंने (प्रोटोकॉल के अनुसार) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं दी थी.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह एक अनावश्यक विवाद है. उन्होंने कहा कि शाह एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष के रूप में केवल प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे.
अधिकारी ने कहा, ‘वहां दुबई में वह केवल बीसीसीआई सचिव नहीं थे, वह एसीसी प्रमुख थे.’ उन्होंने परिषद के संविधान में खंड 2.2.2.1 का हवाला देते हुए हितों के संस्थागत संघर्ष के बारे में बताया.
उक्त खंड कहता है, ‘एक निदेशक, समिति के सदस्य या स्टाफ सदस्य को किसी विशेष हितधारक (जैसे कि राष्ट्रीय क्रिकेट महासंघ या राष्ट्रीय क्रिकेट महासंघों का समूह), या किसी तीसरे पक्ष (जैसे कि एक सरकारी या राजनीतिक निकाय) के हितों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की सामूहिक सदस्यता और संपूर्ण क्रिकेट के खेल के सर्वोत्तम हित में काम करने के उनके कर्तव्य का उल्लंघन होगा.’
हालांकि, शिवसेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) अध्यक्ष के रूप में तटस्थ रहने का मतलब किसी भी देश के झंडे का अनादर करना नहीं है, विशेष रूप से आपके अपने तिरंगा का.
टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘प्रिय अमित शाह, कृपया राष्ट्र को बताएं कि क्या इस कृत्य से आप नाराज हैं? क्या इससे आपकी राष्ट्रवादी भावनाए आहत हुई हैं? क्या यह कृत्य केवल इसलिए माफ किया जाएगा क्योंकि वह आपका बेटा है? … हम बहाने नहीं ढूंढ रहे हैं. हम ठोस जवाब ढूंढ रहे हैं. ईमानदारी से एक नाराज भारतीय.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)