भारतीय महिला की मौत के बाद पुर्तगाल में आपातकालीन प्रसूति सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने के स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो के फैसले की व्यापक आलोचना होने लगी थी. इस फैसले की वजह से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के बीच गर्भवती महिलाओं को जोख़िम भरा चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
नई दिल्ली: भारत की एक गर्भवती पर्यटक की मौत के बाद आलोचनाओं से घिरीं पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो ने बीते मंगलवार (30 अगस्त) को इस्तीफा दे दिया. भारतीय महिला की मौत इस दक्षिण यूरोपीय देश की राजधानी लिस्बन में हुई.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, भारतीय महिला की मौत के बाद देश में आपातकालीन प्रसूति सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने के मार्टा टेमिडो के फैसले की व्यापक आलोचना होने लगी थी. इस फैसले की वजह से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के बीच गर्भवती महिलाओं को जोखिम भरे स्थानांतरण के लिए मजबूर होना पड़ता है.
इस घटना के बाद विपक्षी दलों और नगर पालिकाओं ने मंत्री की आलोचना की है, क्योंकि गर्भवती महिलाओं को कभी-कभी दूर स्थित अस्पतालों तक जाने के लिए जोखिम भरा चक्कर लगाना पड़ता है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लिस्बन में एक अस्पताल से दूसरे अस्पतात ले जाने के दौरान कथित तौर पर 34 वर्षीय भारतीय महिला की हृदय गति अचानक रुकने (कार्डियक अरेस्ट) से उनकी मौत हो गई.
महिला की मौत के बाद पुर्तगाल की सरकार द्वारा मातृत्व इकाइयों में कर्मचारियों की कमी से निपटने, उनमें से कुछ को अस्थायी रूप से बंद करने और गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों के बीच जोखिम भरे स्थानांतरण से गुजरने के लिए मजबूर करने पर तूफान खड़ा हो गया.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि राजधानी लिस्बन स्थित पुर्तगाल के सबसे बड़े सांता मारिया अस्पताल से एक अन्य अस्पताल ले जाने के दौरान भारतीय गर्भवती पर्यटक की मौत हो गई. इस अस्पताल में महिला को इसलिए भर्ती नहीं किया जा सका, क्योंकि प्रसव से जुड़ी इसकी नियोनेटोलॉजी इकाई भरी हुई थी.
अधिकारियों ने बताया कि इमरजेंसी सीजेरियन ऑपरेशन के बाद बच्चे को बचा लिया गया. बच्चा स्वस्थ है. महिला की मौत की जांच शुरू कर दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टेमिडो ने पद छोड़ने का फैसला किया है, क्योंकि उन्होंने यह महसूस किया कि उनके पास अब पद पर बने रहने बने रहने का कोई तुक नहीं है.
एक अलग बयान में प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने कहा कि उन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और टेमिडो को उनके काम के लिए धन्यवाद दिया, जिसमें कोविड-19 के खिलाफ एक सफल टीकाकरण अभियान शामिल है.
Reunimos esta tarde para preparar o Conselho de Ministros Extraordinário da próxima semana, em que aprovaremos o pacote de medidas de apoio ao rendimento das famílias. Continuamos a trabalhar. pic.twitter.com/LOirhCNOVK
— António Costa (@antoniocostapm) August 30, 2022
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में पुर्तगाल में इसी तरह की कई अन्य घटनाएं हुई हैं. इनमें दो बच्चों की अलग-अलग मौत के मामले भी शामिल हैं. दोनों बच्चों की माताओं को स्पष्ट रूप से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के लिए भटकना पड़ा था. इसकी वजह से उन्हें समय रहते चिकित्सकीय देखरेख में नहीं रखा जा सका था.
पुर्तगाल में स्वास्थ्य कर्मचारियों, विशेष रूप से स्त्री रोग और प्रसूति में विशेषज्ञता रखने वालों की कमी के कारण सरकार ने विदेशों से कर्मचारियों को रखने पर विचार किया है.
कुछ प्रसव इकाइयों के बंद होने से अन्य प्रसूति वार्डों में भीड़ बढ़ गई है. इस अस्पतालों पर दबाव बढ़ने से लोगों को भर्ती के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है. विपक्षी दलों, डॉक्टरों और नर्सों ने इस स्थिति के लिए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टेमिडो को जिम्मेदार ठहराया था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, टेमिडो अक्टूबर 2018 में स्वास्थ्य मंत्री बनी थीं और पिछले साल कोविड-19 टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए सबसे लोकप्रिय सरकारी सदस्यों में से एक थीं.
हालांकि हाल ही में कई सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी, अन्य समस्याओं और हजारों डॉक्टरों के काम करने की खराब स्थिति तथा अत्यधिक थकान का हवाला देते हुए तथाकथित जिम्मेदारी से इनकार करने के बाद उनकी छवि धूमिल पड़ गई थी.