आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उनकी बेटी को अवैध तरीके से एक खादी लाउंज की डिज़ाइनिंग का ठेका देने का आरोप लगाया है. इससे पहले पार्टी ने दावा किया था कि नोटबंदी के बाद सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारियों पर 1,400 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलवाने का दबाव डाला था.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईएस) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और मुंबई की एक खादी लाउंज की आंतरिक साजसज्जा (इंटीरियर डिजाइनिंग) का ठेका अपनी बेटी को दिया था.
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सक्सेना को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की.
पार्टी ने इसे सक्सेना द्वारा ‘नैतिक भ्रष्टाचार’ का मामला बताया और दावा किया कि अगर उनकी बेटी शिवांगी सक्सेना को ‘इंटीरियर डिजाइनिंग’ का ठेका दिए जाने संबंधी मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाती है, तो इसमें ‘एक वित्तीय पहलू’ भी सामने आएगा.
उपराज्यपाल सचिवालय ने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि सक्सेना की बेटी ने मुफ्त में काम किया था.
पहले VK Saxena ने KVIC Chairman रहते Black Money को White किया और फ़िर बेटी को ठेका दिया।
अब PM MODI को परिवारवाद पर एक भी शब्द कहने का हक़ नहीं है। वो परिवारवाद के ख़िलाफ़ हैं तो LG को बर्ख़ास्त करें।
AAP वरिष्ठ Lawyers से सलाह लेकर Court जाने का फ़ैसला करेगी
– @SanjayAzadSln pic.twitter.com/zIz7SeTHCv
— AAP (@AamAadmiParty) September 2, 2022
‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी मांग की कि कानून का उल्लंघन कर अपनी बेटी को कथित तौर पर ठेका देने के लिए सक्सेना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
सिंह ने आरोप लगाया, ‘उपराज्यपाल सक्सेना ने केवीआईसी के अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने पद का दुरुपयोग किया तथा मुंबई में एक खादी लाउंज की आंतरिक साजसज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया. ठेका देने में उन्होंने केवाईआईसी कानून, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन किया.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को दिल्ली के उपराज्यपाल के तौर पर सक्सेना को फौरन बर्खास्त करना चाहिए तथा अपनी बेटी को अवैध तरीके से ठेका देने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
सिंह ने कहा कि ‘आप’ अपने वरिष्ठ वकीलों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और मामले में अदालत का रुख करने की तैयारी कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के उपराज्यपाल अपने गलत कृत्यों की जवाबदेही से बच नहीं सकते. हम इस मामले में जल्द ही अदालत का रुख करेंगे क्योंकि ठेका देने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.’
सिंह ने पूछा, ‘केवाईआईसी के अध्यक्ष अपने रिश्तेदार को ठेका कैसे दे सकते हैं?’
इससे पहले सिंह ने गुरुवार को ट्विटर पर सक्सेना से पूछा था कि क्या उन्होंने खादी और केवीआईसी के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी बेटी को बिना किसी निविदा के ठेका दिया था.
‘आप’ के सांसद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया था कि सक्सेना ने केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में मुंबई के एक खादी लाउंज का डिजाइन अपने बेटी से मुफ्त बनवाया था, जो एक डिजाइनर है.
उपराज्यपाल सचिवालय ने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ‘खादी ग्रामोद्योग आयोग ने एक पत्र जारी किया है जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसके मुंबई स्थित लाउंज की परियोजना की कुल लागत 27.3 लाख रुपये थी और एक राजनीतिक पार्टी द्वारा दिए गए आंकड़े गलत हैं.’
The @kvicindia also clearly states that the plan of design of the lounge was done Ms Shivangi Saxena "Free of Cost" and her name was put on the plaque as a goodwill gesture acknowledging her services, since it saved KVIC the cost of designing.
— Raj Niwas Delhi 🇮🇳 (@RajNiwasDelhi) September 2, 2022
राजनिवास के स्पष्टीकरण पर सवालों के जवाब में सिंह ने कहा कि केवीआईसी कानून में स्पष्ट रूप से उसके अधिकारियों को अपने परिवार के सदस्यों को कोई ठेका या काम देने पर पाबंदी है.
उन्होंने पूछा, ‘यह किस तरह की दलील है? सौरभ भारद्वाज (आप नेता) कम्प्यूटर इंजीनियर है और वह सेंट्रल विस्टा के आईटी का काम मुफ्त में करना चाहते हैं. हमारे प्रवीण देशमुख (आप विधायक) एक एमबीए डिग्री धारक हैं और वह प्रधानमंत्री कार्यालय का कामकाज मुफ्त में देखना चाहते हैं…क्या उन्हें यह काम दिया जाएगा?’
‘आप’ सांसद ने कहा कि केवीआईसी को नियमों के अनुसार खादी लाउंज की आंतरिक साजसज्जा का काम देने में उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और अगर वह चाहता है कि काम मुफ्त में किया जाए तो उसे सर्वश्रेष्ठ इंटीरियर डिजाइनर को मौका देने के लिए खुली निविदा आमंत्रित करनी चाहिए थी.’
उन्होंने पूछा, ‘क्या उचित प्रक्रिया का पालन किया गया? क्या इस काम के लिए इंटीरियर डिजाइनर की निशुल्क सेवा देने के लिए कोई निविदा दी गयी या खुला निमंत्रण दिया गया. क्या देश में सक्सेना की बेटी ही सबसे अच्छी इंटीरियर डिजाइनर हैं?’
सिंह ने आरोप लगाया कि सक्सेना ने मुंबई खादी लाउंज के इंटीरियर डिजाइनिंग का काम अपनी बेटी से कराया और उनके पेशेवर फायदे के लिए लाउंज की उद्घाटन पट्टिका पर उनका नाम भी लिखवाया.
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के साथ-साथ पार्टी के विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक ने भी अलग-अलग संवाददाता सम्मेलन कर सक्सेना को बर्खास्त करने और मामले में उनके खिलाफ जांच की मांग की.
पाठक ने कहा, ‘यह नैतिक भ्रष्टाचार का मामला है और मुझे विश्वास है कि अगर इसकी निष्पक्ष जांच की जाती है तो कुछ वित्तीय पहलू भी सामने आएंगे.’
भारद्वाज ने कहा कि सक्सेना को अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच का स्वागत करना चाहिए, जैसा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया था.
उल्लेखनीय है कि हाल के समय में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल पर निशाना साधती रही है. वहीं, एलजी ने भी गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला बोलते हुए उन पर हताशा में ‘विषय से भटकाने वाले तरीके अपनाने और झूठे इल्जाम मढ़ने’ का आरोप लगाया था.
सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार की अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले की जुलाई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद दोनों के बीच तनाव देखा जा रहा है.
बीते दिनों आम आदमी पार्टी ने सक्सेना पर 2016 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उन्होंने 2016 में नोटबंदी के बाद केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलवाने का दबाव डाला था.
आप ने इस मामले में 1,400 करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाते हुए सक्सेना के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी.
सक्सेना ने इनका खंडन करते हुए एक ट्वीट में लिखा था कि सीबीआई ने खादी भवन दिल्ली के दो कर्मचारियों द्वारा 17 लाख रुपये के नोटों के बदलने के बारे में पता लगाया था जबकि आप ने 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है.
उनका यह भी कहना था, ‘मैंने सुशासन की, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की और दिल्ली की जनता के लिए बेहतर सेवा की बात कही थी. लेकिन दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने हताशा में भटकाने वाले तरीके अपनाए और झूठे आरोप लगाए.’
उन्होंने ट्विटर पर संक्षिप्त बयान में कहा था कि अगर आने वाले दिनों में भी उन पर तथा उनके परिवार के लोगों पर ‘इस तरह के और बेबुनियाद निजी हमले’ होते हैं तो उन्हें हैरानी नहीं होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)