कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में स्थित मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में मुख्य पुजारी महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को गिरफ़्तार किया गया है. यह मठ लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक हैं.
बेंगलुरु/चित्रदुर्ग: उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तार किए गए कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले स्थित लिंगायत समुदाय से संबंधित मुरुग मठ के मुख्य पुजारी महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को पांच सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
इस राज्य में इस घटना के सामने आने के बाद मशहूर पत्रकार और रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पी. साईनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वह बसवश्री पुरस्कार वापस कर रहे हैं, जो उन्हें 2017 में मुरुग मठ द्वारा प्रदान किया गया था.
महंत को स्कूली लड़कियों के यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद साईनाथ ने अपने ट्वीटों में पुरस्कार लौटाने के फैसले की जानकारी दी.
1/5. I am most disturbed to learn from media reports of the appalling developments involving the pontiff of the Shri Murughamath in Chitradurga, Shri Shivamurthy Murugha Sharanaru. He now faces a case and charges under the POCSO and SC/ST act.#MurughaMutt
— P. Sainath (@PSainath_org) September 2, 2022
साईनाथ ने लिखा, ‘मैं चित्रादुर्ग स्थित श्री मुरुग मठ के पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरणारू से जुड़े भयावह घटनाक्रम की मीडिया रिपोर्टों से सबसे ज्यादा परेशान हूं. अब वह पॉक्सो और एससी/एसटी अधिनियम के तहत एक मामले और आरोपों का सामना कर रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘शरणारू को बच्चों, विशेष रूप से हाईस्कूल की लड़कियों के कथित यौन शोषण के लिए गिरफ्तार किया गया है. कोई भी शब्द बच्चों के खिलाफ ऐसे किसी भी अपराध की निंदा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.’
साईनाथ ने कहा, ‘पीड़िताओं के साथ एकजुटता और इस मामले में इंसाफ के लिए मैं बसवश्री पुरस्कार (पांच लाख रुपये की पुरस्कार रााशि) वापस कर रहा हूं, जो मुझे वर्ष 2017 में मठ द्वारा दी गई थी.’
3/5. In solidarity with the survivors and with the cause of Justice in this case, I hereby return the Basavashree award (and the Rs. 5 lakhs prize money that came with it, by cheque) conferred on me by the Math in 2017.#MurughaMutt
— P. Sainath (@PSainath_org) September 2, 2022
उन्होंने आगे कहा, ‘भयानक घटनाओं को प्रकाश में लाने और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ उनके दशकों लंबी लड़ाई के लिए मैं मैसुरु के एनजीओ ओडनाडी (OdaNadi) के प्रयासों की सराहना करना चाहूंगा. उनकी दृढ़ता ने जांच शुरू करने के लिए मजबूर किया है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं कर्नाटक सरकार से अपील करता हूं कि वह सख्ती से घोटाले में जांच को आगे बढ़ाएं और किसी भी आधार पर समझौता करने की अनुमति न दें.’
5/5. And I appeal to the Karnataka government to pursue the investigation into the scandal vigorously and not allow that to be compromised on any grounds whatsoever.
P. Sainath
Journalist, Founder-Editor People’s Archive of Rural India.#MurughaMutt— P. Sainath (@PSainath_org) September 2, 2022
इधर, एक अदालत ने शुक्रवार को दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में 64 वर्षीय महंत को पांच सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून और एससी-एसटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. शरणारू, राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक के महंत हैं.
बीते 27 अगस्त को महंत के अलावा जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के विरुद्ध यह एफआईआर दर्ज की गई थी.
बताया जाता है कि इन लड़कियों ने गैर-सरकारी सामाजिक संगठन ‘ओडनाडी सेवा समस्थे’ से संपर्क किया था और 26 अगस्त की रात परामर्श सत्र के दौरान उन्होंने उन्हें आपबीती बताई थी. उसके बाद संगठन ने पुलिस प्रशासन से ये जानकारी साझा की थी.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुछ महिला समूहों ने आरोपी महंत को कड़ी सजा दिए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. महंत शरणारू को बृहस्पतिवार (एक सितंबर) की रात गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार (दो सितंबर) तड़के जेल भेजा गया, जहां उनकी तबियत बिगड़ गई थी.
इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पुलिस को कानून के मुताबिक यौन शोषण के मामले की जांच करने की पूरी आजादी दी गई है. उन्होंने महंत की गिरफ्तारी में देरी के आरोपों पर टिप्पणी नहीं की.
महंत की गिरफ्तारी में देरी के संबंध में सवाल करने पर तटवर्ती शहर मंगलुरु में बोम्मई ने कहा, ‘इन बातों पर प्रतिक्रिया देने का कोई औचित्य नहीं है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि सब कुछ कानून के मुताबिक होगा. मौजूदा हालात में इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.’
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने पीड़ित बच्चियों की शिकायतों के आधार पर पुलिस से निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
सिद्धरमैया इस मुद्दे पर टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के पहले वरिष्ठ नेता हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महंत के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं.
महंत के खिलाफ एक अन्य मामले में गैर जमानती वारंट भी जारी
इधर, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने केंगेरी होबली में संपत्ति से संबंधित एक मामले में मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरणारू के विरुद्ध गैर जमानती वारंट फिर जारी करने का आदेश दिया है.
ताजा विवाद सुलिकेरे गांव में सात एकड़ संपत्ति से जुड़ा है. यह जमीन जिस कीमत पर कथित रूप से बेची गई थी, वह बाजार मूल्य से बहुम कम थी.
मठ के श्रद्धालु ने पीएस प्रकाश ने एक आपराधिक शिकायत दर्ज की है. इस मामले में पेश नहीं होने पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने फिर गैर-जमानती वारंट जारी किया. मामले की सुनवाई 10 नवंबर के लिए स्थगित कर दी गई.
गिरफ्तार महंत का अस्पताल में चिकित्सीय परीक्षण किया गया
नाबालिग छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी मुरुग मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू का शनिवार को चित्रदुर्ग जिला अस्पताल में चिकित्सीय परीक्षण किया गया. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय से कड़ी सुरक्षा के बीच शरणारू को जिला अस्पताल लाया गया. उपाधीक्षक कार्यालय में उनसे पूछताछ की जा रही थी.
सूत्रों ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए उनके खून और बालों के नमूने भी लिए गए. सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के बाद उन्हें आगे की पूछताछ के लिए फिर से पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय ले जाया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)