आरोप है कि कर्नाटक से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली कथित तौर पर एक ज़मीन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल पूछने और अर्ज़ी देने की कोशिश कर रही एक महिला को धमकाया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में सवाल पूछने पर विधायक कथित तौर पर एक संवाददाता से कहते हैं, ‘मुझसे सवाल क्यों कर रहे हो, क्या मैंने उसका रेप किया है?’
बेंगलुरु: कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली शनिवार को अपने महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में एक महिला को धमकी देते हुए एक वीडियो में नजर आने के बाद विवादों में घिर गए हैं.
लिम्बावली ने कथित तौर पर शहर में एक जमीन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल पूछने और अर्जी देने की कोशिश कर रही एक महिला को धमकाया था. इस कथित घटना का वीडियो वायरल हो गया है.
विपक्षी कांग्रेस ने वीडियो क्लिप को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. कर्नाटक की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने शनिवार को लिम्बावली के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि वह विधायक के लायक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को राज्य की सत्ता में नहीं रहना चाहिए.
यह कथित घटना शुक्रवार (दो सितंबर) की है, जब भाजपा विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र के हिस्सों का दौरा कर रहे थे, जहां पिछले सप्ताह भारी बारिश की वजह से भारी जल जमाव हो गया था.
जानकारी के मुताबिक, इस दौरान महिला ने लिम्बावली से संपर्क किया और महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में जमीन पर अतिक्रमण संबंधी शिकायती पत्र को देखने का अनुरोध किया था.
वीडियो में दिख रहा है कि विधायक महिला को धमका रहे हैं और पुलिस को उन्हें ले जाने को कह रहे हैं. जब महिला ने सही ढंग से बात करने को कहा तो उन्होंने कथित तौर पर कहा कि उनसे बात करने को कुछ नहीं है, क्योंकि वह ‘अतिक्रमण करने वाली हैं.’
विधायक के निर्देश पर दो महिला पुलिसकर्मी महिला को पुलिस थाने ले गईं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लिम्बावली ने एक स्थानीय कार्यकर्ता रूथ सागर मैरी को जेल भेजने की धमकी दी, जिन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देशों के बाद नगर निगम अधिकारियों द्वारा जल निकासी व्यवस्था पर अतिक्रमण को हटाने के बाद उनकी मदद मांगी थी.
बीते बृहस्पतिवार (एक सितंबर) को क्षेत्र के दौरे के दौरान बोम्मई ने महादेवपुरा में जलभराव के लिए झीलों और नालों के अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया था.
कार्यकर्ता मैरी ने शुक्रवार को तीन बार के विधायक लिम्बावली के पास एक अर्जी के साथ उन्होंने कहा था कि बेंगलुरु की निगम एजेंसियां 1971 में बनी उनकी संपत्ति को गिराने की कोशिश कर रही हैं और अतिक्रमण विरोधी अभियान मनमाने ढंग से आगे बढ़ रहा है.
कार्यकर्ता के आरोपों पर अपना आपा खोते हुए लिम्बावली ने उनकी अर्जी छीनने की कोशिश की और मौके पर मौजूद पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.
उन्होंने (विधायक) मुझसे कहा, ‘क्या आपकी कोई इज्जत है? आपने जमीन पर कब्जा कर लिया है और अब विधायक के सामने आ गई हैं. उन्होंने बार-बार पुलिस को मुझे (मैरी) थाने ले जाने का निर्देश दिया और उन्होंने (पुलिस) ऐसा किया भी. उन्होंने मुझे कई घंटों तक हिरासत में रखा.’
कार्यकर्ता ने आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान लिम्बावली के लिए काम किया था. मैरी ने कहा कि उन्होंने 2008 में लिम्बावली के लिए काम किया था, ‘यह मानते हुए कि वह एक शिक्षित व्यक्ति हैं, जो बदलाव ला सकते थे’.
रिपोर्ट के अनुसार, एक संवाददाता के सवाल पर लिम्बावली एक बार फिर से अपना आपा खोते हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा, ‘जाओ और लोगों से बात करो. तुम मुझसे सवाल क्यों कर रहे हो? क्या मैंने उसका रेप किया है?’
बीते जून महीने में लिम्बावली की बेटी रेणुका लिम्बावली भी तेज गति से गाड़ी चलाने की वजह से रोके जाने पर कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार करती और धमकी देती कैमरे पर कैद हुई थीं.
वह ट्रैफिक पुलिस से कहती नजर आती हैं, ‘आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह एक विधायक की गाड़ी है. क्या आप अरविंद लिम्बावली को जानते हैं, मैं उनकी बेटी हूं.’
बाद में लिम्बावली ने अपनी बेटी की ओर से माफी मांगी थी.
लिम्बावली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का हिस्सा रहे हैं. महादेवपुरा से वह पहली बार 2008 में बतौर विधायक निर्वाचित हुए थे. इसी सीट के तहत बेंगलुरु का सूचना प्रौद्योगिकी गलियारा आता है.
रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति से आने वाले लिम्बावली अपनी आरएसएस पृष्ठभूमि के कारण भाजपा के विभिन्न पदों पर तेजी से आगे बढ़े थे. 2019 में उन्होंने कांग्रेस-जद (एस) सरकार के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
भाजपा सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस-जद (एस) सरकार गिरने के बाद जब बीएस येदियुरप्पा ने 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, तो लिम्बावली उप-मुख्यमंत्री होने के संभावित उम्मीदवार थे.
हालांकि विधायक से जुड़ा एक समलैंगिक सेक्स वीडियो सामने आने के बाद उनके उप-मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं खत्म हो गईं. बाद में फॉरेंसिक और पुलिस जांच ने सुझाव दिया कि यह वीडियो नकली था. वह विधानसभा में रो पड़े थे और दावा किया था कि प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया है.
भाजपा विधायक लिम्बावली जमीन हथियाने के आरोपों को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते हैं. विपक्षी दलों ने उन पर मनमानी का आरोप भी लगाया है. लोकायुक्त पुलिस ने कथित तौर पर एक प्रसिद्ध बिल्डर का पक्ष लेने के लिए उन पर केस दर्ज किया था, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, अपने 2018 के विधानसभा चुनाव हलफनामे में लिम्बावली ने घोषणा की थी कि उनके खिलाफ स्थानीय अदालत के समक्ष एक मामला लंबित है. उन पर सदोष अवरोध (Wrongful Restraint), गैरकानूनी सभा, दंगा और खतरा पैदा करने के आरोप थे.
इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने विधायक लिम्बावली पर महादेवपुरा में एक मकान मालिक को धमकी देने का आरोप लगाया था, जिन्होंने पार्टी को अपनी एक संपत्ति किराये पर दे दी थी. इस संपत्ति में आप ने साल 2021 में एक कार्यालय स्थापित किया था.
उन्होंने कहा, ‘वह भूल जाते हैं कि वह एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, न कि कोई शासक. उनमें उन्हीं लोगों के लिए कोई सम्मान नहीं है, जिन्होंने उन्हें चुना है. धन का अहंकार और बाहुबल इस व्यवहार के कारण है. उन्होंने पुलिस और निगम अधिकारियों का बार-बार दुरुपयोग किया है, वह उन्हें अपना निजी कर्मचारी मानते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब से हमने अपना कार्यालय खोला है, हमें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)