तेलंगाना: वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा कलेक्टर को फटकारने की कांग्रेस और टीआरएस ने निंदा की

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी ज़िले में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान पर निरीक्षण करने पहंच गईं थीं, जहां वे स्थानीय कलेक्टर पर इसलिए भड़क गईं क्योंकि उन्हें पीडीएस दुकान से वितरित चावल में केंद्र व राज्य के अंश का नहीं पता था और दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगी थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तेलंगाना के कामारेड्डी जिला कलेक्टर को फटकार के विरोध में राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस समर्थकों ने कई जगहों पर एलपीजी सिलेंडर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगाकर महंगाई को लेकर पलटवार किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@krishanKTRS)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी ज़िले में एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान पर निरीक्षण करने गई थीं, जहां वे कलेक्टर पर इसलिए भड़क गईं, क्योंकि उन्हें वहां से वितरित चावल में केंद्र व राज्य के अंश का नहीं पता था और दुकान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगी थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तेलंगाना के कामारेड्डी जिला कलेक्टर को फटकार के विरोध में राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस समर्थकों ने कई जगहों पर एलपीजी सिलेंडर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगाकर महंगाई को लेकर पलटवार किया. (फोटो साभार: ट्विटर/@krishanKTRS)

नई दिल्ली/हैदराबाद: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा तेलंगाना की अपनी यात्रा के दौरान एक जिला कलेक्टर को सार्वजनिक रूप से फटकारने के कारण कांग्रेस ने जहां उनकी आलोचना की है, वहीं राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने बढ़ती कीमतों पर भाजपा पर पलटवार किया है.

टीआरएस समर्थकों ने कई जगहों पर एलपीजी सिलेंडर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगा दिया और उस पर सिलेंडर की कीमत (1105 रुपये) लिख दी.

सीतारमण ने शुक्रवार (2 सितंबर) को तेलंगाना के कामारेड्डी के जिला कलेक्टर जितेश पाटिल की इस बात को लेकर फटकार लगाई थी कि वे इस सवाल का जवाब नहीं दे सके कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किए जाने वाले चावल में केंद्र व राज्य का हिस्सा कितना है और उचित मूल्य की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों गायब है.

उनके इस व्यवहार को अशोभनीय करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में अच्छी बने रहने के लिए सीतारमण ने यह ‘नाटक’ किया.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मनमोहन सिंह की सरकार सितंबर 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लाई थी. ऐसी कोई उम्मीद नहीं की गई थी कि श्रेय लेने के लिए नेताओं की तस्वीरें इस्तेमाल की जाएंगी. प्रधानमंत्री की नजरों में अच्छी बनी रहने के लिए वित्त मंत्री द्वारा इस तरह का नाटक किया जाना बहुत अशोभनीय है.’

गौरतलब है कि तेलंगाना में कामारेड्डी जिले के बिरकुर में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की एक दुकान के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने जिला कलेक्टर से पूछा था, ‘जो चावल खुले बाजार में 35 रुपये में बिक रहा है, वह यहां एक रुपये में लोगों को बांटा जा रहा है. इसमें राज्य सरकार का कितना हिस्सा है?’

भाजपा की ‘लोकसभा प्रवास योजना’ के तहत जहीराबाद संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाली सीतारमण ने जिला कलेक्टर से यह भी पूछा था कि बिरकुर में उचित मूल्य की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों गायब है.

जब अधिकारी सवाल का जवाब नहीं दे सके, तो केंद्रीय मंत्री ने उन्हें फटकार लगाते हुए अगले 30 मिनट में जवाब देने को कहा.

वित्त मंत्री ने स्वयं बताया कि केंद्र लगभग 30 रुपये देता है और राज्य सरकार चार रुपये देती है, जबकि लाभार्थियों से एक रुपया वसूला जाता है.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्च-अप्रैल 2020 से राज्य सरकार और लाभार्थियों के किसी भी योगदान के बिना केंद्र 30 रुपये से 35 रुपये की कीमत पर मुफ्त चावल उपलब्ध करा रहा है.

सीतारमण के बर्ताव की आलोचना

तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने कहा कि वे जिलाधीश के साथ सीतारमण के बर्ताव से स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर आसीन लोगों का ऐसा बर्ताव ‘अखिल भारतीय सेवा (आईएएस) के मेहनती अधिकारियों का मनोबल गिराएगा.’

केटीआर ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, ‘मैं कामारेड्डी के जिला मजिस्ट्रेट/जिलाधीश के साथ वित्त मंत्री सीतारमण के बुरे बर्ताव से स्तब्ध हूं.’

उन्होंने कहा, ‘सड़कों पर यह राजनीतिक तमाशा कठिन परिश्रमी एआईएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारियों का केवल मनोबल गिराएगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जितेश वी. पाटिल के गरिमापूर्ण व्यवहार पर उन्हें मेरी तरफ से शुभकामनाएं.’

वहीं, उनकी टिप्पणियों की निंदा करते हुए तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा राशन की दुकान में प्रधानमंत्री की तस्वीर रखने के लिए कहना अनुचित है.

उनके अनुसार, केंद्र एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के तहत केवल 50 से 55 प्रतिशत कार्डधारकों को प्रति माह तीन रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 10 किलोग्राम चावल की आपूर्ति करता है और शेष 45-50 प्रतिशत कार्डधारकों के लिए तेलंगाना सरकार अपने खर्च से आपूर्ति करती है.

राव ने कहा, ‘यह हास्यास्पद है. वह जो बात कर रही हैं, उससे प्रधानमंत्री का दर्जा गिरता है. वह ऐसे बात कर रही थीं, जैसे सारा चावल (जो मुफ्त दिया जाता है) उनके (केंद्र) द्वारा दिया जा रहा है.’

प्रतिक्रियास्वरूप, अब तेलंगाना का सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) बढ़ती कीमतों को लेकर भाजपा पर हमलावर हो गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा कलेक्टर को फटकार लगाने वाले घटनाक्रम के एक दिन बाद शनिवार को टीआरएस समर्थकों ने कई जगहों पर एलपीजी सिलेंडर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगा दिया और उस पर सिलेंडर की कीमत (1105 रुपये) लिख दी.

पार्टी समर्थकों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों की ओर इशारा करते हुए सोशल मीडिया पर भी प्रधानमंत्री के फोटो शेयर किए.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की फोटो के संबंध में सीतारमण ने कलेक्टर को यह भी हिदायत दी थी कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिले में राशन की दुकानों पर प्रधानमंत्री के फोटो प्रमुखता से प्रदर्शित हो.

उन्होंने कहा था, ‘हमारे लोग यहां आएंगे और फ्लेक्स लगाएंगे. जिला प्रशासक के रूप में आप यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे हटाया न जाए, न ही इसे फाड़ा जाए.’

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जिला कलेक्टर पाटिल ने कहा कि वह सीतारमण या उनकी धमकी से नहीं डरते. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने पीडीएस पर कुछ डेटा मांगा, जो उस समय मेरे पास नहीं था. उन्होंने कहा कि वे डेटा पेश करने के लिए आधा घंटा मेरा इंतजार करेंगी, लेकिन वे चली गईं.’

वहीं, उसी शाम एक संवाददाता सम्मेलन में घटना के संबंध में सीतारमण से पूछे जाने पर उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘मैं यहां किसी कलेक्टर के आचरण को जज करने नहीं आई हूं. कलेक्टर के लिए मेरी भाषा आपत्तिजनक या असंसदीय नहीं थी. जो कोई भी ऐसा सोचता है कि यह सही नहीं था या मेरी भाषा आपत्तिजनक थी, यह उनकी राय है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)