टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का सड़क दुर्घटना में निधन

महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई इस सड़क दुर्घटना में 54 वर्षीय साइरस मिस्त्री के अलावा एक और व्यक्ति की मौत हो गई. पालघर के चरोटी इलाके में कार डिवाइडर से जा टकराई थी. उस समय मिस्त्री मर्सिडीज़ कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं.

साइरस मिस्त्री. (फोटो: पीटीआई)

महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई इस सड़क दुर्घटना में 54 वर्षीय साइरस मिस्त्री के अलावा एक और व्यक्ति की मौत हो गई. पालघर के चरोटी इलाके में कार डिवाइडर से जा टकराई थी. उस समय मिस्त्री मर्सिडीज़ कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं.

साइरस मिस्त्री. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. वह 54 वर्ष के थे.

दुर्घटनास्थल की तस्वीरों में सिल्वर मर्सिडीज कार के टूटे हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं. हादसा उस वक्त हुआ जब मुंबई से 135 किलोमीटर दूर पालघर के चरोटी इलाके में कार रोड डिवाइडर से जा टकराई. उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे.

कार में मिस्त्री के अलावा जहांगीर पंडोले, अनहिता पंडोले और डेरियस पंडोले सवार थे. हादसे में जहांगीर पंडोले की भी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा, ‘दुर्घटना अपराह्न लगभग 3:15 बजे हुई. मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रहे थे. यह हादसा सूर्या नदी पर बने पुल पर हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘दुर्घटना में मिस्त्री और एक अन्य व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए.’

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हादसा कासा थाना क्षेत्र में सूर्या नदी पुल पर चरोटी नाका में हुआ. मिस्त्री की कार डिवाइडर से टकराने के बाद रिटेंशन वॉल से जाकर टकरा गई.

हादसे में जान गंवाने वाले मिस्त्री और जहांगीर पंडोले के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए कासा ग्रामीण अस्पताल भेज दिया गया है.

पालघर के पुलिस अधिकारी सचिन नवादकर ने कहा कि स्थानीय पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.

इधर, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे के तुरंत बाद इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. फडणवीस ने कहा कि वह पालघर में एक दुर्भाग्यपूर्ण सड़क हादसे में मिस्त्री के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हैं.

राज्य के गृह मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘डीजीपी से बात की और उन्हें विस्तृत जांच का आदेश दिया.’ उन्होंने कहा, ‘उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, डेरियस पंडोले टाटा समूह की फर्मों में एक स्वतंत्र निदेशक थे और उन्होंने मिस्त्री को कंपनी के अध्यक्ष के पद से हटाने का विरोध किया था. उन्होंने मिस्टर मिस्त्री के साथ टाटा समूह को भी छोड़ दिया था.

डेरियस अनाहिता के पति हैं और जहांगीर उनके ससुर था. कार अनाहिता पंडोले चला रही थीं अनाहिता और डेरियस पंडोले को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एयरलिफ्ट किया जा रहा है.

मिस्त्री परिवार के लिए यह एक नवीनतम झटका है. इसके पहले बीते जून महीने में साइरस के पिता पल्लोनजी मिस्त्री का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उनके व्यापार साम्राज्य ने पूरे एशिया में लक्जरी होटल, स्टेडियम और कारखाने बनाए हैं.

मालूम हो कि शापूरजी पल्लोनजी परिवार से संबंध रखने वाले साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था.

वह टाटा संस के छठे चेयरमैन थे. मिस्त्री ने रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में कमान संभाली थी. बाद में समूह के अंदर विवाद उठने पर उन्हें टाटा संस के निदेशक मंडल से भी निकाल दिया गया था.

इस विवाद से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

हालांकि मार्च 2021 में न्यायाधिकरण के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड और साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिस पर शीर्ष न्यायालय का यह फैसला आया था.

शापूरजी पल्लोनजी (एसपी) समूह ने न्यायालय से कहा था कि अक्टूबर, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगाकर किया गया हमला था. यह कंपनी संचालन के सिद्धांतों के खिलाफ था.

वहीं टाटा समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था और बोर्ड ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मिस्त्री को पद से हटाया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)