उत्तर प्रदेश: बाराबंकी ज़िला जेल में बंद 26 क़ैदी एचआईवी संक्रमित मिले

उत्तर प्रदेश की बाराबंकी ज़िला जेल में एचआईवी पॉज़िटिव मिले इन 26 क़ैदियों में से दो की हालत ज़्यादा गंभीर होने पर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है. जेल में 3,300 क़ैदी हैं. सीएमओ ने बताया है कि सभी क़ैदियों की जांच करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश की बाराबंकी ज़िला जेल में एचआईवी पॉज़िटिव मिले इन 26 क़ैदियों में से दो की हालत ज़्यादा गंभीर होने पर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है. जेल में 3,300 क़ैदी हैं. सीएमओ ने बताया है कि सभी क़ैदियों की जांच करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की बाराबंकी जिला कारागार में 26 कैदियों के एचआईवी संक्रमित होने का मामला सामने आया है, जिनमें दो की हालत ज्यादा गंभीर होने पर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है.

जिला कारागार में 20 दिनों में तीन चरणों में लगाए गए एचआईवी शिविर के दौरान की गई जांच में 26 कैदी एचआईवी पॉजिटिव (संक्रमित) पाए गए, जिसमें दो की तबीयत ज्यादा खराब होने पर लखनऊ के लोहिया अस्पताल में एआरटी (एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी) से इलाज किया जा रहा है.

जिला जेल के जेलर आलोक शुक्ला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच में 26 कैदी संक्रमित पाए गए हैं. उन्‍होंने बताया कि गंभीर पीड़ित कैदियों के इलाज के लिए लखनऊ लोहिया अस्पताल से संपर्क कर समुचित इलाज के उपाय किए जा रहे हैं.

बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अवधेश यादव ने बताया कि कारागार में 26 कैदी पॉजिटिव मिलने के बाद जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है.

उन्‍होंने बताया कि गत 10 अगस्त से एक सितंबर तक जेल में तीन चरणों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर एचआईवी की जांच की गई. उन्‍होंने बताया कि तीनों चरणों की जांच में जेल के 26 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं.

वहीं, जेल में बंद 70 महिला कैदियों का एचआईवी टेस्ट होना अभी बाकी है.

यादव ने बताया कि इनमें से दो मरीजों की लखनऊ के लोहिया हॉस्पिटल में एआरटी (एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी) चल रही है और अब नए 24 मरीजों की एआरटी की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि जिला जेल में 3,300 कैदी हैं. सीएमओ ने बताया है कि जिला जेल में बंद सभी कैदियों की जांच करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले बीते मई महीने में भी बाराबंकी जिला जेल सुर्खियों में था. जेल अधिकारियों ने कोरोना वायरस से बचाव के नाम पर यहां बंद कैदियों को 36 क्विंटल नींबू पिला दिया था. जेल में रोज 40 किलो नींबू आता था.

घटना सामने आने के बाद जेल अफसरों का कहना था कि कोरोना काल के कारण डॉक्टरों की सलाह पर प्रतिदिन बंदियों को नींबू दिया जा रहा है. वहीं नींबू मिलने की बात से कैदियों ने इनकार कर दिया था, जिसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)