कर्नाटक में 543 पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले के संबंध में सामने आई एक ऑडियो क्लिप में कनकगिरी से भाजपा विधायक बसवराज दुरुगप्पा ददेसुगुर कथित तौर पर नौकरी दिलाने में मदद करने के लिए 15 लाख रुपये लेने की बात स्वीकारते हैं. इस घोटाले की जांच सीआईडी द्वारा की जा रही है.
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि पीएसआई (पुलिस उप निरीक्षक) भर्ती घोटाले की जांच कर रही एजेंसियां उस ऑडियो-क्लिप की भी जांच कर सकती हैं, जिसमें कथित तौर पर यह बात सामने आई है कि भाजपा के एक विधायक ने नौकरी दिलाने में मदद करने के लिए 15 लाख रुपये लिए हैं.
कथित बातचीत में पीएसआई अभ्यर्थी का पिता होने का दावा करने वाला परसप्पा नामक व्यक्ति कनकगिरी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बसवराज दुरुगप्पा ददेसुगुर से 15 लाख रुपये वापस करने का अनुरोध करता है, जो उन्हें डेढ़ साल पहले परसप्पा के बेटे को नौकरी दिलाने के लिए दिए गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कथित तौर पर ददेसुगुर ऑडियो क्लिप में परसप्पा से कहते हैं, ‘मैं बेंगलुरु में हूं और मैंने जिला अध्यक्ष डोड्डनगौडा से बात की है. आपको मामले में किसी और व्यक्ति को शामिल करने की जरूरत नहीं है. मुझे (आपसे) पैसा मिला है और सरकार को दे दिया है. बेंगलुरु से लौटने के बाद पैसे वापस करने की जिम्मेदारी मेरी होगी.’
बोम्मई ने घोटाले में विधायक की संलिप्तता से संबंधित ऑडियो के बारे में एक सवाल पर कहा, ‘(पीएसआई भर्ती घोटाले के संबंध में) जांच जारी है. हमने पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. अगर कुछ नया सामने आता है, तो उसकी भी जांच की जाएगी.’
राज्य में 543 पीएसआई की भर्ती में हुई कथित धोखाधड़ी की जांच सीआईडी कर रही है.
ऑडियो-क्लिप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ददेसुगुर ने कहा कि लोकप्रिय व्यक्ति होने के नाते उनसे दो पक्षों के बीच किसी मामले को हल कराने के लिए संपर्क किया गया था और उन्होंने उनसे कहा था कि वह इस मुद्दे को हल करा देंगे.
ऑडियो में ‘सरकार’ को दिए जा रहे पैसे और इसे वापस करने का आश्वासन देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने केवल इतना कहा है कि मैं इस मुद्दे को सुलझाऊंगा, और पैसे या किसी भी चीज से कोई लेना-देना नहीं है…’
यह पूछे जाने पर कि क्या ऑडियो क्लिप में उनकी आवाज है, तो उन्होंने कहा, ‘मैंने दो पक्षों के बीच के मुद्दों को हल कराने के बारे में बात की थी. इसके अलावा मुझे पैसे के बारे में कुछ भी पता नहीं है, और इसके बारे में उन पक्षों से सवाल पूछा जाना चाहिए जिन्होंने ऑडियो रिकॉर्ड करके जारी किया है.’
विपक्ष ने न्यायिक जांच की मांग की
उधर, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है.
उन्होंने कहा, ‘ददेसुगुर ने कहा है कि उन्होंने सरकार को पैसा दिया है. सरकार का मतलब कौन है? सरकार का मतलब है मंत्री, मुख्यमंत्री … न्यायिक जांच होनी चाहिए, इस मामले में लोकायुक्त का कोई फायदा नहीं होगा … सच बाहर आने से कोई नहीं रोक सकता … यह किसी न किसी तरह सामने आ जाएगा.’
इस बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रचार समिति के प्रमुख एमबी पाटिल ने भी सरकार से इस मुद्दे पर जवाब देने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘मैं पुलिस से मांग करता हूं कि ददेसुगुर को हिरासत में लिया जाए और उससे पूछताछ की जाए ताकि घोटाले में बाकियों की संलिप्तता के बारे में और जानकारी मिल सके.”
कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने भी जांच की मांग की. गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र को आड़े हाथ लेते हुए खड़गे ने सवाल किया कि ददेसुगुर किसकी ओर से पैसे ले रहे थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)