दिल्ली: आप नेता संजय सिंह ने उपराज्यपाल द्वारा भेजे गए मानहानि नोटिस को फाड़ा

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था और एक खादी लाउंज की साज-सज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया था. राज्यपाल ने बीते पांच सितंबर को आप नेताओं को मानहानि नोटिस भेजा था.

**EDS: TWITTER IMAGE POSTED BY @AamAadmiParty ON WEDNESDAY, SEPT. 7, 2022** New Delhi: AAP leader Sanjay Singh addresses a press conference, in New Delhi, Wednesday, Sept. 7, 2022. Singh made various allegations against Delhi Lieutenant Governor VK Saxena and tore the defamation notice sent to him by the LG recently. (PTI Photo)(PTI09 07 2022 000191B)

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था और एक खादी लाउंज की साज-सज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया था. राज्यपाल ने बीते पांच सितंबर को आप नेताओं को मानहानि नोटिस भेजा था.

आप नेता संजय सिंह ने बीते बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा भेजे गए मानहानि नोटिस को फाड़ दिया. (फोटो साभार: ट्विटर/@AamAadmiParty)

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने बीते बुधवार को दावा किया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कारीगरों को भुगतान करने के लिए करोड़ों रुपये का तब गबन किया, जब वह खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष थे.

उन्होंने उपराज्यपाल को ‘तत्काल’ बर्खास्त करने और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ जांच की मांग की.

सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कारीगरों को मजदूरी के भुगतान पर 2016 के पटना हाईकोर्ट के आदेश और कारीगरों को करोड़ों रुपये की कथित अदायगी की सीवीसी जांच के निष्कर्षों का हवाला देते हुए अपने दावों का समर्थन किया.

उन्होंने हाल में उपराज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए मानहानि नोटिस को यह कहते हुए फाड़ दिया कि इस तरह के नोटिस न तो उन्हें डरा सकते हैं और न ही उन्हें सच बोलने से रोक सकते हैं.

मालूम हो कि बीते 5 सितंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान 1,400 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में उनकी संलिप्तता रहने के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा था.

यह नोटिस आप के नेताओं आतिशी, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और जैस्मीन शाह सहित अन्य को भेजा गया था.

स्क्रॉल के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उपराज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए मानहानि के नोटिस को सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया.

सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में नोटिस को फाड़ते हुए कहा, ‘भारत का संविधान मुझे सच बोलने का अधिकार देता है. राज्यसभा के सदस्य के रूप में मुझे सच बोलने का अधिकार है. एक चोर, एक भ्रष्ट व्यक्ति द्वारा भेजे गए इस नोटिस से मैं नहीं डरूंगा. मैं इस तरह के नोटिस को दस बार फाड़ कर फेंक सकता हूं.’

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने सक्सेना से अपने निजी सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल करते हुए अपने आरोपों का जवाब देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि राज निवास का आधिकारिक हैंडल ‘दिल्ली के उपराज्यपाल का है, आप का नहीं.’

सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना एक बहुत ही भ्रष्ट और बेईमान व्यक्ति हैं. जब वह केवीआईसी के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने सिलाई और कढ़ाई का काम करने वाले कम से कम 2.5 लाख कारीगरों के करोड़ों रुपये हड़प लिए और केवीआईसी को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया.’

आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिंह ने कहा, ‘यदि (केंद्र) सरकार में थोड़ी भी ईमानदारी है, तो उसे ऐसे भ्रष्ट उपराज्यपाल को तुरंत हटाना चाहिए और सीबीआई और ईडी द्वारा उनके खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए. उपराज्यपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए.’

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए उनसे पूछा कि सक्सेना को दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में क्यों नियुक्त किया गया था जब वह केवीआईसी में शीर्ष पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त थे.

मालूम हो कि बीते दिनों आम आदमी पार्टी ने सक्सेना पर 2016 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.

आप नेता दुर्गेश पाठक ने पिछले हफ्ते विधानसभा में आरोप लगाया था कि केवीआईसी के अध्यक्ष के रूप में सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1,400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था.

साथ ही आरोप लगाया था कि वीके सक्सेना ने खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और मुंबई की एक खादी लाउंज की आंतरिक साजसज्जा (इंटीरियर डिजाइनिंग) का ठेका अपनी बेटी को दिया था.

इससे पहले बीते जुलाई महीने के आखिरी हफ्ते में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी.

एलजी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर शराब नीति में कुछ बदलाव किए और कैबिनेट को सूचित किए बिना या एलजी की मंजूरी लिए बिना लाइसेंसधारियों को अपनी ओर से अनुचित लाभ दिया था.

आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर कोविड-19 महामारी के बहाने निविदा लाइसेंस शुल्क पर शराब कारोबारियों को 144.36 करोड़ रुपये की छूट की अनुमति दी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव के दौरान इस पैसे का इस्तेमाल किया होगा.

बहरहाल उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 30 जुलाई 2022 को जानकारी दी थी कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और सरकार द्वारा संचालित दुकानों के जरिये शराब की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)