पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के मामले में एनआईए का दुरुपयोग कर रही है, ताकि पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाया जा सके. नेत्तारू की 26 जुलाई को हत्या कर दी गई थी.
मंगलुरु: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसके खिलाफ ‘साजिश’ रचने और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) नेता की हत्या के मामले में उसे फंसाने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
भाजयुमो के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के सिलसिले में मंगलवार (छह सितंबर) को मैसूर, कोडागु और दक्षिण कन्नड़ जिलों सहित कर्नाटक में 33 स्थानों पर एनआईए ने छापे मारे थे. नेत्तारू की 26 जुलाई को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिण कन्नड़ जिले में अपनी चिकन की दुकान बंद करके घर लौट रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए द्वारा इस संबंध में बृहस्पतिवार को भी छापेमारी जारी रखी. बृहस्पतिवार को जांच एजेंसी ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय सचिव रियाज फरंगीपेट के घर पर छापेमारी की.
इसके बाद दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. स्थानीय लोगों और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने ‘एनआईए वापस जाओ’ जैसे नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया.
पीएफआई के राज्य सचिव एके अशरफ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आपने मंगलवार से हो रहे घटनाक्रम को देखा है. हम उन तरीकों को देख सकते हैं, जिसके तहत भाजपा नेत्तारू की हत्या के मामले में एनआईए का दुरुपयोग कर रही है, ताकि पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाया जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘पीएफआई के खिलाफ भाजपा नीत सरकार की साजिश की हम कड़ी निंदा करते हैं.’
अशरफ ने कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले में सिलसिलेवार हत्याओं के अलावा, राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या भी शामिल है.
उन्होंने मांग की कि जिन घटनाओं में मुस्लिम मारे गए हैं, उन मामलों की भी गहन जांच का जिम्मा एनआईए को दिया जाना चाहिए.
मालूम हो कि भाजयुमो कार्यकर्ता नेत्तारू की हत्या के बाद दक्षिण कन्नड़ जिले में तनाव व्याप्त हो गया था. कर्नाटक पुलिस ने शुरुआत में इस मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से दो की पहचान मोहम्मद जाकिर और शफीक के रूप में की गई है, जो कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं.
जनाक्रोश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि राज्य सरकार ने इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला किया है. उन्होंने कहा था कि नेत्तारू की हत्या की जांच एनआईए को सौंपी जाएगी, यह देखते हुए कि यह अंतर-राज्यीय संबंधों के साथ एक संगठित अपराध है.
सरकार द्वारा मामले को एनआईए को सौंपने से पहले पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था.
दक्षिण कन्नड़ जिला बीते जुलाई महीने के आठ दिनों में अलग-अलग समुदायों के तीन लोगों की हत्याओं से दहल उठा था. जिले के सुरथकल क्षेत्र में 28 जुलाई 2022 को एक कपड़े की दुकान में एक 23 वर्षीय युवक मोहम्मद फाजिल की चार अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के कारण का पता नहीं चल पाया था, लेकिन माना जा रहा था कि यह परोक्ष रूप से 26 जुलाई की शाम भाजपा युवा कार्यकर्ता प्रवीण नेत्तारू की हत्या से जुड़ा हुआ है.
हत्याओं का सिलसिला 20 जुलाई को जिले के सुलिया तालुक के कलांजा गांव में एक रोड रेज मामले में 18 वर्षीय बी. मसूद पर आठ लोगों द्वारा हमले से शुरू हुआ, जिनकी 21 जुलाई को मौत हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)