घटना सीवान ज़िले की है. आरोप है कि गुरुवार को महावीरी अखाड़े के जुलूस के दौरान एक मस्जिद के पास सांप्रदायिक नारेबाज़ी की गई, जिसके बाद दो गुटों में पत्थरबाज़ी हुई और एक दुकान को आग लगा दी गई.
नई दिल्ली: बिहार के सीवान जिले में गुरुवार को महावीरी अखाड़े के जुलूस में सांप्रदायिक झड़प होने के बाद पुलिस ने एक 70 वर्षीय शख्स और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है.
बताया गया है कि जब जुलूस एक मस्जिद के पास से निकल रहा है था तब इसमें शामिल भगवाधारी और लाठी लिए लोगों ने सांप्रदायिक नारेबाजी की. आरोप है कि इसके चलते बड़हरिया थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार में पत्थरबाजी हुई.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस दौरान एक गुमटी को भी आग लगा दी गई.
द वायर को प्राप्त वीडियो में हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता पत्थरबाजी करते और मुस्लिमों के घरों में तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं. हालांकि यह ज्ञात नहीं हो सका है कि वे किस संगठन या समूह से संबद्ध हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए वृद्ध और नाबालिग को अभी तक रिहा नहीं किया गया है.
Houses of Muslims were vandalized, shops were set on fire and looted by Sanghi mob. Sanghi goons can be seen in multiple videos but Bihar Police is taking unilateral action. It is going to be 48 hours till now 8 year old Rizwan and 70 year old Yasin have not been released. pic.twitter.com/mx5cM5AE23
— Meer Faisal (@meerfaisal01) September 10, 2022
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सीवान पुलिस ने मामले में 35 लोगों- 25 मुस्लिम और 10 हिंदुओं- के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
द वायर द्वारा प्राप्त एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से दंगा), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना), 188 (आदेश की अवज्ञा), 296 (धार्मिक सभा को परेशान करना), 337 ( चोट पहुंचाना), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 505 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 307 (हत्या का प्रयास), 353 (हमला, आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश का पक्ष) समेत कुछ अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
द वायर से बात करते हुए स्थानीय निवासी फारूक (परिवर्तित नाम) ने बताया, ‘गुरुवार शाम अस्र की नमाज के वक्त महावीरी अखाड़े की शोभायात्रा मस्जिद के पास से गुजर रही थी. इसमें शामिल लोगों के हाथों में लाठियां थीं और वे सांप्रदायिक नारे लगा रहे थे. आसपास की कुछ दुकानों में लाठी से तोड़फोड़ की गई, साथ ही मस्जिद में भी. इसके बाद दोनों तरफ से पाठबाजी शुरू हो गई.’
उन्होंने जोड़ा, ‘असल में यह प्रशासन की विफलता है, यह इलाका हमेशा से संवेदनशील रहा है. महावीरी अखाड़े की शोभायात्रा चार दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन तब पुलिस हरदम तैनात थी इसलिए ऐसा कुछ नहीं हुआ. क्षेत्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील होने के चलते ही इलाके के मुसलमानों ने पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने को कहा था लेकिन तीन जूनियर पुलिसवालों को तैनात किया गया.’
उनका कहना है कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है जो केवल मस्जिद में नमाज पढ़ने आए थे.
गिरफ्तार किए गए बुजुर्ग और नाबालिग के परिवारों का भी कहना है कि वे बेगुनाह हैं और उनका इस झड़प से कोई लेना-देना नहीं है.
द वायर ने सीवान के एसपी शैलेश कुमार सिन्हा से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
मामले के शिकायतकर्ता और मजिस्ट्रेट प्रेमचंद ने द वायर से कहा, ‘मुझे एक दिन के लिए क्षेत्र का दंडाधिकारी बनाया गया था इसलिए मैंने शिकायत दर्ज करवाई. मस्जिद के सामने जुलूस पर पत्थरबाजी हुई और जब वो वहां से पुरानी बाजार पहुंचे तब भी ऐसा हुआ. इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया था तो प्रशासन ने स्थिति संभाली. इस पत्थरबाजी के दौरान एक दुकान को भी नुकसान पहुंचा है.’
फारूक ने बताया कि इस घटना के बाद क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने दोनों समुदायों के बीच बैठक करवाई थी, लेकिन माहौल अब भी तनावपूर्ण है. वो कहते हैं, ‘लोग प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं. घटना से प्रभावित हुए लोगों पर सिस्टम का दबाव है, उनका कहना है कि उन्हें चुप रहने को कहा गया है.’
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