बीते 28 अगस्त को एशिया कप में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले के बाद ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू-मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए थे, तब से ही शहर में हाथापाई और सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि देखी जा रही है. शनिवार को दोनों समुदायों के बीच फिर से झड़प हुई थीं.
लंदन: ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हाथापाई और सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि देखी गई है, जिसके चलते हिंदू और मुसलमानों की मिश्रित आबादी वाले इस इलाके में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है.
ब्रिटेन की पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने इंग्लैंड के पूर्वी शहर लेस्टर में उपद्रव के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा ऐसी और घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल गश्त कर रहे हैं. बता दें कि सप्ताहांत पर शहर में हिंसक घटनाएं हुई थीं.
इससे पहले लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा की निंदा की थी और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी.
लेस्टर पुलिस ने कहा कि 20 वर्षीय एक शख्स ने शहर में झड़प के दौरान हथियार रखने का गुनाह कबूल किया है जिसके बाद उसे 10 महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है.
स्थानीय निवासी अमोस नोरोन्हा को शनिवार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया था और लेस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था. उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे जिसके आधार पर उस पर आरोप लगाए गए.
लेस्टरशायर पुलिस के ‘टेम्परेरी चीफ कॉन्स्टेबल’ रॉब निक्सन ने कहा कि यह कार्रवाई दिखाती है कि संगीन अपराध किया गया था और उसे जेल में रहना होगा.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने शहर में यह उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेंगे.’
निक्सन के मुताबिक, पुलिस बल तैनात हैं और सूचनाओं तथा रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही, लोगों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘हम आपको सुरक्षित रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए काम कर रहे हैं. जिन्होंने हमारे समुदायों को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें इंसाफ के दायरे में लाया जाएगा.’
पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने के आखिर में एशिया कप के तहत दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंदू-मुस्लिम समूहों में झड़प हो गई थी. पुलिस ने इसे ‘गंभीर उपद्रव’ बताया है.
पुलिस ने बताया कि शहर के पूर्वी हिस्से में पुलिस की गश्त जारी है ताकि उपद्रव की कोई घटना न हो. उन्होंने बताया कि शहर में उपद्रव के सिलसिले में कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से कुछ लोग बर्मिंघम समेत दूसरे नगरों के हैं.
पुलिस ने कहा कि उसने आसपास के इलाकों से पुलिस बलों को बुलाया है. इलाके में शांति बहाल करने के लिए लोगों को तितर-बितर करने और लोगों को रोक कर उनकी तलाशी लेने के अधिकारों का इस्तेमाल किया गया है.
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि एक मंदिर का झंडा उतारा जा रहा है और कांच की बोतलें फेंकी जा रही है.
बता दें कि उपद्रव सबसे पहले 28 अगस्त को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एशिया कप क्रिकेट मैच के बाद शुरू हुआ था. वहीं, जो ताजा प्रकरण हुआ है, उसके बाद समुदाय के नेताओं और पुलिस ने शांति का आह्वान किया है.
एक समुदाय की नेता रुखसाना हुसैन ने द गार्डियन को बताया कि 17 सितंबर को एक समूह ने पूर्वी लेस्टर में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए एक रैली निकाली थी. शनिवार के उपद्रव की चश्मदीद एक महिला ने बीबीसी को बताया कि लोग चेहरे पर नकाब लगाए और हुड पहने हुए थे.
Riots continue in Leicester, England. Hindu far right groups shouting ‘Jai Sri Ram’ and attacking Muslims on the streets. pic.twitter.com/97fTIBsBiX
— Ashok Swain (@ashoswai) September 18, 2022
वहीं, एक अन्य स्थानीय व्यक्ति माजिद फ्रीमैन ने गार्डियन को बताया, ‘वे बोतलें और हर तरह की चीजें फेंक रहे थे.’
उन्होंन आगे कहा, ‘वे हमारी मस्जिदों के सामने से आ रहे थे, समुदाय को लेकर ताना मार रहे थे और लोगों को बेवजह पीट रहे थे.’
फ्रीमैन ने बताया कि इसके जवाब में मुस्लिम युवाओं ने भी एक मार्च निकाला. उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवाओं ने यह सोचा कि ‘हम पुलिस पर विश्वास नहीं कर सकते, हम खुच अपने समुदाय की रक्षा करने जा रहे हैं.’
एक राष्ट्रीय हिंदू संगठन की पूर्व अध्यक्ष दृष्टि माई के हवाले से अखबार ने लिखा है कि हालिया अशांति अभूतपूर्व थी, लेकिन हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा था और प्रताड़ित किया जा रहा था. उन्होंने हिंदुओं को ‘पहली पीढ़ी के प्रवासी समुदाय’ के रूप में वर्णित किया है.
चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने शांति का आग्रह करते हुए एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें कहा कि सांस्कृतिक विविधता समेटे ऐसी जगह पर ‘यह घटना असामान्य’ थी.
An update on our response to the disorder in areas of East Leicester.
Thank you to everyone who has supported our work to reduce tensions and bring people to justice. pic.twitter.com/8m35WQb6J0
— Leicestershire Police (@leicspolice) September 18, 2022
पुलिस ने यह भी उल्लेख किया कि उसे उस वीडियो के प्रसारित होने की भी जानकारी है जिसमें एक व्यक्ति एक धार्मिक स्थल से झंडा उतार रहा है. इस मामले की जांच की जाएगी.
गार्डियन की एक रिपोर्टर ऐना जे. खान में कई ट्वीट करके घटना की रिपोर्टिंग करने के दौरान के अनुभव साझा किए हैं और साथ ही उन टिप्पणियों का भी जिक्र किया है जो उन पर कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े एक व्यक्ति ने कीं.
It was a tense day of reporting from Leicester for me today. I interviewed a Hindu man wearing a motorbike helmet, holding an Indian flag on Belgrave road, the site of some of the unrest yesterday between a group of Muslim and Hindu men. Here’s what happened. 👇🏼
— Aina J. Khan (@ainajkhan) September 18, 2022
खान ने लिखा है कि रिपोर्टिंग के दौरान उन पर पक्षपाती रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें तालिबानी बोला गया. इस संबंध में उन्होंने एक ऑडियो भी जारी किया है जिसमें तीन लोग उनसे तेज आवाज में बात करते देखे जा सकते हैं.
There was a peaceful gathering of mostly young Muslims in Belgrave road today, but the anger was palpable, and anxiety hung on the mouths of local residents, who looked out their front doors with concern after a night of chaos they hope will not return.
— Aina J. Khan (@ainajkhan) September 18, 2022
प्रवासी समूह ‘इनसाइट यूके’ ने दावा किया है कि हिंसा की ज्यादातर घटनाएं अफवाहों और सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से हुई हैं.
लेस्टर के मेयर पीटर सोल्सबी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चीजों को तोड़-मरोड़कर साझा किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आए लोग शहर में हिंसा भड़का रहे हैं.
वहीं, हिंदू काउंसिल यूके ने एक बयान में कहा, ‘हम हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की घटना की निंदा करते हैं. यह पूजास्थल हैं और उनका अनादर नहीं किया जाना चाहिए.’
बयान में उन्होंने कहा, ‘हम हिंदू समुदाय से आह्वान करते हैं कि वे अधिकारियों के साथ मिलकर शांति कायम करने के लिए काम करें. लेस्टर अपनी सांस्कृतिक विविधता, एकता और समुदायों के बीच एकजुटता के लिए जाना जाता है.’
भारतीय उच्चायोग ने ब्रिटेन में हिंसा की निंदा की
इस बीच, भारत ने भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा और हिंदू परिसर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.
भारतीय उच्चायोग ने यहां एक बयान में कहा कि उसने इस मुद्दे को ‘पुरजोर तरीके से’ उठाया है और शहर में सप्ताहांत में झड़पों की खबरों के बाद ब्रिटेन के अधिकारियों से प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षा का आह्वान किया है.
उच्चायोग ने एक बयान में कहा, ‘हम लेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धर्म के परिसरों और धार्मिक प्रतीकों के तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं.’
इसमें कहा गया है, ‘हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. हम अधिकारियों से, प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान करते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)