कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार मामले में कार्यवाही पर रोक लगाई

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी ठेका देने के लिए रिश्वत लेने के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के ख़िलाफ़ सात सितंबर को एक निजी शिकायत बहाल की थी. इस निर्णय को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है.

बीएस येदियुरप्पा. (फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी ठेका देने के लिए रिश्वत लेने के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के ख़िलाफ़ सात सितंबर को एक निजी शिकायत बहाल की थी. इस निर्णय को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है.

बीएस येदियुरप्पा. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने एक निजी शिकायतकर्ता को उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें येदियुरप्पा तथा अन्य के खिलाफ शिकायत बहाली के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, येदियुरप्पा की ओर से प्रस्तुत हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि आधिकारिक कार्यों या कर्तव्यों के निर्वहन में लोक सेवकों द्वारा किए गए कार्यों के संबंध में जांच के लिए प्राधिकरण से पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है.

इस संबंध में वकील ने अनिल कुमार बनाम अय्यपा मामले में सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2013 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि एक मजिस्ट्रेट सरकार की मंजूरी के बिना भ्रष्टाचार की शिकायत पर एक लोक सेवक के खिलाफ जांच के आदेश नहीं दे सकता.

पीठ ने कहा, ‘जहां तक याचिकाकर्ता की बात है तो कार्यवाही पर रोक लगाई जानी चाहिए.’

गौरतलब है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकारी ठेका देने के लिए ‘रिश्वत’ लेने के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सात सितंबर को एक निजी शिकायत बहाल कर दी थी.

इससे पहले, एक स्थानीय सत्र न्यायालय ने येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच संबंधी याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि तत्कालीन राज्यपाल ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था.

प्रतिवादी के वकील ने तर्क दिया कि मामला एक अलग श्रेणी में आता है और इस तरह मंजूरी का सवाल बाद के चरण में उठेगा.

रोहतगी ने बताया कि राज्यपाल ने अनुरोध को खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा कि वह सवालों की जांच करेगी.

सामाजिक कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों ने बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) से संबंधित ठेके देने के बदले में रामलिंगम कंस्ट्रक्शन कंपनी और अन्य मुखौटा कंपनियों से रिश्वत ली थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)