वर्ष 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल से वकालत शुरू करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी 2010 और 2013 में विधि आयोग के भी सदस्य रह चुके हैं. वह वर्तमान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है.
नई दिल्ली: वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी को बुधवार को तीन साल की अवधि के लिए देश का नया अटॉर्नी जनरल (एजी) नियुक्त किया गया. उनका कार्यकाल तीन साल का होगा.
सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है.
माननीय राष्ट्रपति, श्री आर. वेंकटरमणी, वरिष्ठ अधिवक्ता को दिनांक 1 अक्टूबर, 2022 से भारत के महान्यायवादी के पद पर नियुक्त करती हैं।
Honorable President is pleased to appoint Shri R. Venkataramani, Senior Advocate as Attorney General for India w.e.f. 1st October 2022. pic.twitter.com/MnChp8TRGv
— Office of Kiren Rijiju (@RijijuOffice) September 28, 2022
वह केके वेणुगोपाल का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. 91 वर्षीय वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था. उन्हें 29 जून को तीन महीने के लिए देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में पुन: नियुक्त किया गया था.
वेणुगोपाल ने अपनी बढ़ती उम्र की वजह से संवैधानिक पद पर बने रहने के प्रति अनिच्छा जाहिर की थी.
एक अन्य वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कुछ दिन पहले अटॉर्नी जनरल बनने की पेशकश को ठुकरा दिया था. रोहतगी पहली नरेंद्र मोदी सरकार में जून 2014 से जून 2017 के बीच अटॉर्नी जनरल रहे थे.
वेणुगोपाल ने रोहतगी की जगह ली थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वेंकटरमणी जुलाई 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल में वकील के तौर पर सदस्य बने थे और 1979 में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी. उन्हें 1997 में वरिष्ठ वकील की उपाधि मिली थी.
2010 में उन्हें विधि आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था और 2013 में एक और कार्यकाल के लिए फिर से नियुक्त किया गया.
वेंकटरमणी ने संवैधानिक, अप्रत्यक्ष कर, मानवाधिकार, नागरिक और आपराधिक, उपभोक्ता और सर्विस कानून समेत कानून की विभिन्न शाखाओं में अभ्यास किया है.
उन्होंने प्रमुख मामलों में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के समक्ष केंद्र सरकार, विभिन्न राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का प्रतिनिधित्व किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)