राजस्थान में खड़े हुए सियासी संकट के बाद दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो हुआ उन्हें उसका दुख है और उन्होंने इसके लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफ़ी मांगी है. इस बीच, पार्टी के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वे अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाख़िल करेंगे.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में पल-पल बदलते घटनाक्रम के बीच गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अध्यक्ष पद के चुनाव का नामांकन पत्र लेकर चुनाव लड़ने की ओर इशारा किया.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और संबंधित घटनाक्रम के लिए गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ’ पर उनसे मुलाकात के बाद गहलोत ने यह भी कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी.
पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा होने के बाद गहलोत पहली बार दिल्ली पहुंचे हैं.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं. जो घटना दो दिन पहले हुई, उसने हम सबको हिलाकर रख दिया. मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं. पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है.’
गहलोत ने कहा, ‘दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है. मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं… यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया, इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा. मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने तय किया है कि इस माहौल के अंदर अब चुनाव नहीं लड़ूंगा. यह मेरा फैसला है.’
गहलोत के अनुसार, राहुल गांधी यात्रा पर निकले हैं और वह शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने राहुल जी से कहा था कि वह चुनाव लड़ें. उन्होंने अस्वीकार कर दिया. फिर मैंने कहा था कि चुनाव लड़ूंगा. अब मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.’
उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि इस बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी.
गहलोत के चुनावी दौड़ से बाहर होने के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारी में हैं.
सिंह ने गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव का नामांकन पत्र लिया और कहा कि वह संभवतः शुक्रवार को नामांकन दाखिल करेंगे.
लोकसभा सदस्य शशि थरूर 30 सितंबर को दोपहर में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरंभ हुई, जो 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
वैसे, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर राजस्थान में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया था. गत रविवार की शाम जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक इसमें शामिल नहीं हुए थे.
पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने इसे मंगलवार को ‘घोर अनुशासनहीनता’ करार दिया था और गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी. इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से उन तीन नेताओं को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिए गए.
इस बीच, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी गुरुवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी.
उन्होंने सोनिया के आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष अगले एक या दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी.’
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले थरूर और दिग्विजय ने मुलाकात की
वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे सांसद शशि थरूर ने दूसरे संभावित उम्मीदवार दिग्विजय सिंह से मुलाकात की और दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि यह प्रतिद्वंद्वियों के बीच लड़ाई नहीं, बल्कि दो सहयोगियों के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा.
सिंह से मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए थरूर ने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस जीतेगी.
Received a visit from @digvijaya_28 this afternoon. I welcome his candidacy for the Presidency of our Party. We both agreed that ours is not a battle between rivals but a friendly contest among colleagues. All we both want is that whoever prevails, @incIndia will win!✋🇮🇳 pic.twitter.com/Df6QdzZoRH
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 29, 2022
उन्होंने ट्वीट किया, ‘दिग्विजय सिंह मिलने आए. मैंने उनकी उम्मीदवारी का स्वागत किया. हम दोनों ने सहमति जताई कि यह दो प्रतिद्वंद्वियों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि दो सहयोगियों के बीच का दोस्ताना मुकाबला है. हम सभी चाहते हैं जो भी नतीजा हो, कांग्रेस जीतेगी.’
इससे पहले, पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय से नामांकन पत्र लेने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘नामांकन पत्र लेने आया हूं. संभवतः कल भरूंगा.’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी नेतृत्व की तरफ से यह कदम उठा रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैं अपने लिए खुद जिम्मेदार हूं.’ इस सवाल पर कि क्या वह अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल रहेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र वापस लिए जाने तक प्रतीक्षा करिए. यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह सब संदेश देने के लिए कर रहे हैं तो सिंह ने कहा, ‘आप लोग मुझे गंभीरता से क्यों नहीं लेते?’
उन्होंने 10 नामांकन फॉर्म लिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश से कांग्रेस के 10 से अधिक विधायक दिग्विजय सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का नामांकन दाखिल करने के दौरान प्रस्तावक बनने के लिए नई दिल्ली पहुंचेगे.
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को छोड़कर सिंह बुधवार देर रात दिल्ली पहुंचे और पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन पत्र हासिल किया. उनके शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की उम्मीद है.
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. गोविंद सिंह उन विधायकों में शामिल हैं जो नई दिल्ली का दौरा करेंगे. पार्टी अध्यक्ष के रूप में दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी का प्रस्तावक बनने के लिए क्या वह 10 अन्य विधायकों के साथ दिल्ली जा रहे हैं, इस सवाल पर गोविंद सिंह ने कहा, ‘केवल 10 नहीं, अधिक विधायक जा रहे हैं.’