ट्विटर ने बताया है कि यह क़दम भारत सरकार की मांग के बाद उठाया गया है.
नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तान सरकार के ट्विटर अकाउंट पर शनिवार को रोक लगा दी गई.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनी ने बताया है कि यह कदम केंद्र की मांग के जवाब में उठाया गया है.
इस साल की शुरुआत में सामने आया था कि भारत ट्विटर यूजर्स की जानकारी प्राप्त करने वाले देशों में दूसरे स्थान पर था. साथ ही इस मंच के उपयोगकर्ताओं के कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को आदेश देने वाले वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल था.
जुलाई में ट्विटर ने अपनी हालिया पारदर्शिता रिपोर्ट में बताया था कि ट्विटर खातों से जुड़ी जानकारी मांगने में भारत सिर्फ अमेरिका से पीछे था. वैश्विक स्तर पर मांगी गई जानकारी में उसकी हिस्सेदारी 19 फीसदी थी.
ट्विटर ने बताया कि जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच उसे दुनियाभर से सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों से जुड़े 349 एकाउंट पर मौजूद सामग्री को हटाने की कानूनी मांग मिली थीं. कंपनी के मुताबिक, जिन एकाउंट की सामग्री पर आपत्ति दर्ज कराई गई, उनकी संख्या पूर्व की अवधि (जनवरी से जून 2021) की तुलना में 103 फीसदी अधिक थी.
ट्विटर के अनुसार, इस वृद्धि के लिए मुख्य रूप से भारत (114), तुर्की (78), रूस (55) और पाकिस्तान (48) द्वारा दाखिल कानूनी आपत्तियां जिम्मेदार हैं.
मालूम हो कि भारत जनवरी से जून 2021 के बीच की अवधि में भी इस सूची में शीर्ष पर था. उस अवधि में ट्विटर को वैश्विक स्तर पर हासिल ऐसी कानूनी मांगों में से 89 भारत से जुड़ी थीं.
ट्विटर ने कहा था कि ‘कानूनी मांगों’ में सामग्री हटाने से संबंधित अदालती आदेश और अन्य औपचारिक मांगें शामिल हैं, जो सरकारी निकायों और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं से प्राप्त होती हैं.
बिना कोई विवरण देते हुए कंपनी ने बताया कि 2021 की दूसरी छमाही में वैश्विक स्तर पर प्रमाणित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के 17 ट्वीट हटाए गए, जबकि साल की पहली छमाही में ऐसे ट्वीट की संख्या 11 थी.
गौरतलब है कि इससे पहले बीते 27 जुलाई को केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2014 से 2020 के बीच केंद्र की मोदी सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को जारी किए गए सामग्री हटाने या ब्लॉक करने संबंधी आदेशों की संख्या में लगभग 2,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
2014 में ऐसे आदेशों की संख्या 471 थी, जो 2020 में बढ़कर 9,849 पहुंच गई. आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 तक ट्विटर को 1,122 ब्लॉकिंग के आदेश जारी किए गए थे, जबकि पूरे 2019 वर्ष में ऐसे आदेशों की संख्या 1,041 थी.
वर्ष 2021 में ट्विटर को आईटी अधिनियम-2000 की धारा 69(ए) के तहत 2,851 ब्लॉकिंग आदेश जारी किए गए थे, जो कि किसी भी वर्ष में सर्वाधिक हैं.