के. चंद्रशेखर राव ने अगले साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में यह क़दम उठाया है. इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस ने राव की आलोचना करते हुए कहा कि यह राजनीतिक लोभ का परिणाम है.
हैदराबाद: राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने की कवायद के साथ बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) किया गया.
पार्टी का नाम बदलने की घोषणा से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के नेता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को ‘राष्ट्रीय नेता’ करार दिया.
कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया तथा ‘टीआरएस और केसीआर जिंदाबाद’ के नारे लगाए. बैठक स्थल के अलावा शहर के तमाम हिस्सों में केसीआर को राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के लिए बधाई देने वाले पोस्टर लगाए गए हैं.
इससे पहले पार्टी अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पार्टी का नाम परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव पढ़ा और घोषणा की कि पार्टी की आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने का संकल्प लिया गया.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जनता दल (सेक्युलर) ने बुधवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की नाम परिवर्तन आमसभा की बैठक में हिस्सा लिया.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय संगठन जद (एस) का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना, मद्दुर विधायक डीसी थमन्ना और अन्य लोगों ने किया.
यह पहली बार नहीं है जब जद (एस) ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली टीआरएस के साथ हाथ मिलाया है. 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों क्षेत्रीय दल भाजपा और कांग्रेस को हराने के लिए साथ आए थे.
ತೆಲಂಗಾಣ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿ ಶ್ರೀ ಕೆ.ಚಂದ್ರಶೇಖರ್ ರಾವ್ ಅವರು @trspartyonline ಪಕ್ಷವನ್ನು ʼಭಾರತ್ ರಾಷ್ಟ್ರ ಸಮಿತಿʼ (BRS) ಹೆಸರಿನಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಪಕ್ಷವಾಗಿ ಘೋಷಣೆ ಮಾಡಿದ ಸಭೆಯಲ್ಲಿ ನಾನೂ ಭಾಗಿಯಾಗಿದ್ದೆ. ಈ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ಕೆಸಿಆರ್ ಅವರಿಗೆ ಮನಸಾರೆ ಶುಭ ಹಾರೈಸಿದೆ. 1/2 pic.twitter.com/2C7pIQIFpr
— ಹೆಚ್.ಡಿ.ಕುಮಾರಸ್ವಾಮಿ | H.D.Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) October 5, 2022
कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं उस बैठक में उपस्थित था जहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नाम से एक राष्ट्रीय संगठन के रूप में पार्टी की घोषणा की. केसीआर को इस अवसर पर शुभकामनाएं.’
जद (एस) केंद्र में गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी सरकार बनाने के लिए अखिल भारतीय पार्टी के रूप में टीआरएस की योजना का हिस्सा है.
गौरतलब है कि नाम परिवर्तन का कदम अगले साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है.
मालूम हो कि हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा था कि लोगों को 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुक्त भारत बनाने का संकल्प लेना चाहिए, तभी देश बचा सकते हैं.
उन्होंने कहा था, ‘हम सबको संकल्प लेना चाहिए और 2024 में ‘भाजपा मुक्त भारत’ बनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. हम लोगों को इस नारे के साथ आगे बढ़ना चाहिए. तभी हम देश को बचा सकते हैं, नहीं तो देश को बचाने का दूसरा कोई रास्ता नही है.’
पूरे देश की यात्रा करेंगे: चंद्रशेखर राव
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि वह अपनी पार्टी का नाम बदलकर ‘भारत राष्ट्र समिति’ (बीआरएस) करने के बाद पूरे देश की यात्रा करेंगे और इसकी शुरुआत पड़ोसी महाराष्ट्र से होगी.
टीआरएस का नाम एक बैठक के दौरान बदलकर बीआरएस कर दिया गया. इस बैठक को संबोधित करते हुए राव ने कहा कि पार्टी से संबद्ध किसान संघ सबसे पहले महाराष्ट्र से शुरू होगा.
उनके हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया कि महाराष्ट्र को गतिविधि के पहले क्षेत्र के रूप में चुना जाएगा.
उन्होंने लोगों की समस्याओं को अपनी राष्ट्रीय पार्टी का एजेंडा बताते हुए कहा कि किसानों, दलितों और अनुसूचित जनजातियों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तैयार थे तथा उन्होंने उनसे कहा कि वह उन्हें बाद में पार्टी के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करेंगे.
उन्होंने कहा कि देश में वैसा विकास नहीं हुआ है जैसा उसे करना चाहिए था. राव ने कहा कि वह देशवासियों के कल्याण और समृद्धि के लिए प्रयास करेंगे.
नाम बदलने पर भाजपा, कांग्रेस ने राव की आलोचना की, औवेसी ने किया स्वागत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलने को लेकर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की आलोचना करते हुए कहा कि यह राजनीतिक लोभ का परिणाम है, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस कदम का स्वागत किया.
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि राव ने तेलंगाना के अस्तित्व की हत्या कर दी और तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति रखने का काम पारिवारिक विवाद सुलझाने और राजनीतिक लालच को पूरा करने के लिए किया गया.
रेड्डी ने दावा किया कि केसीआर के नाम से जाने जाने वाले राव तेलंगाना में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं.
इस बीच, भाजपा की तेलंगाना इकाई के मुख्य प्रवक्ता के कृष्णा सागर राव ने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश की मुख्यमंत्री राव की योजना को ‘दुस्साहस’ करार दिया.
उन्होंने कहा कि राव जब अपनी सरकार को चलाने के लिए वित्तीय आधार पर संघर्ष कर रहे हैं तो ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के प्रयास का कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा पहली बार नहीं है, जबकि किसी क्षेत्रीय दल ने राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं रखी हों. वर्ष 1947 के बाद से कई क्षेत्रीय दलों ने कोशिश की और वे असफल रहे.’
उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि कोई ‘तेलंगाना मॉडल’ नहीं है और यह केवल मुख्यमंत्री की ‘कल्पना’ है. भाजपा नेता ने दावा किया कि राव का यह कदम उनके लिए नुकसानदेह साबित होगा.
इस बीच, एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने ट्वीट करके राव को बधाई दी और कहा, ‘मैं नई शुरुआत करने पर पार्टी को शुभकामनाएं देता हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)