जम्मू कश्मीरी: जेल में बंद अलगाववादी नेता अल्ताफ़ अहमद शाह की कैंसर से मौत

दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद एवं कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ़ अहमद शाह को छह अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 2017 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे.

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कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह अपनी बेटी पत्रकार रुवा शाह के साथ. (फोटो साभार: फेबसबुक)

दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद एवं कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ़ अहमद शाह को छह अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में 2017 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे.

कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह अपनी बेटी पत्रकार रुवा शाह के साथ. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद एवं कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह की मंगलवार तड़के दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर से मौत हो गई.

शाह की उम्र 66 वर्ष थी. उन्हें कुछ दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद तिहाड़ जेल से एम्स में भर्ती कराया गया था.

अल्ताफ की बेटी पत्रकार रुवा शाह ने कहा, ‘हमें अब्बू के गुजर जाने की खबर दी गई है.’ रुवा ने ट्वीट किया कि शाह ने एक कैदी के रूप में एम्स में अंतिम सांस ली.

शाह को छह अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था. तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे. वह कश्मीरी अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत के संस्थापक थे.

बीते सितंबर महीने में द वायर ने शाह की स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थितियों को लेकर एक रिपोर्ट की थी. उनकी बेटी रुवा ने ट्वीट कर उनकी हालत पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से उन्हें तिहाड़ जेल के बाहर उचित चिकित्सा देखभाल की अनुमति देने के लिए अनुरोध किया था.

रुवा शाह ने बीते 21 सितंबर को ट्विटर पर लिखा था, ‘मेरे पिता निमोनिया, अनियंत्रित शुगर और किडनी की बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित हैं. जेल अधिकारियों से अनुरोध किया है कि उन्हें जेल आईसीयू, जहां वह वर्तमान में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, के बजाय किसी बेहतर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाएं.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले छह महीनों से उनकी बेटी अधिकारियों से नियमित अपील कर रही थी कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है.

उनकी बेटी के अनुसार, शाह को गुर्दे के कैंसर का पता चला था जो उनके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था और उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था.

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते 1 अक्टूबर को आदेश दिया था कि शाह को दिल्ली के एम्स में स्थानांतरित कर दिया जाए, लेकिन उन्हें कुछ दिन पहले ही अस्पताल ले जाया गया था. अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि उनके बेटे या बेटी को उनसे रोजाना एक घंटे मिलने दिया जाए.

शाह ने अदालत को बताया था कि वह राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे थे, लेकिन हाल में पता चला कि वह गुर्दे के कैंसर से पीड़ित हैं.

उन्होंने दावा किया था कि आरएमएल में गुर्दे के कैंसर के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है. शाह ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें इलाज के लिए तत्काल एम्स या अपोलो अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

शाह के परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शाह के सबसे बड़े बेटे अनीस उल इस्लाम को ‘राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा’ होने के कारण अक्टूबर 2021 में धारा 311 (2) (सी) के तहत अपनी सरकारी नौकरी खोनी पड़ी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)