पुलिस ने बताया कि घटना झारखंड के गढ़वा ज़िले के पाल्हे गांव में बीते छह अक्टूबर को हुई थी. गांव के प्रधान और उसके लोगों ने दुर्गा की मूर्ति की तस्वीर खींचने पर कथित तौर पर पांच आदिवासियों को पीटा और दुर्व्यवहार किया था.
गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले में दुर्गा की मूर्ति की तस्वीर खींचने पर पांच आदिवासियों को गांव के प्रधान और उसके लोगों ने कथित तौर पर पीटा. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने कहा कि फोटो खींचने वाले व्यक्ति विनोद कोरवा का सिर भी मुंडवाया गया.
पुलिस ने बताया कि उक्त घटना राज्य की राजधानी रांची से करीब 210 किलोमीटर दूर पाल्हे गांव में बीते छह अक्टूबर को हुई थी.
उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के पांच लोगों और एक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) से संबंधित बीटा पंचायत के मुखिया सहित आठ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
चीनिया थाना प्रभारी बीरेंद्र हांसदा ने कहा, ‘पीड़ितों ने बीटा पंचायत के मुखिया रामेश्वर सिंह और सात अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. आरोपी को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है.’
विनोद कोरवा ने दावा किया, ‘जब मैं विसर्जन के दिन दुर्गा की मूर्ति की तस्वीर खींच रहा था, तो कुछ लोगों ने मुझे पूजा पंडाल से बाहर निकाल दिया और कहा कि मैं कोरवा जाति का हूं, इसलिए यहां नहीं रुक सकता.’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद उसी गांव के गंगा कोरवा, रूपेश कोरवा और अजय कोरवा आदि मुझे बचाने के लिए आए, लेकिन उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें भी पीटा गया.’
विनोद ने पुलिस को बताया कि अगले दिन मुखिया और तीन अन्य लोगों ने पांचों लोग को एक बैठक के बहाने बुलाया.
उन्होंने कहा, ‘हमें एक रस्सी से बांधने के बाद पीटा गया. मेरा सिर मुंडवा दिया और मेरा वीडियो भी बनाया गया.’
हालांकि, मुखिया ने कहा, ‘पांचों नशे की हालत में थे और उपद्रव कर रहे थे, इसलिए उन्हें पीटा गया.’
आदिम जनजाति परिषद के जिलाध्यक्ष नन्हेश्वर कोरवा ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार करते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.