जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा शहरी डिपार्टमेंटल स्टोर में बीयर बिक्री को मंज़ूरी देने पर विवाद

शहरी क्षेत्रों में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का ज़िक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि यह मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. भाजपा और कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा. (फोटो साभार: फेसबुक)

शहरी क्षेत्रों में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का ज़िक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि यह मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. भाजपा और कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा. (फोटो साभार: फेसबुक)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शहरी क्षेत्रों में बीयर और अन्य तत्काल उपभोग के लिए तैयार (रेडी-टू-ड्रिंक) पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने भाग लिया.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, ‘परिषद ने जम्मू कश्मीर शराब लाइसेंस और बिक्री नियम-1984 और आबकारी नीति 2023-24 में उदार प्रावधानों को शामिल करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के डिपार्टमेंटल स्टोर्स में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय की खुदरा बिक्री के लिए ‘जेकेईएल -2 ए’ लाइसेंस प्रदान करने को मंजूरी दी है.’

प्रवक्ता ने कहा कि किसी वाणिज्यिक परिसर में न्यूनतम 1200 वर्ग फुट के कुल क्षेत्र में संचालित और सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित वे डिपार्टमेंटल स्टोर योजना के तहत पात्र होंगे, जिनका जम्मू-श्रीनगर शहरों में न्यूनतम पांच करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार और अन्य शहरी क्षेत्रों में स्टोर के लिए दो करोड़ रुपये का कारोबार हो.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई डिपार्टमेंटल स्टोर का संचालन करने वाली वे कंपनियां, जिनका वार्षिक कारोबार 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हो, वे भी प्रत्येक स्टोर के लिए अलग से लाइसेंस का आवेदन कर सकती हैं.

डिपार्टमेंटल स्टोर आवेदन की तारीख से कम से कम एक साल पहले से संचालन में होना चाहिए.

इस फैसले को लेकर जम्मू में कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को भाजपा द्वारा नियंत्रित प्रशासन की कड़ी आलोचना की और इसे भाजपा द्वारा ऐतिहासिक तीर्थ स्थल जम्मू को दिया गया सबसे खराब उपहार बताया.

स्थानीय अखबार डेली एक्सेलसियर के मुताबिक, जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें योगेश साहनी, रविंदर शर्मा, मनमोहन सिंह और अन्य शामिल हुए.

भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जम्मू के लोगों ने भाजपा को 25 विधायक दिए और इसने बदले में यह बेहद ही खराब तोहफा दिया है. यह देखते हुए कि क्षेत्र में प्रतिष्ठित माता वैष्णो देवी का मंदिर है, ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण फैसला मंदिरों के सबसे पवित्र शहर और ऐतिहासिक तीर्थ स्थल की छवि को धूमिल करेगा.

रमन भल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर का स्तर कम करके और उससे राज्य का दर्जा छीनने के बाद, भाजपा का प्रॉक्सी प्रशासन ऐसे युवा विरोधी फैसलों का सहारा ले रहा है, जो जम्मू के युवाओं को शराब की लत लगाएंगे.

भाजपा पर तंज कसते हुए कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार के पास युवाओं के लिए नौकरी नहीं हैं और उन्हें पकौड़ा बेचने की सलाह दी थी और अब उन्हें आसानी से शराब उपलब्ध कराने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की बहुत बड़ी गलती है और इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. इसका असर जम्मू कश्मीर के लोगों और खासकर युवाओं पर पड़ेगा.

उन्होंने आगे कहा, ‘हम इस फैसले के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं और प्रशासन से इस पर पुनर्विचार का आग्रह करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यह कदम शांत और सुरक्षित इलाकों में भी नकारात्मक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है और युवा पीढ़ी पर प्रभाव डालता है, इसे बिल्कुल भी बढ़ावा न दिया जाना चाहिए.’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उपराज्यपाल के प्रशासन को ‘लुटेरों की सरकार’ करार दिया.

उधमपुर के एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में हर दिन एक नया प्रयोग होता है. पिछले दो साल में इस सरकार ने मंदिरों की नगरी में मंदिरों और स्कूलों के पास शराब के ठेके खोल दिए.’

वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन पर मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है.

मुफ्ती ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘उन्होंने (उपराज्यपाल के प्रशासन) कल (सोमवार) एक आदेश जारी कर डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब की बिक्री की अनुमति दी. उनके ‘मॉडल’ राज्य गुजरात के साथ-साथ बिहार में भी शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन यहां वे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए अलग कानून लाए हैं. उनके दमन का परिणाम सही नहीं होगा.’

बजरंग दल प्रमुख राकेश बजरंगी ने भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ जम्मू शहर में प्रदर्शन किया और उपराज्यपाल प्रशासन का पुतला जलाया.

मिशन स्टेटहु़ड जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने फैसले के खिलाफ रैली निकाली. अध्यक्ष मनीष साहनी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के पास अपने हाथों में मशाल लेकर विरोध किया.

साहनी ने कहा, ‘शराब की नदियां बहाकर और मंदिरों, संतों, देवताओं व पीर-पैगंबरों की जमीन पर छोटे व मझोले दुकानदारों का धंधा बंद कर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की साजिश रची जा रही है.’

यहां तक कि फैसले को लेकर स्वयं भारतीय जनता पार्टी ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर हमला बोला है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने कहा कि सरकार को हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.

फैसले की समीक्षा की मांग करते हुए गुप्ता ने कहा, ‘जम्मू को मंदिरों के शहर के तौर पर जाना जाता है. हम डिपार्टमेंटल स्टोर में बीयर और अन्य अल्कोहल वाले पेय पदार्थों की बिक्री के खिलाफ हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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