निर्वाचन आयोग की ओर से गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा नहीं की गई. गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है. वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा.
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी. इस पहाड़ी राज्य में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा, जबकि आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हिमाचल में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया.
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद 17 अक्टूबर से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘अक्टूबर के त्योहारी महीने में हम लोकतंत्र के त्योहार को जोड़ने जा रहे हैं.’
उम्मीदवारों के लिए नामांकन दाखिला 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक चलेगा.
आयोग की ओर से हालांकि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई. गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा.
हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा न करने पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि हम अभी के लिए गुजरात के लिए तारीखों की घोषणा को स्थगित रख रहे हैं.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने कहा, ‘कई राज्यों में चुनावों की घोषणा से कुछ के परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. साथ ही आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कुमार ने यह भी कहा कि आयोग घोषणा-पत्र पर राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है. कुमार ने पार्टियों द्वारा दिए गए तथाकथित मुफ्त उपहारों के बारे में कहा, ‘किसी भी चुनावी वादे को समझाया जाना चाहिए कि यह कैसे संभव है.’
आदर्श आचार संहिता की अवधि भी 70 दिनों से घटाकर 57 कर दी गई है, कुमार ने कहा, ‘आयोग नहीं चाहता कि प्रतिबंध बहुत लंबे समय तक लागू रहें.’
कुमार ने कहा कि मतदाताओं को प्रभावित करने वाली फर्जी खबरों के प्रभाव को रोकने के लिए आयोग ने सोशल मीडिया टीमों का भी गठन किया है, जो इंटरनेट पर ऐसी सामग्री की तलाश करेंगी.
पिछले दो वर्षों से चुनाव प्रक्रियाओं के दौरान लागू होने वाले कोविड प्रोटोकॉल पर कुमार ने कहा कि आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ राज्य के मुख्य सचिवों से भी परामर्श किया था.
उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 अब उतनी चिंता का विषय नहीं लगता है. हालांकि, राज्यों को कोविड की रोकथाम के लिए पांच गुना रणनीति का पालन करने के लिए कहा गया है. लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह का पालन करने की सलाह दी जाती है.’
मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वहां जीत दर्ज की थी. पिछले कुछ दशकों में इस पहाड़ी राज्य में सत्ताधारी पार्टी का फिर से सत्ता में लौटने में विफल रहने का इतिहास रहा है.
कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रलोभनमुक्त चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है.
हिमाचल में 55,07,261 योग्य मतदाता हैं. इनमें 27,80,208 पुरुष और 27,27,016 महिला मतदाता हैं. इनमें से 1,86,681 मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे. ये सभी 18 से 19 आयु वर्ग के हैं.
कुमार ने बताया कि 100 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1,184 है, जबकि 80 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1.22 लाख के करीब है.
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48.79 प्रतिशत मत हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 41.68 प्रतिशत मत मिले थे. निर्दलीय उम्मीदवारों को 6.34 प्रतिशत मत मिले थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)